टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री (Tandem Mass Spectrometry - MS/MS) एक अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक तकनीक है जिसका उपयोग शरीर में मौजूद अणुओं, जैव-रसायनों (biomolecules), और चयापचयी बीमारियों (metabolic disorders) का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण विशेष रूप से नवजात शिशुओं (newborns) की स्क्रीनिंग में उपयोगी है।
टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री क्या है ? (What is Tandem Mass Spectrometry?)
यह एक विश्लेषणात्मक तकनीक है जिसमें दो या अधिक मास स्पेक्ट्रोमीटर (mass spectrometers) को एक साथ जोड़ा जाता है। यह तकनीक किसी सैंपल में मौजूद अणुओं का विश्लेषण करके उनकी संरचना, मात्रा और पहचान करने में सक्षम होती है।
इसे MS/MS भी कहा जाता है क्योंकि यह दो स्तरों पर आयनों (ions) का विश्लेषण करती है।
टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री उपयोग (Uses of Tandem Mass Spectrometry):
- नवजात शिशुओं में दुर्लभ चयापचयी बीमारियों की स्क्रीनिंग
- इनबॉर्न एरर ऑफ मेटाबोलिज्म (Inborn Errors of Metabolism) की पहचान
- ड्रग टेस्टिंग (Drug Testing)
- पोषण संबंधी विकारों की जाँच
- कैंसर बायोमार्कर डिटेक्शन
टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री की प्रक्रिया (Procedure of MS/MS):
- रक्त या पेशाब का सैंपल लिया जाता है (अक्सर नवजात के हील प्रिक से)
- सैंपल को उच्च ताप और दबाव के माध्यम से आयनों में बदला जाता है
- पहले स्पेक्ट्रोमीटर में आयनों को उनके मास-चार्ज रेशियो (mass/charge ratio) के अनुसार विभाजित किया जाता है
- चयनित आयन को दूसरा स्पेक्ट्रोमीटर आगे विश्लेषण करता है
टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री कारण (Why MS/MS is Performed):
- नवजात शिशुओं में गंभीर रोगों की जल्द पहचान के लिए
- फॉल्टी मेटाबोलिज्म या हार्मोनल असंतुलन की जांच के लिए
- ड्रग्स, टॉक्सिन्स, या स्टेरॉयड डिटेक्शन के लिए
लक्षण जिनके आधार पर यह टेस्ट किया जा सकता है (Symptoms of Metabolic Disorders for MS/MS):
- लगातार उल्टी (Persistent vomiting)
- सुस्ती और कमजोरी (Lethargy and weakness)
- मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle weakness)
- विकास में देरी (Delayed development)
- दौरे (Seizures)
- त्वचा या मूत्र से अजीब गंध आना (Abnormal odor in skin or urine)
टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री कैसे पहचाने (Diagnosis via MS/MS):
- रक्त सैंपल का उपयोग करके कई रोगों की एक साथ स्क्रीनिंग की जाती है
- रिपोर्ट में विशिष्ट एंजाइम या मेटाबोलाइट का स्तर असामान्य होने पर बीमारी की पुष्टि होती है
टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री इलाज (Treatment):
टेस्ट से बीमारी की पहचान के बाद:
- डायट कंट्रोल
- दवा जैसे कि L-carnitine, biotin, vitamin B12
- नियमित फॉलोअप
- जेनेटिक काउंसलिंग
इलाज पूरी तरह रोग पर निर्भर करता है।
रोकथाम (Prevention):
- परिवार में पहले से बीमारी हो तो गर्भावस्था में जेनेटिक काउंसलिंग कराएं
- नवजात स्क्रीनिंग नियमित रूप से कराएं
- पौष्टिक आहार और सही वैक्सीनेशन
घरेलू उपाय (Home Remedies):
टेस्ट-आधारित बीमारियों में घरेलू उपाय सीमित होते हैं, लेकिन निम्न सावधानियाँ फायदेमंद हो सकती हैं:
- प्रोटीन का सीमित सेवन यदि डॉक्टर निर्देश दे
- हाइड्रेशन बनाए रखें
- विटामिन सप्लीमेंट समय पर लें
सावधानियाँ (Precautions):
- किसी भी संदिग्ध लक्षण पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
- नवजात का समय पर स्क्रीनिंग कराना न भूलें
- घरेलू उपाय के बजाय डॉक्टर द्वारा बताए गए प्लान को फॉलो करें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्र.1: क्या MS/MS टेस्ट दर्दनाक है?
उत्तर: नहीं, यह केवल रक्त सैंपल से किया जाता है।
प्र.2: इस टेस्ट की रिपोर्ट कब मिलती है?
उत्तर: सामान्यतः 3 से 5 दिनों में।
प्र.3: क्या यह टेस्ट केवल नवजात के लिए है?
उत्तर: अधिकतर, लेकिन वयस्कों में भी उपयोग हो सकता है।
प्र.4: क्या यह सभी बीमारियों का पता लगा सकता है?
उत्तर: नहीं, यह खास तौर पर चयापचयी विकारों (metabolic disorders) की स्क्रीनिंग करता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
टैंडम मास स्पेक्ट्रोमेट्री (MS/MS) एक बहुउपयोगी और संवेदनशील टेस्ट है जो कई गंभीर रोगों की प्रारंभिक पहचान में सहायक है। खासकर नवजात बच्चों के लिए यह परीक्षण जीवन रक्षक हो सकता है। सही समय पर स्क्रीनिंग से इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है, जिससे भविष्य में गंभीर जटिलताओं से बचाव संभव है।