Crossmatching Test क्या है? उद्देश्य, प्रक्रिया, सावधानियाँ और संपूर्ण जानकारी

Crossmatching टेस्ट (क्रॉसमैचिंग परीक्षण) एक विशेष प्रकार की लैबोरेटरी जांच है जिसका उपयोग अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) से पहले दाता (donor) और प्राप्तकर्ता (recipient) के रक्त में संभावित प्रतिकूल प्रतिक्रिया का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट यह सुनिश्चित करता है कि अंग प्राप्तकर्ता का शरीर दाता के ऊतक या अंग को अस्वीकार (rejection) नहीं करेगा।

क्रॉसमैचिंग टेस्ट क्या होता है  (What is Crossmatching Test):

Crossmatching एक इम्यूनोलॉजिकल टेस्ट है जिसमें यह जांचा जाता है कि प्राप्तकर्ता के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज तो नहीं हैं जो दाता के रक्त कोशिकाओं (red blood cells) या अंगों पर हमला कर सकते हैं। यह टेस्ट ब्लड ट्रांसफ्यूजन और किडनी, लीवर, हार्ट जैसे अंगों के ट्रांसप्लांट से पहले किया जाता है।

क्रॉसमैचिंग टेस्ट के प्रकार (Types of Crossmatching Test):

  1. Major Crossmatch (मुख्य क्रॉसमैच) – प्राप्तकर्ता के प्लाज्मा और दाता की लाल रक्त कोशिकाओं के बीच।
  2. Minor Crossmatch (माइनर क्रॉसमैच) – दाता के प्लाज्मा और प्राप्तकर्ता की लाल रक्त कोशिकाओं के बीच।
  3. Virtual Crossmatch (वर्चुअल क्रॉसमैच) – रक्त को बिना मिलाए केवल कंप्यूटर डाटा के आधार पर एंटीबॉडी की जांच।

परीक्षण क्यों किया जाता है? (Why is the Test Done?):

  • अंग प्रत्यारोपण से पहले अनुकूलता जांचने के लिए
  • रक्त चढ़ाने से पहले प्रतिक्रियात्मक समस्या की पहचान के लिए
  • रोगी में पहले से मौजूद एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए
  • ट्रांसप्लांट असफलता से बचाव के लिए

क्रॉसमैचिंग टेस्ट के संकेत (Indications):

  • किडनी ट्रांसप्लांट
  • हार्ट ट्रांसप्लांट
  • लीवर ट्रांसप्लांट
  • बोन मैरो ट्रांसप्लांट
  • बार-बार रक्त चढ़ाना (Repeated Blood Transfusions)

टेस्ट की प्रक्रिया (Test Procedure):

  1. दाता और प्राप्तकर्ता दोनों का रक्त नमूना लिया जाता है।
  2. नमूनों को लैब में एक साथ मिलाकर प्रतिक्रिया देखी जाती है।
  3. यदि एंटीबॉडी प्रतिक्रिया होती है, तो मैचिंग को “incompatible” घोषित किया जाता है।
  4. यदि कोई प्रतिक्रिया नहीं होती, तो ट्रांसप्लांट सुरक्षित माना जाता है।

क्रॉसमैचिंग टेस्ट लक्षण (Symptoms) – इस टेस्ट से जुड़े नहीं होते, परंतु यदि क्रॉसमैचिंग न हो तो हो सकते हैं:

  • अंग अस्वीकृति (Organ rejection)
  • तेज बुखार
  • एलर्जी प्रतिक्रिया
  • सूजन
  • रक्तचाप गिरना
  •  पेशाब कम होना

क्रॉसमैचिंग टेस्ट इसे कैसे रोके (How to Prevent Issues from Mismatch):

  • समय पर Crossmatching टेस्ट कराना
  • सही रक्त समूह की जानकारी
  • ट्रांसप्लांट से पहले इम्यूनोलॉजिकल इतिहास की जांच
  • एंटीबॉडी स्क्रीनिंग समय-समय पर कराना

घरेलू उपाय (Home Remedies):

क्रॉसमैचिंग टेस्ट एक डायग्नोस्टिक प्रक्रिया है, इसलिए इसका कोई घरेलू इलाज नहीं है। परंतु अंग प्रत्यारोपण के लिए स्वास्थ्य बनाए रखने हेतु ये उपाय मददगार हैं:

  • संतुलित आहार लेना
  • हाइड्रेशन बनाए रखना
  • इम्युनिटी मजबूत करना
  • डॉक्टर की सलाह से दवाइयां समय पर लेना

सावधानियाँ (Precautions):

  • टेस्ट से पहले सही चिकित्सा इतिहास साझा करें
  • यदि कोई दवा चल रही है, तो डॉक्टर को बताएं
  • ट्रांसफ्यूजन या ट्रांसप्लांट के पूर्व किसी भी एलर्जी का जिक्र करें
  • रिपोर्ट को समझने के लिए डॉक्टर की मदद लें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q. क्या Crossmatching टेस्ट केवल ट्रांसप्लांट के लिए होता है?
A. नहीं, यह रक्त चढ़ाने से पहले भी किया जाता है।

Q. टेस्ट में कितना समय लगता है?
A. आमतौर पर 1 से 2 घंटे लगते हैं, लेकिन कुछ विशेष प्रकार के टेस्ट में अधिक समय लग सकता है।

Q. क्या टेस्ट में दर्द होता है?
A. यह एक सामान्य रक्त परीक्षण जैसा होता है, केवल सुई की चुभन महसूस हो सकती है।

Q. क्या टेस्ट से रिजल्ट फेल होने पर ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता?
A. हाँ, Incompatible परिणाम आने पर ट्रांसप्लांट करना जोखिम भरा हो सकता है।

पहचान कैसे करें (How to Identify Need for Crossmatching):

  • ट्रांसप्लांट की तैयारी में शामिल होना
  • बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता
  • डायलिसिस पर मरीज
  • HLA typing में यदि रिस्क हो

निष्कर्ष (Conclusion):

Crossmatching टेस्ट अंग प्रत्यारोपण और रक्त चढ़ाने से पहले एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है जो संभावित अस्वीकृति और एलर्जी प्रतिक्रियाओं से बचाता है। सही समय पर यह टेस्ट करवाना मरीज के जीवन की रक्षा कर सकता है और ट्रांसप्लांट की सफलता की संभावना को बढ़ाता है

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