LFT (Liver Function Test), KFT (Kidney Function Test) और Coagulation Profile तीनों एक साथ किये जाने वाले रक्त परीक्षण हैं जो यकृत (liver), गुर्दे (kidney), और रक्त के थक्के बनने (blood clotting) की प्रक्रिया को जांचने के लिए किए जाते हैं। यह टेस्ट विशेष रूप से तब आवश्यक होता है जब मरीज में लीवर, किडनी या खून का बहाव (bleeding tendency) से संबंधित समस्या हो।
LFT/KFT with Coagulation Profile Test क्या होता है (What is LFT/KFT with Coagulation Profile Test)?
1. LFT (Liver Function Test):
यह टेस्ट लीवर के एंजाइम, प्रोटीन और बिलीरुबिन स्तर को मापता है जिससे यह पता चलता है कि लीवर कितना स्वस्थ है।
2. KFT (Kidney Function Test):
यह परीक्षण रक्त में क्रिएटिनिन (Creatinine), ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN), और इलेक्ट्रोलाइट्स की जाँच करता है जिससे किडनी की कार्यक्षमता जानी जाती है।
3. Coagulation Profile:
इसमें PT (Prothrombin Time), INR (International Normalized Ratio), और aPTT (Activated Partial Thromboplastin Time) शामिल होते हैं, जो रक्त के थक्के बनने की गति और क्षमता को दर्शाते हैं।
परीक्षण के कारण (Causes for Test):
- लीवर या किडनी रोग की आशंका
- रक्तस्राव की प्रवृत्ति (Bleeding disorder)
- ऑपरेशन या सर्जरी से पहले जांच
- हेपेटाइटिस, सिरोसिस जैसी बीमारियों की पुष्टि
- लंबे समय से चल रही दवा (जैसे पेन किलर, एंटीबायोटिक) के प्रभाव की जांच
- थक्के बनने या अत्यधिक खून बहने की स्थिति
- थ्रोम्बोसिस, DIC (Disseminated Intravascular Coagulation) की आशंका
LFT/KFT with Coagulation Profile Test के लक्षण (Symptoms of Liver/Kidney/Coagulation Disorders):
- पीलापन (Jaundice) – आँखों और त्वचा में
- पेशाब में झाग या कम मात्रा (Foamy or reduced urination)
- पैरों या चेहरे पर सूजन (Swelling in legs/face)
- अत्यधिक थकान (Severe fatigue)
- उल्टी या मतली (Nausea/vomiting)
- शरीर पर बिना कारण के नीले निशान (Unexplained bruises)
- नाक या मसूड़ों से खून आना (Bleeding from nose/gums)
- पेशाब या मल में खून (Blood in urine or stool)
- सांस फूलना (Shortness of breath – in kidney failure)
- बार-बार संक्रमण होना (Frequent infections)
परीक्षण की प्रक्रिया (Test Procedure):
- मरीज का ब्लड सैंपल खाली पेट लिया जाता है।
- सैंपल को प्रयोगशाला में भेजा जाता है जहां विभिन्न पैरामीटर्स की जांच की जाती है जैसे –
- LFT: SGOT, SGPT, Bilirubin, Albumin
- KFT: Creatinine, BUN, Sodium, Potassium
- Coagulation: PT, INR, aPTT
- रिपोर्ट आमतौर पर 24 घंटे में उपलब्ध हो जाती है।
रिपोर्ट की व्याख्या (Report Interpretation):
LFT में सामान्य से ऊँचे या नीचे मान संकेत देते हैं:
- हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, सिरोसिस, लिवर फेलियर
KFT में बदलाव संकेत करता है:
- क्रॉनिक किडनी डिजीज, एक्यूट किडनी फेलियर, डिहाइड्रेशन
Coagulation Profile में असामान्य मान बताते हैं:
- रक्तस्राव विकार (Bleeding disorder)
- विटामिन K की कमी
- लिवर फेलियर से संबंधित थक्का बनने की समस्या
LFT/KFT with Coagulation Profile Test इलाज (Treatment):
- कारण पर आधारित इलाज किया जाता है – जैसे
- लीवर के लिए हेपाटोप्रोटेक्टिव दवाएं
- किडनी फेलियर में डायलिसिस
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर में विटामिन K, FFP (Fresh Frozen Plasma)
- डाइट कंट्रोल और लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन
- दवा सेवन में सावधानी और मॉनिटरिंग
कैसे रोके लीवर, किडनी और ब्लड डिसऑर्डर (Prevention):
- शराब और धूम्रपान से बचें
- प्रदूषण और दूषित भोजन से दूरी
- हाई बीपी और शुगर को कंट्रोल में रखें
- दर्द निवारक और स्टेरॉयड का अधिक सेवन न करें
- पानी अधिक पिएं और हाइड्रेटेड रहें
- लीवर और किडनी की नियमित जांच कराएं अगर फैमिली हिस्ट्री हो
घरेलू उपाय (Home Remedies):
- नीम और गिलोय का काढ़ा – लीवर के लिए
- नारियल पानी और तरबूज – किडनी को साफ रखने के लिए
- तुलसी और अदरक की चाय – सूजन कम करने हेतु
- हल्दी वाला दूध – सूक्ष्म रक्तस्राव में लाभदायक
- दही और लहसुन – एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनिटी के लिए
इन उपायों का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के साथ ही करें।
सावधानियाँ (Precautions):
- टेस्ट के पहले 8-10 घंटे तक कुछ न खाएं (फास्टिंग)
- ब्लड थिनर दवाएं टेस्ट से पहले बंद करने की सलाह डॉक्टर से लें
- रिपोर्ट आने के बाद स्वयं दवा न लें
- हर बदलाव को डॉक्टर को दिखाएं
- घरेलू उपचारों को मुख्य इलाज का विकल्प न समझें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):
Q. क्या ये तीनों टेस्ट एक साथ किए जा सकते हैं?
हाँ, ब्लड सैंपल से एक साथ LFT, KFT और Coagulation Profile किए जाते हैं।
Q. टेस्ट की रिपोर्ट कब मिलती है?
अधिकतर मामलों में रिपोर्ट 12-24 घंटों में मिल जाती है।
Q. क्या यह टेस्ट फास्टिंग में होता है?
हाँ, LFT और KFT के लिए 8-10 घंटे का उपवास आवश्यक होता है।
Q. रिपोर्ट में कोई भी असामान्यता हो तो क्या करना चाहिए?
तुरंत किसी योग्य फिजिशियन या गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट/नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
LFT/KFT with Coagulation Profile Test कैसे पहचाने (How to Identify the Need for This Test):
यदि आपको पीलिया, पेशाब में बदलाव, सूजन, थकान, सांस लेने में तकलीफ, या असामान्य रक्तस्राव हो रहा है तो यह टेस्ट आवश्यक हो सकता है। डॉक्टर की सलाह से यह टेस्ट करवाएं।
निष्कर्ष (Conclusion):
LFT/KFT with Coagulation Profile एक व्यापक और अत्यंत आवश्यक ब्लड टेस्ट है जो शरीर के तीन महत्वपूर्ण हिस्सों – लीवर, किडनी और रक्त जमाव प्रणाली की स्थिति की सटीक जानकारी देता है। यह न केवल बीमारी की पहचान करता है, बल्कि इलाज की दिशा भी तय करता है। इसलिए लक्षणों की अनदेखी न करें और समय रहते जांच कराएं।