मेटाबोलिक स्क्रीनिंग पैनल (Metabolic Screening Panel) एक अत्यंत महत्वपूर्ण जाँच है जो नवजात शिशुओं में जन्मजात मेटाबोलिक, हार्मोनल और जेनेटिक रोगों का प्रारंभिक चरण में पता लगाने के लिए की जाती है। इसका उद्देश्य गंभीर विकारों की पहचान कर समय रहते उनका इलाज शुरू करना होता है जिससे भविष्य में गंभीर जटिलताओं से बचाव किया जा सके।
मेटाबोलिक स्क्रीनिंग पैनल क्या होता है ? (What is Metabolic Screening Panel?)
यह एक प्रकार का रक्त परीक्षण है जो नवजात शिशु के जन्म के 24 से 72 घंटे के भीतर उसकी एड़ी (heel prick) से कुछ बूंद रक्त लेकर किया जाता है। यह टेस्ट निम्नलिखित बीमारियों की जांच करता है:
- फेनिलकीटोनूरिया (Phenylketonuria - PKU)
- कॉनजेनिटल हाइपोथायरॉइडिज्म (Congenital Hypothyroidism)
- गलेक्टोसीमिया (Galactosemia)
- सिकल सेल एनिमिया (Sickle Cell Anemia)
- बायोटिनिडेस की कमी (Biotinidase Deficiency)
- कई इनबॉर्न एरर्स ऑफ मेटाबोलिज्म (Inborn Errors of Metabolism)
- कॉनजेनिटल एड्रिनल हाइपरप्लासिया (Congenital Adrenal Hyperplasia)
- सीएफटीआर संबंधित बीमारियां (CFTR-related disorders)
मेटाबोलिक विकारों के लक्षण (Symptoms of Metabolic Disorders in Newborns):
- अत्यधिक नींद या सुस्ती (Lethargy)
- दूध पीने में परेशानी (Feeding difficulties)
- उल्टी या दस्त (Vomiting or diarrhea)
- साँस लेने में कठिनाई (Breathing difficulty)
- शरीर पर विशेष गंध (Unusual body odor)
- दौरे पड़ना (Seizures)
- शरीर का तापमान असामान्य रहना (Abnormal body temperature)
- विकास में देरी (Delayed development)
मेटाबोलिक स्क्रीनिंग पैनल कारण (Causes):
- अनुवांशिक दोष (Genetic mutations)
- माता-पिता में छिपे हुए जीन (Recessive inherited genes)
- एंजाइम की कमी (Enzyme deficiencies)
- मेटाबोलिक प्रक्रिया में रुकावट (Disruption in metabolic pathways)
निदान (Diagnosis):
- हील प्रिक टेस्ट (Heel prick test): नवजात की एड़ी से रक्त की कुछ बूंदें ली जाती हैं।
- टैंडेम मास स्पेक्ट्रोमेट्री (Tandem Mass Spectrometry): इससे एक साथ कई विकारों की पहचान हो सकती है।
- डीएनए टेस्ट (DNA Testing): किसी विशेष जेनेटिक म्यूटेशन की पुष्टि के लिए।
मेटाबोलिक स्क्रीनिंग पैनल इलाज (Treatment):
- विशेष आहार प्रबंधन (Special dietary management)
- दवाओं का सेवन (Medication as per condition)
- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone replacement therapy)
- आपातकालीन योजना (Emergency care plan)
इलाज पूरी तरह विकार पर निर्भर करता है।
मेटाबोलिक स्क्रीनिंग पैनल इसे कैसे रोके (Prevention):
- गर्भावस्था की पूर्व जांच (Genetic counseling before conception)
- पारिवारिक इतिहास की जानकारी
- शिशु के जन्म के तुरंत बाद स्क्रीनिंग करवाना
- माता-पिता में किसी मेटाबोलिक विकार की मौजूदगी हो तो परीक्षण जरूर करवाएं
घरेलू उपाय (Home Remedies):
यह जांच जन्मजात बीमारियों की पहचान के लिए होती है, इसलिए घरेलू उपाय की बजाय विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह और चिकित्सा ही सर्वोत्तम होती है।
सावधानियाँ (Precautions):
- शिशु का परीक्षण समय पर करवाएं (24-72 घंटे के भीतर)
- यदि परिवार में मेटाबोलिक या जेनेटिक विकार हो तो डॉक्टर को सूचित करें
- टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सकीय परामर्श लें
- पोषणयुक्त और संतुलित आहार सुनिश्चित करें यदि विशेष डायट रिकमेंड की गई हो
मेटाबोलिक स्क्रीनिंग पैनल कैसे पहचाने (How to Identify):
- जन्म के कुछ दिनों के भीतर कोई असामान्य लक्षण दिखें
- शिशु सुस्त हो या दूध न पी रहा हो
- परीक्षण रिपोर्ट में किसी विकार की पुष्टि हो जाए
- डॉक्टर द्वारा बताए गए संकेत या पूर्वानुमान
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्रश्न 1: मेटाबोलिक स्क्रीनिंग क्यों ज़रूरी है?
उत्तर: यह गंभीर जन्मजात बीमारियों की समय रहते पहचान कर इलाज सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
प्रश्न 2: यह टेस्ट कब करवाना चाहिए?
उत्तर: नवजात के जन्म के 24 से 72 घंटे के भीतर।
प्रश्न 3: क्या यह टेस्ट सभी शिशुओं के लिए अनिवार्य है?
उत्तर: कई देशों में यह अनिवार्य है, भारत में भी बड़े अस्पतालों और शिशु विशेषज्ञ इसे ज़रूरी मानते हैं।
प्रश्न 4: अगर रिपोर्ट पॉज़िटिव आती है तो क्या करें?
उत्तर: तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क कर इलाज शुरू करें।
प्रश्न 5: क्या यह टेस्ट एक बार ही करना होता है?
उत्तर: आमतौर पर एक बार ही किया जाता है, लेकिन किसी संदेह की स्थिति में दोबारा पुष्टि हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion):
मेटाबोलिक स्क्रीनिंग पैनल फॉर न्यूबॉर्न्स एक महत्वपूर्ण जांच है जो नवजात शिशु को गंभीर बीमारियों से बचा सकती है। समय पर की गई यह जांच शिशु के संपूर्ण विकास और बेहतर स्वास्थ्य के लिए अत्यावश्यक है। माता-पिता को इसकी जागरूकता होनी चाहिए ताकि वे अपने शिशु को स्वस्थ और सुरक्षित जीवन दे सकें।