Drug-Induced Parkinsonism: कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म (Drug-Induced Parkinsonism) एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो कुछ दवाओं के सेवन से होती है और इसके लक्षण पारंपरिक पार्किंसन रोग जैसे होते हैं। यह स्थिति डोपामिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर की क्रिया में बाधा उत्पन्न करके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है।

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म क्या होता है ? (What is Drug-Induced Parkinsonism?):

यह एक प्रकार का सेकेंडरी पार्किंसोनिज़्म (Secondary Parkinsonism) है, जो विशेष रूप से उन दवाओं से होता है जो डोपामिन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करती हैं। यह पार्किंसन रोग (Parkinson's Disease) से अलग है, क्योंकि इसका मुख्य कारण दवाएं होती हैं और यह दवाओं को बंद करने पर ठीक भी हो सकता है।

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म इसके कारण (Causes of Drug-Induced Parkinsonism):

  1. एंटीसाइकोटिक दवाएं (Antipsychotic medications) – जैसे chlorpromazine, haloperidol, risperidone
  2. एंटी-नॉशिया दवाएं (Antiemetics) – जैसे metoclopramide, prochlorperazine
  3. कैल्शियम चैनल ब्लॉकर (Calcium channel blockers) – जैसे cinnarizine, flunarizine
  4. डोपामिन एगोनिस्ट ब्लॉकर दवाएं
  5. दवाओं की अधिक मात्रा या लंबे समय तक उपयोग

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म के लक्षण (Symptoms of Drug-Induced Parkinsonism):

  1. शरीर में कंपन (Tremor)
  2. धीमी गति (Bradykinesia)
  3. मांसपेशियों में अकड़न (Muscle rigidity)
  4. संतुलन की समस्या (Postural instability)
  5. चलने में कठिनाई (Difficulty in walking)
  6. चेहरे के हाव-भाव की कमी (Mask-like face)
  7. डिप्रेशन या मनोविकृति (Depression or psychosis)
  8. दोनों ओर के शरीर में समान रूप से लक्षण (Unlike Parkinson’s disease)

निदान कैसे करें (Diagnosis):

  1. रोग इतिहास (Medical history) – कौन सी दवा ली जा रही है और कब से
  2. न्यूरोलॉजिकल जांच (Neurological examination)
  3. इमेजिंग टेस्ट – जैसे DAT स्कैन यह जानने के लिए कि यह असली पार्किंसन है या नहीं

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म इलाज (Treatment):

  1. दवा बंद करना (Stopping the offending drug) – डॉक्टर की सलाह से ही
  2. डोपामिन बढ़ाने वाली दवाएं (Levodopa या Anticholinergics) – कुछ मामलों में
  3. फिजिकल थेरेपी (Physical therapy) – संतुलन और गतिशीलता सुधारने के लिए
  4. डॉक्टर की निगरानी में दवा बदलना

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म कैसे रोके (Prevention):

  1. अनावश्यक दवाओं से बचें
  2. डॉक्टर को पूरी दवा सूची बताएं
  3. न्यूरोलॉजिस्ट से नियमित फॉलो-अप करें

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  1. हल्की फिजिकल एक्सरसाइज करें
  2. विटामिन B6 और B12 युक्त आहार लें
  3. ग्रीन टी और हल्दी जैसे एंटीऑक्सीडेंट युक्त चीजों का सेवन
  4. योग और ध्यान

सावधानियाँ (Precautions):

  1. किसी भी दवा को खुद से बंद न करें
  2. यदि लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  3. लंबे समय तक एंटीसाइकोटिक दवाओं का प्रयोग सोच-समझकर करें
  4. बुजुर्गों में विशेष सतर्कता रखें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

प्र.1: क्या यह स्थिति हमेशा के लिए रहती है?
उत्तर: नहीं, अगर दवा बंद कर दी जाए तो यह ठीक हो सकती है।

प्र.2: क्या यह असली पार्किंसन रोग बन सकता है?
उत्तर: नहीं, लेकिन कुछ मामलों में अगर समय रहते इलाज न हो तो स्थायी असर हो सकता है।

प्र.3: किन लोगों को यह ज्यादा होता है?
उत्तर: बुजुर्ग, महिलाएं और वे लोग जो कई दवाएं एक साथ ले रहे हैं।

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म कैसे पहचानें (How to Identify):

  • लक्षण दवा शुरू करने के कुछ सप्ताह या महीनों बाद शुरू होते हैं
  • आमतौर पर दोनों ओर के शरीर में लक्षण दिखते हैं
  • असली पार्किंसन रोग की तुलना में यह अधिक तेजी से प्रकट होता है

निष्कर्ष (Conclusion):

ड्रग-प्रेरित पार्किंसोनिज़्म एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। सही समय पर पहचान और दवा में बदलाव करके इसे सुधारा जा सकता है। अगर किसी को उपरोक्त लक्षण दिखें और वह कुछ खास दवाएं ले रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।


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