Khushveer Choudhary

TORCH Infection Testing कारण, प्रक्रिया, लक्षण, उपचार और सावधानियाँ

 TORCH संक्रमण परीक्षण (TORCH Infection Testing) एक विशेष प्रकार की रक्त जांच है जो नवजात शिशुओं या गर्भवती महिलाओं में होने वाले कुछ गंभीर संक्रमणों का पता लगाने के लिए की जाती है। TORCH एक संक्षिप्त नाम है जिसमें T: Toxoplasmosis, O: Other (जैसे Syphilis, Varicella, Parvovirus), R: Rubella, C: Cytomegalovirus (CMV), और H: Herpes Simplex Virus (HSV) शामिल हैं।यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि नवजात शिशु को गर्भावस्था के दौरान किसी संक्रमण से खतरा तो नहीं है।









TORCH टेस्ट क्या होता है ? (What is TORCH Test?)

TORCH टेस्ट एक सीरोलॉजिकल ब्लड टेस्ट है जो यह पता लगाता है कि किसी नवजात शिशु या मां के शरीर में ऊपर बताए गए संक्रमणों के खिलाफ एंटीबॉडी हैं या नहीं। इस टेस्ट में IgM और IgG एंटीबॉडी की जाँच की जाती है, जिससे यह निर्धारित किया जाता है कि संक्रमण वर्तमान में है या पूर्व में हुआ था।

TORCH टेस्ट क्यों किया जाता है ? (Why is TORCH Test Done?)

  • बार-बार गर्भपात (Recurrent miscarriage)
  • जन्मजात विकृति (Congenital abnormalities)
  • नवजात में न्यूरोलॉजिकल समस्या
  • जन्म के समय कम वजन (Low birth weight)
  • नवजात में पीलिया, सुस्ती, दौरे

TORCH टेस्ट कारण (Causes):

TORCH संक्रमण के मुख्य कारण हैं:

  1. मां को गर्भावस्था के दौरान संक्रमण होना
  2. कच्चा मांस या संक्रमित पानी का सेवन
  3. संक्रमित व्यक्ति से संपर्क
  4. असुरक्षित यौन संबंध
  5. संक्रमित रक्त या अंग का स्थानांतरण

TORCH टेस्ट लक्षण (Symptoms of TORCH Infection in Neonates):

  • जन्म के समय छोटा सिर (Microcephaly)
  • लिवर या स्प्लीन का बढ़ना (Hepatosplenomegaly)
  • दौरे (Seizures)
  • पीलिया (Jaundice)
  • आंखों की समस्या (Chorioretinitis)
  • शरीर पर रैश (Skin rash)
  • कम वजन (Low birth weight)
  • सुनने की समस्या (Hearing loss)
  • विकास में देरी (Developmental delay)

निदान (Diagnosis):

TORCH संक्रमण की पुष्टि निम्नलिखित तरीकों से की जाती है:

  • TORCH panel टेस्ट (IgM/IgG antibodies)
  • PCR (Polymerase Chain Reaction) टेस्ट
  • रक्त, मूत्र या मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) की जांच
  • अल्ट्रासाउंड और अन्य इमेजिंग

TORCH टेस्ट इलाज (Treatment):

TORCH संक्रमण का इलाज संक्रमण के प्रकार पर निर्भर करता है:

  • Toxoplasmosis: Pyrimethamine, Sulfadiazine और Folinic acid
  • Rubella: कोई विशेष इलाज नहीं, लक्षणों का उपचार किया जाता है
  • CMV: Ganciclovir या Valganciclovir
  • Herpes Simplex: Acyclovir
  • Syphilis: Penicillin

नवजात की हालत गंभीर होने पर ICU में विशेष देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।

TORCH टेस्ट इसे कैसे रोका जा सकता है (Prevention of TORCH Infection):

  • गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच कराना
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना
  • कच्चे मांस और अधपके अंडे से बचना
  • साफ-सफाई का ध्यान रखना
  • वैक्सीनेशन (जैसे रुबेला) समय पर कराना
  • गर्भवती महिलाओं को बिल्लियों के मल से दूरी बनाना (Toxoplasmosis से बचाव)

घरेलू उपाय (Home Remedies):

TORCH संक्रमण का कोई घरेलू इलाज नहीं होता, लेकिन कुछ सावधानियां संक्रमण के जोखिम को कम कर सकती हैं:

  • साफ पानी का सेवन
  • संतुलित और पका हुआ भोजन
  • आराम और उचित पोषण
  • संक्रमण से बचाव के लिए अच्छी हाइजीन

सावधानियाँ (Precautions):

  • गर्भावस्था की योजना से पहले TORCH टेस्ट करवा लेना
  • गर्भावस्था के दौरान नियमित प्रीनेटल चेकअप
  • यौन जनित संक्रमणों से बचाव
  • किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना

कैसे पहचाने कि TORCH संक्रमण हो सकता है? (How to Identify):

यदि नवजात शिशु में जन्म के समय ही गंभीर लक्षण दिखें जैसे दौरे, सुनाई न देना, आंखों की समस्या या मस्तिष्क विकास में बाधा, तो TORCH परीक्षण कराना आवश्यक हो जाता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

प्र.1: TORCH टेस्ट कब करवाना चाहिए?
उ. गर्भधारण की योजना से पहले या गर्भावस्था के पहले तिमाही में।

प्र.2: क्या TORCH संक्रमण का इलाज संभव है?
उ. कुछ संक्रमणों का इलाज संभव है, लेकिन कुछ में केवल लक्षणों का प्रबंधन किया जाता है।

प्र.3: क्या TORCH संक्रमण से बच्चा मानसिक रूप से प्रभावित हो सकता है?
उ. हां, कुछ मामलों में मस्तिष्क पर असर पड़ सकता है जिससे मानसिक विकास धीमा हो सकता है।

प्र.4: TORCH पैनल टेस्ट की कीमत कितनी होती है?
उ. यह ₹1000 से ₹3000 के बीच हो सकता है, लैब पर निर्भर करता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

TORCH संक्रमण नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है, लेकिन समय पर जांच और उचित उपचार से इससे बचा जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को इस टेस्ट को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि जन्मजात रोगों को रोका जा सके। यदि कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।


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