Hemoglobin Electrophoresis (हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस) एक विशेष रक्त परीक्षण है जिसका उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि आपके शरीर में किस प्रकार का हीमोग्लोबिन मौजूद है। यह टेस्ट विशेष रूप से थैलेसीमिया (Thalassemia), सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) और अन्य हीमोग्लोबिन विकारों (Hemoglobinopathies) की पहचान के लिए उपयोगी होता है।
हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस क्या होता है ? (What is Hemoglobin Electrophoresis?)
इस परीक्षण में, रक्त में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के हीमोग्लोबिन प्रोटीन (Hemoglobin Proteins) को विद्युत प्रवाह (electric current) की सहायता से अलग किया जाता है। विभिन्न प्रकार के हीमोग्लोबिन (जैसे HbA, HbA2, HbF, HbS, HbC आदि) अलग-अलग वेग से गति करते हैं और इससे डॉक्टर यह पता लगा सकते हैं कि किसी व्यक्ति को कोई हीमोग्लोबिन संबंधी रोग है या नहीं।
इसकी जरूरत क्यों पड़ती है? (Reasons/Causes to Conduct the Test):
- हीमोग्लोबिन विकारों की पहचान
- थैलेसीमिया (Thalassemia) की पुष्टि
- सिकल सेल डिजीज (Sickle Cell Disease) का निदान
- विकसित या असामान्य हीमोग्लोबिन के प्रकार की जांच
- बच्चों या नवजात शिशुओं में अनुवांशिक रक्त विकारों का पता लगाना
- परिवार में इतिहास होने पर अनुवांशिक जांच के लिए
हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस के लक्षण (Symptoms of Hemoglobin Disorders):
- अत्यधिक थकान (Extreme fatigue)
- त्वचा का पीला पड़ना (Pale or yellowish skin)
- सांस लेने में तकलीफ (Shortness of breath)
- तेज़ दिल की धड़कन (Rapid heartbeat)
- बार-बार संक्रमण (Frequent infections)
- हड्डियों में दर्द या सूजन (Bone pain/swelling – especially in sickle cell disease)
- प्लीहा और यकृत का बढ़ जाना (Enlarged spleen/liver)
- विकास में देरी (Delayed growth in children)
हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट की प्रक्रिया (Test Procedure):
- नस से खून का सैंपल लिया जाता है
- प्रयोगशाला में इलेक्ट्रोफोरेसिस मशीन में सैंपल डाला जाता है
- विद्युत प्रवाह से विभिन्न हीमोग्लोबिन प्रकार अलग होते हैं
- परिणामों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाती है
हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस इलाज (Treatment Based on Findings):
यह टेस्ट स्वयं कोई बीमारी नहीं है, यह केवल निदान करता है। इलाज रिपोर्ट के अनुसार होता है:
- थैलेसीमिया: नियमित रक्त संचार (Blood Transfusion), फोलेट सप्लीमेंट
- सिकल सेल एनीमिया: दर्द निवारक, हाइड्रॉक्सी यूरिया, रक्त संचार
- HbC या HbE बीमारी: हल्के मामलों में इलाज नहीं चाहिए, गंभीर मामलों में डॉक्टर की देखरेख आवश्यक
- बोन मैरो ट्रांसप्लांट: गंभीर मामलों में अंतिम विकल्प
हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस कैसे रोके? (How to Prevent Hemoglobin Disorders):
- विवाह पूर्व जीन जांच (Genetic Screening)
- परिवार नियोजन के समय अनुवांशिक सलाह
- गर्भावस्था में समय पर जांच (Prenatal Diagnosis)
- नवजात शिशु की जन्म के समय स्क्रीनिंग
घरेलू उपाय (Home Remedies - Supplementary, not curative):
- आयरन से भरपूर आहार यदि शरीर में आयरन की कमी है
- फोलिक एसिड युक्त खाद्य जैसे – पालक, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ
- अधिक पानी पिएं – खासकर सिकल सेल डिजीज में
- संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई रखें
- डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सप्लीमेंट्स लें
सावधानियाँ (Precautions):
- टेस्ट से पहले डॉक्टर को सभी दवाओं की जानकारी दें
- यदि गर्भवती महिला हैं तो डॉक्टर को सूचित करें
- रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर से परामर्श लेकर ही निर्णय लें
- पारिवारिक इतिहास की जानकारी डॉक्टर को अवश्य दें
कैसे पहचाने कि यह टेस्ट कब कराना चाहिए? (How to Identify Need for Test):
- परिवार में थैलेसीमिया या सिकल सेल रोग का इतिहास हो
- बार-बार खून की कमी (अनुपचारित एनीमिया) हो
- बच्चों में विकास में बाधा हो
- डॉक्टर द्वारा CBC या अन्य रिपोर्ट में असामान्यता पाई जाए
- गर्भावस्था में भ्रूण में हीमोग्लोबिन विकार का संदेह हो
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्र.1: क्या यह टेस्ट फास्टिंग में होता है?
उत्तर: नहीं, फास्टिंग की आवश्यकता नहीं होती।
प्र.2: टेस्ट के लिए कितनी कीमत आती है?
उत्तर: यह टेस्ट ₹800 से ₹2000 के बीच होता है, स्थान और लैब पर निर्भर करता है।
प्र.3: क्या यह टेस्ट बच्चों में भी किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, नवजात से लेकर सभी आयु के व्यक्तियों में किया जा सकता है।
प्र.4: रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है?
उत्तर: आमतौर पर 2 से 5 दिन के भीतर रिपोर्ट मिल जाती है।
प्र.5: क्या हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस से थैलेसीमिया की पुष्टि हो जाती है?
उत्तर: हाँ, यह टेस्ट थैलेसीमिया मेजर, इंटरमीडिएट और माइनर की सटीक पहचान कर सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट एक प्रभावी जांच है जो अनुवांशिक रक्त विकारों की समय रहते पहचान में सहायक है। इससे थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया और अन्य दुर्लभ हीमोग्लोबिन विकारों का निदान संभव है। यदि परिवार में रक्त संबंधी बीमारियों का इतिहास है, तो यह टेस्ट जरूर करवाएं और समय पर उपचार शुरू करें।
