Liver Biopsy (लीवर बायोप्सी) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर लीवर (यकृत) की एक छोटी ऊतक (Tissue) का नमूना निकालकर माइक्रोस्कोप के माध्यम से उसकी जांच करते हैं। यह प्रक्रिया लीवर की बीमारियों, सूजन (Inflammation), संक्रमण (Infection), या कैंसर की पुष्टि के लिए की जाती है।
लीवर बायोप्सी क्या होता है (What is Liver Biopsy):
Liver Biopsy में एक विशेष सुई की मदद से त्वचा के माध्यम से लीवर का टिशू सैंपल निकाला जाता है। इसे विशेष तौर पर तब किया जाता है जब लीवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test – LFT) में असामान्यता पाई जाती है या डॉक्टर को लीवर से जुड़ी बीमारी की पुष्टि करनी होती है।
लीवर बायोप्सी के कारण (Causes for Liver Biopsy):
- लीवर एंजाइम्स (ALT/AST) का लगातार बढ़ा हुआ स्तर
- फैटी लिवर (Fatty Liver) की जाँच
- हेपेटाइटिस B या C की गंभीरता को समझना
- लीवर में फाइब्रोसिस (Fibrosis) या सिरोसिस (Cirrhosis) का पता लगाना
- लिवर ट्यूमर या कैंसर की पुष्टि
- लीवर ट्रांसप्लांट के बाद निगरानी
- Wilson disease, Hemochromatosis जैसी दुर्लभ बीमारियों की जांच
लीवर से जुड़ी समस्याओं के लक्षण (Symptoms of Liver Problems):
- थकावट और कमजोरी
- आंखों या त्वचा का पीला होना (Pale eyes or jaundice)
- पेट में सूजन या दर्द
- भूख न लगना
- उल्टी या मिचली आना
- गहरे रंग का पेशाब
- हल्के रंग का मल
- लगातार वजन घटना
- शरीर पर खुजली या लाल चकत्ते
लीवर बायोप्सी की प्रक्रिया (Procedure of Liver Biopsy):
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तैयारी (Preparation):
- खून की जांच (Coagulation profile) की जाती है
- ब्लड थिनर दवाएं रोक दी जाती हैं
- फास्टिंग (खाली पेट) रहना पड़ता है
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प्रक्रिया (Procedure):
- लोकल एनेस्थीसिया देकर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से पर सुई डाली जाती है
- लीवर से टिशू सैंपल लिया जाता है
- पूरी प्रक्रिया लगभग 20-30 मिनट में पूरी होती है
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रिकवरी (Recovery):
- 2-4 घंटे ऑब्ज़र्वेशन में रखा जाता है
- 24 घंटे विश्राम जरूरी होता है
जांच कैसे की जाती है (How the Sample is Tested):
टिशू को माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर लिवर में सूजन, वसा, संक्रमण या कैंसर सेल्स की पहचान की जाती है।
कैसे पहचाने कि लीवर बायोप्सी की जरूरत है (When Liver Biopsy is Needed):
- LFT रिपोर्ट में लंबे समय तक असामान्यता
- सोनोग्राफी या CT स्कैन में लीवर पर संदेहास्पद दाग या गांठ
- वायरल हेपेटाइटिस की स्टेज जानने के लिए
- लीवर की कार्यक्षमता में गिरावट
लीवर बायोप्सी इलाज (Treatment Based on Biopsy Results):
- फैटी लिवर या हल्की सूजन: डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव
- हेपेटाइटिस या संक्रमण: एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाएं
- सिरोसिस या कैंसर: आगे की दवाएं, कीमोथेरेपी, या सर्जरी
- ऑटोइम्यून लीवर डिजीज: स्टेरॉइड या इम्यूनोमॉडुलेटर दवाएं
कैसे रोके लीवर की समस्याएं (Prevention Tips for Liver Diseases):
- शराब और धूम्रपान से परहेज
- संतुलित और कम वसायुक्त आहार
- समय पर हेपेटाइटिस के टीके लगवाना
- वजन नियंत्रित रखना
- नियमित व्यायाम
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का सेवन न करें
- हल्दी दूध का सेवन
- आंवला या एलोवेरा रस
- ग्रीन टी
- नींबू पानी और फाइबर युक्त भोजन
- गुड़ और अजवाइन का सेवन
- लहसुन और धनिया का सेवन
सावधानियाँ (Precautions After Liver Biopsy):
- 24 घंटे तक विश्राम करें
- भारी सामान न उठाएं
- खून आना, चक्कर या सांस की तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- 1 सप्ताह तक तैराकी या व्यायाम से बचें
- दर्द के लिए केवल डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं ही लें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):
प्र.1: क्या लीवर बायोप्सी से दर्द होता है?
उत्तर: लोकल एनेस्थीसिया से दर्द बहुत कम होता है, हल्का असहज लग सकता है।
प्र.2: क्या यह प्रक्रिया सुरक्षित है?
उत्तर: हां, यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन खून बहना, दर्द या संक्रमण का हल्का जोखिम हो सकता है।
प्र.3: क्या बायोप्सी के बाद अस्पताल में रुकना पड़ता है?
उत्तर: आमतौर पर 4-6 घंटे की निगरानी के बाद मरीज घर जा सकता है।
प्र.4: बायोप्सी का परिणाम कब मिलता है?
उत्तर: रिपोर्ट आमतौर पर 3-5 दिनों में आ जाती है।
प्र.5: क्या बायोप्सी से कैंसर फैल सकता है?
उत्तर: नहीं, यह एक मिथक है। बायोप्सी से कैंसर नहीं फैलता।
निष्कर्ष (Conclusion):
Liver Biopsy (लीवर बायोप्सी) एक महत्वपूर्ण जांच है जो लीवर की बीमारियों की सटीक पहचान में मदद करती है। समय पर बायोप्सी कराने से गंभीर बीमारियों जैसे सिरोसिस या लिवर कैंसर की पुष्टि और इलाज संभव हो पाता है। यदि आपके लक्षण या रिपोर्ट संदेहास्पद हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह पर यह जांच अवश्य कराएं।