Dupuytren Contracture क्या है: कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर (Dupuytren Contracture) एक ऐसी स्थिति है जिसमें हाथ की हथेली और उंगलियों की त्वचा के नीचे मौजूद संयोजी ऊतक (connective tissue) मोटा और सख्त हो जाता है। इससे उंगलियां मुड़ जाती हैं और उन्हें सीधा करना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है और सामान्यतः दर्दरहित होती है।

डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर क्या होता है  (What is Dupuytren Contracture):

इस स्थिति में हथेली के टिशू में गांठें बनने लगती हैं और समय के साथ-साथ यह गांठें रस्सी जैसी कठोर बैंड में बदल जाती हैं, जिससे एक या अधिक उंगलियां अंदर की ओर मुड़ जाती हैं। सामान्यतः रिंग फिंगर (अनामिका) और छोटी उंगली (लिटिल फिंगर) सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं।

डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर के कारण (Causes of Dupuytren Contracture):

  1. आनुवांशिकता (Genetics) – यह समस्या परिवार में चल सकती है।
  2. उम्र (Age) – 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक देखी जाती है।
  3. लिंग (Gender) – पुरुषों में इसका जोखिम महिलाओं की तुलना में अधिक होता है।
  4. मद्यपान (Alcohol Consumption) – लंबे समय तक शराब का सेवन एक रिस्क फैक्टर है।
  5. धूम्रपान (Smoking) – स्मोकिंग से रक्त प्रवाह प्रभावित होता है जिससे यह समस्या हो सकती है।
  6. डायबिटीज (Diabetes) – मधुमेह रोगियों में यह समस्या अधिक देखी जाती है।

डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर के लक्षण (Symptoms of Dupuytren Contracture):

  1. हथेली में गांठ (Nodules in the palm)
  2. हथेली की त्वचा में खिंचाव महसूस होना
  3. उंगलियों का धीरे-धीरे मुड़ जाना
  4. उंगलियों को सीधा करने में असमर्थता
  5. हाथ का ग्रिप कमजोर होना

निदान (Diagnosis):

डॉक्टर शारीरिक जांच के माध्यम से और आपकी मेडिकल हिस्ट्री लेकर निदान करते हैं। हाथ की मूवमेंट और गांठों की स्थिति देखकर स्थिति की गंभीरता आंकी जाती है।

डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर का इलाज (Treatment of Dupuytren Contracture):

  1. निगरानी (Observation) – यदि लक्षण हल्के हैं तो नियमित निगरानी की जाती है।
  2. सुई एपनियरोसोफी (Needle Aponeurotomy) – सुई द्वारा टिशू को तोड़ा जाता है जिससे उंगली सीधी हो सके।
  3. कोलाजनेज़ इंजेक्शन (Collagenase injection) – एक एंजाइम द्वारा टिशू को कमजोर कर के तोड़ा जाता है।
  4. सर्जरी (Surgery) – गंभीर मामलों में प्रभावित टिशू को हटाने के लिए ऑपरेशन किया जाता है।
  5. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) – हाथ की मूवमेंट बहाल करने में मदद करता है।

डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर से बचाव (Prevention):

  • धूम्रपान और शराब से बचें
  • हाथों की नियमित एक्सरसाइज करें
  • डायबिटीज को कंट्रोल में रखें
  • हथेलियों में लगातार दबाव से बचें

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  1. गर्म सिकाई से हाथ की जकड़न में आराम मिल सकता है।
  2. उंगलियों को धीरे-धीरे स्ट्रेच करना लाभकारी हो सकता है।
  3. हल्की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है।
  4. एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार जैसे हरी सब्जियां और फल लें।

सावधानियाँ (Precautions):

  • कठिन काम करते समय दस्ताने पहनें।
  • नियमित रूप से हाथ की स्थिति की जांच करें।
  • फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह से ही व्यायाम करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

प्रश्न 1: क्या डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर दर्दनाक होता है?
उत्तर: आमतौर पर यह दर्दरहित होता है लेकिन कुछ लोगों को गांठों में हल्का दर्द या असुविधा हो सकती है।

प्रश्न 2: क्या यह स्थायी रोग है?
उत्तर: यह एक प्रोग्रेसिव (धीरे-धीरे बढ़ने वाली) स्थिति है लेकिन समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

प्रश्न 3: क्या यह दोनों हाथों में हो सकता है?
उत्तर: हां, यह दोनों हाथों में हो सकता है लेकिन आमतौर पर एक हाथ पहले प्रभावित होता है।

कैसे पहचाने (How to Identify):

  • यदि आपकी उंगलियां बिना चोट के मुड़ने लगें
  • हथेली में गांठें महसूस हों
  • उंगलियां सीधी न हो पा रही हों

तो तुरंत किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ (Orthopedic Specialist) से संपर्क करें।

निष्कर्ष (Conclusion):

डुप्युट्रेन कॉन्ट्रैक्चर (Dupuytren Contracture) एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है यदि समय पर पहचान और इलाज न किया जाए। जीवनशैली में बदलाव, सतर्कता और उचित चिकित्सा से इस स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।


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