Renal Scintigraphy, जिसे DTPA scan या EC scan भी कहा जाता है, एक विशेष न्यूक्लियर मेडिसिन टेस्ट (Nuclear Medicine Test) है जो किडनी (गुर्दे) की संरचना और कार्य को मापने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में रेडियोसक्रिय पदार्थ (radioactive tracer) का उपयोग किया जाता है जो किडनी के रक्त प्रवाह, मूत्र के निर्माण और निकास की जांच में मदद करता है।
Renal Scintigraphy क्या होता है ? (What is Renal Scintigraphy?)
Renal scintigraphy एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट है जिसमें एक रेडियोएक्टिव ट्रेसर (जैसे DTPA या EC) को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। उसके बाद गामा कैमरा की मदद से किडनी की गतिविधियों की तस्वीरें ली जाती हैं।
- DTPA (Diethylene Triamine Pentaacetic Acid) स्कैन: किडनी के फ़िल्टरेशन (GFR) को मापने के लिए
- EC (Ethylene Dicysteine) स्कैन: किडनी के ट्यूब्युलर फ़ंक्शन को देखने के लिए उपयोगी
Renal Scintigraphy क्यों किया जाता है यह टेस्ट? (Causes for recommending the test):
यह टेस्ट निम्नलिखित स्थितियों में उपयोगी होता है:
- दोनों किडनी का काम कितना है, यह जानने के लिए
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उसका कार्य देखना
- किडनी में रुकावट (obstruction) का मूल्यांकन
- रेनल आर्टरी स्टेनोसिस (renal artery stenosis) की जांच
- GFR (Glomerular Filtration Rate) की सटीक गणना
- पेशाब रुकने या वापस आने (reflux) की स्थिति
लक्षण जिनमें यह टेस्ट कराया जा सकता है (Symptoms of Conditions Requiring This Test):
- बार-बार पेशाब में जलन या संक्रमण
- शरीर में सूजन या चेहरा फूलना
- पेशाब में खून
- पीठ या साइड में दर्द
- उच्च रक्तचाप (Hypertension)
- पेशाब कम या रुक-रुक कर आना
- किडनी फेलियर का संदेह
टेस्ट की प्रक्रिया (Procedure of Renal Scintigraphy):
- मरीज को टेस्ट से पहले कोई विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती, लेकिन हाइड्रेशन ज़रूरी हो सकता है।
- मरीज को एक रेडियोएक्टिव ट्रेसर (DTPA या EC) इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है।
- मरीज को गामा कैमरा के नीचे लेटा दिया जाता है, जो शरीर से निकलने वाली रेडिएशन को कैप्चर करता है।
- 30 मिनट से 1 घंटे तक स्कैन किया जाता है, जिसमें समय-समय पर तस्वीरें ली जाती हैं।
- यदि डायनामिक स्टडी हो तो मूत्र को निकालने के लिए फ्यूरोसेमाइड (Furosemide) नामक दवा भी दी जा सकती है।
कैसे पहचाने कि यह टेस्ट ज़रूरी है? (How to identify the need for the test?)
यदि डॉक्टर को संदेह हो कि आपकी किडनी ठीक से कार्य नहीं कर रही या किसी एक किडनी में खराबी है, या ट्रांसप्लांट के बाद कार्य का मूल्यांकन करना है, तब यह टेस्ट कराया जाता है।
Renal Scintigraphy इलाज (Treatment Based on Test):
यह टेस्ट उपचार नहीं है बल्कि निदान का माध्यम है। इसके आधार पर डॉक्टर यह तय करते हैं कि:
- कौन-सी किडनी कमजोर है
- क्या मूत्र प्रणाली में कोई रुकावट है
- किडनी कितनी फ़िल्ट्रेशन कर पा रही है
- क्या ट्रांसप्लांट की गई किडनी सही से काम कर रही है
नतीजों के आधार पर आगे की दवाएं, सर्जरी या प्रक्रियाएं तय होती हैं।
इसे कैसे रोके? (How to prevent kidney-related problems):
- अधिक पानी पिएँ ताकि विषैले पदार्थ बाहर निकलें
- हाई बीपी और डायबिटीज को नियंत्रित रखें
- नेफ्रोटॉक्सिक दवाओं का बिना डॉक्टर सलाह सेवन न करें
- नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं
- प्रोसेस्ड और अधिक नमक वाले खाने से परहेज़ करें
घरेलू उपाय (Home Remedies for Kidney Health):
- धनिया और अजवाइन का काढ़ा मूत्र संबंधी संक्रमण में उपयोगी हो सकता है
- नींबू पानी और नारियल पानी किडनी डिटॉक्स में मदद करते हैं
- हल्का नमक रहित भोजन और फलों का सेवन
- त्रिफला और गिलोय जैसे आयुर्वेदिक तत्वों का सेवन डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है
(नोट: ये केवल सामान्य स्वास्थ्य के लिए सहायक हो सकते हैं। बीमारी की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें।)
सावधानियाँ (Precautions):
- यह टेस्ट पूर्णतः सुरक्षित होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को न कराने की सलाह दी जाती है
- यदि आपको किसी दवा से एलर्जी हो तो डॉक्टर को पहले बताएं
- टेस्ट के बाद अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है ताकि ट्रेसर जल्दी बाहर निकले
- छोटे बच्चों और बुजुर्गों में विशेष सावधानी रखनी चाहिए
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
Q. क्या Renal Scintigraphy से दर्द होता है?
A. नहीं, यह पूरी तरह से दर्दरहित और नॉन-इनवेसिव टेस्ट है।
Q. क्या इस टेस्ट में रेडिएशन का खतरा है?
A. ट्रेसर की मात्रा बहुत कम होती है और शरीर से कुछ घंटों में बाहर निकल जाती है।
Q. क्या डायबिटिक और हाई बीपी मरीज यह टेस्ट कर सकते हैं?
A. हाँ, यह टेस्ट इन मरीजों में किडनी की स्थिति जानने में विशेष रूप से उपयोगी होता है।
Q. क्या इसके बाद अस्पताल में रुकना पड़ता है?
A. नहीं, यह एक आउटपेशेंट (बिना भर्ती किए जाने वाला) टेस्ट होता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
Renal Scintigraphy (DTPA/EC Scan) किडनी की कार्यक्षमता और संरचना को समझने के लिए एक सुरक्षित, प्रभावी और आधुनिक तकनीक है। यह उन मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी है जिन्हें किडनी संबंधी रोग हैं या जिनका ट्रांसप्लांट हुआ है। अगर आपके डॉक्टर यह टेस्ट सुझाएं तो बिना संकोच इसे कराएं और आगे का उपचार योजना निर्धारित करें।