Arthus Reaction – कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपाय

Arthus Reaction (आर्थस रिएक्शन) एक दुर्लभ प्रकार की स्थानीय प्रतिक्रिया है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) द्वारा उत्पन्न होती है। यह प्रतिक्रिया विशेष रूप से तब होती है जब किसी व्यक्ति को पहले से मौजूद एंटीबॉडी (Antibody) की उपस्थिति में किसी एंटीजन (Antigen) का इंजेक्शन दिया जाता है। परिणामस्वरूप त्वचा (Skin) में सूजन (Inflammation), लालिमा (Redness), दर्द (Pain), और कभी-कभी ऊतक क्षति (Tissue Damage) हो सकती है।

आर्थस रिएक्शन का नाम फ्रांसीसी इम्यूनोलॉजिस्ट Maurice Arthus के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसे पहली बार 1903 में वर्णित किया था।








Arthus Reaction क्यों होता है? (Causes of Arthus Reaction)

Arthus Reaction मुख्य रूप से Type III Hypersensitivity Reaction (टाइप III अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रिया) के तहत आती है। इसके कारण निम्नलिखित हैं:

  1. इंजेक्शन के कारण (Injection-related causes):

    1. वैक्सीन (Vaccine) या किसी अन्य दवा का इंजेक्शन।
    1. विशेष रूप से टेटनस (Tetanus) या डीपीटी (DPT) वैक्सीन।
  2. पहले से मौजूद एंटीबॉडी (Pre-existing antibodies):

    1. शरीर में पहले से एंटीबॉडी मौजूद होना।
    1. जब नया एंटीजन इंजेक्ट किया जाता है तो एंटीजन-एंटीबॉडी कॉम्प्लेक्स बनता है।
  3. स्थानीय प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (Local immune response):

    1. कॉम्प्लेक्स रक्त वाहिकाओं में जमा होकर सूजन और ऊतक क्षति उत्पन्न करता है।

Arthus Reaction के लक्षण (Symptoms of Arthus Reaction)

  1. त्वचा की लालिमा (Redness of skin) – इंजेक्शन साइट पर।
  2. दर्द और जलन (Pain and burning sensation) – आमतौर पर 4–12 घंटे के भीतर।
  3. सूजन और गांठ (Swelling and lump) – इंजेक्शन के चारों ओर।
  4. सिरदर्द और बुखार (Headache and fever) – कभी-कभी।
  5. ब्लीडिंग या नेक्रोसिस (Bleeding or necrosis) – गंभीर मामलों में।

Arthus Reaction का इलाज (Treatment of Arthus Reaction)

  1. स्थानीय देखभाल (Local care)

    1. प्रभावित क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
    1. ठंडे पानी या आइस पैक से सूजन कम करें।
  2. दवा द्वारा उपचार (Medications)

    1. एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (Analgesics & Anti-inflammatory drugs) जैसे Ibuprofen।
    1. गंभीर मामलों में, डॉक्टर कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) दे सकते हैं।
  3. इंजेक्शन रोकना (Avoid repeat injection)

    1. यदि किसी व्यक्ति को पहले Arthus Reaction हुआ है, तो भविष्य में उसी वैक्सीन के इंजेक्शन में सावधानी बरतें।

Arthus Reaction से बचाव कैसे करें? (Prevention of Arthus Reaction)

  1. पूर्व एंटीबॉडी स्तर जांचें (Check pre-existing antibody levels) – विशेष रूप से टीकाकरण से पहले।
  2. इंजेक्शन स्थान बदलें (Change injection site) – पुनः इंजेक्शन से बचने के लिए।
  3. सही खुराक लेना (Use correct dose) – अधिक मात्रा प्रतिक्रिया बढ़ा सकती है।
  4. सावधानीपूर्वक वैक्सीन शेड्यूल (Follow vaccine schedule carefully)

घरेलू उपाय (Home Remedies)

  1. ठंडी सिकाई (Cold compress) – दर्द और सूजन कम करने के लिए।
  2. हल्के कपड़े पहनें (Wear loose clothing) – इंजेक्शन साइट पर रगड़ से बचने के लिए।
  3. आराम और हाइड्रेशन (Rest and hydration) – शरीर को जल्दी रिकवरी के लिए।

सावधानियाँ (Precautions)

  1. इंजेक्शन साइट को न खुरचें या मसाज न करें।
  2. किसी भी गंभीर प्रतिक्रिया जैसे अत्यधिक सूजन, नेक्रोसिस या तीव्र दर्द पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  3. भविष्य में वही वैक्सीन देने से पहले डॉक्टर को अपनी प्रतिक्रिया बताएं।

Arthus Reaction कैसे पहचाने? (How to Identify Arthus Reaction)

  • इंजेक्शन के 4–12 घंटे के भीतर लालिमा और दर्द होना।
  • सूजन और गांठ का धीरे-धीरे बढ़ना।
  • बुखार और सिरदर्द जैसे सामान्य लक्षण भी हो सकते हैं।
  • यदि गंभीर प्रतिक्रिया होती है तो त्वचा पर ब्लिस्टर्स या नेक्रोसिस।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. क्या Arthus Reaction खतरनाक है?
A1. आमतौर पर हल्का होता है और 1–2 दिनों में ठीक हो जाता है। गंभीर मामले दुर्लभ होते हैं।

Q2. क्या यह वैक्सीन से रोकता है?
A2. नहीं, यह केवल वैक्सीन पर स्थानीय प्रतिक्रिया है। वैक्सीन लेने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।

Q3. क्या इसे घर पर ठीक किया जा सकता है?
A3. हल्के मामलों में हां, लेकिन गंभीर सूजन, दर्द या नेक्रोसिस पर डॉक्टर की जरूरत है।

Q4. क्या Arthus Reaction दोबारा हो सकता है?
A4. हां, यदि वही वैक्सीन या एंटीजन फिर से इंजेक्ट किया गया।

निष्कर्ष (Conclusion)

Arthus Reaction (आर्थस रिएक्शन) एक दुर्लभ, लेकिन पहचान योग्य स्थानीय प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है। यह मुख्य रूप से वैक्सीन या दवा इंजेक्शन के बाद होती है और आमतौर पर हल्की होती है। उचित देखभाल, सावधानी, और चिकित्सकीय मार्गदर्शन के माध्यम से इसे प्रभावी रूप से संभाला जा सकता है।


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