ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस (Drug-induced Hepatitis) एक प्रकार की लिवर की सूजन (liver inflammation) है, जो किसी दवा (medicine) या औषधीय पदार्थ (herbal supplement) के सेवन से होती है। यह स्थिति शरीर की दवाओं पर प्रतिक्रिया के कारण लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है। यदि समय पर इसका इलाज न हो, तो यह लिवर फेलियर (liver failure) का कारण बन सकती है।
ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस क्या होता है ? (What is Drug-induced Hepatitis?)
जब कोई दवा या उसका उप-उत्पाद (metabolite) लिवर में विषैला (toxic) प्रभाव डालता है या इम्यून सिस्टम को सक्रिय कर देता है, जिससे लिवर में सूजन या क्षति होती है, तो इसे ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस कहा जाता है।
ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस कारण (Causes of Drug-induced Hepatitis):
- पेरासिटामोल (Paracetamol) की अधिक मात्रा
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) जैसे – आयसोनियाज़िड (Isoniazid), रिफैम्पिन (Rifampin)
- एंटीफंगल दवाएं जैसे – केटोकोनाज़ोल (Ketoconazole)
- एंटीटीबी दवाएं (Anti-TB medications)
- कीमोथेरपी दवाएं (Chemotherapy drugs)
- हर्बल सप्लीमेंट्स और आयुर्वेदिक दवाएं
- स्टैटिन्स (Statins) – कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाएं
- एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसे – आइबूप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सेन (Naproxen)
ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस के लक्षण (Symptoms of Drug-induced Hepatitis):
- थकान (Fatigue)
- पेट के ऊपरी दाएं भाग में दर्द या भारीपन (Right upper abdominal pain)
- भूख न लगना (Loss of appetite)
- उल्टी या मिचली (Nausea and vomiting)
- बुखार (Fever)
- पेशाब का गाढ़ा रंग (Dark urine)
- त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (Jaundice)
- त्वचा पर खुजली (Itching)
- वजन में कमी (Weight loss)
ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस कैसे पहचाने (Diagnosis):
- लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test - LFT)
- ब्लड टेस्ट (Blood test for bilirubin, ALT, AST)
- अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन
- लिवर बायोप्सी (Liver biopsy) – गंभीर मामलों में
ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस इलाज (Treatment):
- कारण बनी दवा का तुरंत बंद करना
- supportive care – जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स और पोषण देना
- N-acetylcysteine (NAC) – पेरासिटामोल विषाक्तता के लिए
- अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है
- गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट (Liver transplant)
ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस कैसे रोके (Prevention):
- दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह अनुसार करें
- ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं का बार-बार सेवन न करें
- नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट कराते रहें अगर लंबे समय तक दवाएं ले रहे हैं
- आयुर्वेदिक और हर्बल दवाओं का सावधानीपूर्वक उपयोग करें
घरेलू उपाय (Home Remedies):
नोट: घरेलू उपाय केवल सहायक होते हैं, इलाज नहीं।
- हल्दी वाला दूध (Turmeric milk) – एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
- आंवला रस (Amla juice) – लिवर की सुरक्षा के लिए
- पपीता का सेवन (Papaya) – लिवर के लिए लाभदायक
- पानी अधिक मात्रा में पीना
सावधानियाँ (Precautions):
- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें
- पुराने लिवर रोग से ग्रसित व्यक्ति सावधानी रखें
- शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें
- किसी भी दवा पर एलर्जी या साइड इफेक्ट दिखे तो तुरंत डॉक्टर को बताएं
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):
प्रश्न 1: क्या ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस पूरी तरह ठीक हो सकता है?
उत्तर: हां, अगर समय पर पहचान हो जाए और दवा बंद कर दी जाए, तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
प्रश्न 2: कौन-सी दवाएं सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं लिवर के लिए?
उत्तर: पेरासिटामोल की अधिक मात्रा, TB की दवाएं, एंटीबायोटिक्स, कीमोथेरपी और कुछ हर्बल दवाएं।
प्रश्न 3: क्या इसका दोबारा होना संभव है?
उत्तर: हां, अगर वही दवा फिर से ली जाए तो दोबारा हो सकता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
निष्कर्ष (Conclusion):
ड्रग-इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस (Drug-induced Hepatitis) एक गंभीर लेकिन रोकी जा सकने वाली स्थिति है। किसी भी दवा का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह से करें, और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें। लिवर की नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं।