Khushveer Choudhary

Epidemic Keratoconjunctivitis कारण, लक्षण, इलाज, बचाव और घरेलू उपाय

एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस (Epidemic Keratoconjunctivitis) एक संक्रामक नेत्र रोग है जो मुख्यतः एडेनोवायरस (Adenovirus) के कारण होता है। यह रोग आंखों की सतह यानी कॉर्निया (Cornea) और कंजंक्टिवा (Conjunctiva) को प्रभावित करता है। इसे आम भाषा में "आंखों का फ्लू" या "लाल आंख की महामारी" भी कहा जाता है। यह रोग तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली जगहों, स्कूलों और अस्पतालों में।








एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस क्या होता है  (What is Epidemic Keratoconjunctivitis)

यह एक वायरल कंजंक्टिवाइटिस है, जिसमें आंखें लाल हो जाती हैं, आंसू अधिक आने लगते हैं और आंखों में जलन होती है। यह रोग संक्रामक होने के कारण महामारी (Epidemic) का रूप ले सकता है।

एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस कारण (Causes of Epidemic Keratoconjunctivitis)

  1. एडेनोवायरस (Adenovirus infection) – मुख्य कारण।
  2. संक्रमित व्यक्ति के आंसुओं, हाथ, तौलिये, तकिये या कॉन्टैक्ट लेंस से संक्रमण।
  3. भीड़भाड़ वाली जगहों में संक्रमित व्यक्ति के पास बैठने से।
  4. बिना धुले हाथों से आंखों को छूने से।
  5. अस्पताल या क्लिनिक में संक्रमित उपकरणों के संपर्क से।

एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस लक्षण (Symptoms of Epidemic Keratoconjunctivitis)

  • आंखों की लालिमा (Redness in eyes)
  • अधिक आंसू आना (Excessive tearing)
  • आंखों में जलन और खुजली (Burning and itching in eyes)
  • पलक सूजना (Swelling of eyelids)
  • आंखों में चुभन का अहसास (Foreign body sensation)
  • रोशनी से चिढ़ (Photophobia)
  • धुंधला दिखाई देना (Blurred vision)
  • आंखों में सफेद या धुंधले धब्बे (Corneal opacities)

एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस कैसे पहचाने (Diagnosis of Epidemic Keratoconjunctivitis)

  • आंखों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) द्वारा।
  • स्लिट लैम्प (Slit lamp examination) से कॉर्निया और कंजंक्टिवा की जांच।
  • कुछ मामलों में वायरल स्वैब टेस्ट भी किया जाता है।

एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस इलाज (Treatment of Epidemic Keratoconjunctivitis)

  • यह रोग वायरल होने के कारण सामान्यतः 1-3 हफ्ते में खुद ठीक हो जाता है।
  • लक्षण कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए लुब्रिकेंट आई ड्रॉप्स (Lubricating eye drops)
  • सूजन और खुजली के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी आई ड्रॉप्स
  • बैक्टीरियल संक्रमण से बचने के लिए कभी-कभी एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स दी जाती हैं।
  • गंभीर मामलों में स्टेरॉयड आई ड्रॉप्स का प्रयोग डॉक्टर की सलाह से।

एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस कैसे रोके (Prevention of Epidemic Keratoconjunctivitis)

  1. आंखों को बार-बार धोएं।
  2. तौलिया, तकिया, रुमाल किसी के साथ साझा न करें।
  3. आंखों को छूने से पहले हाथ धोएं।
  4. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
  5. स्कूल या ऑफिस में फैलाव रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति को आराम की सलाह दें।
  6. कॉन्टैक्ट लेंस और उनके केस की सफाई पर ध्यान दें।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Epidemic Keratoconjunctivitis)

  • आंखों पर ठंडी पट्टी (Cold compress) लगाने से आराम मिलता है।
  • गुनगुने पानी से दिन में 2-3 बार आंखें धोएं।
  • तुलसी पत्ते का पानी या गुलाबजल का उपयोग घरेलू उपाय के रूप में किया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
  • पर्याप्त आराम करें और धूप से बचें।

सावधानियाँ (Precautions in Epidemic Keratoconjunctivitis)

  • आंखों को बार-बार न रगड़ें।
  • कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से बचें।
  • आई मेकअप का उपयोग न करें।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का नियमित उपयोग करें।
  • संक्रमित होने पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्या एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस खतरनाक है?
उत्तर: यह सामान्यतः कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है, लेकिन इलाज न करने पर कॉर्निया पर धब्बे पड़ सकते हैं और दृष्टि प्रभावित हो सकती है।

प्रश्न 2: यह रोग कितने दिन तक रहता है?
उत्तर: सामान्यतः 1 से 3 हफ्ते तक लक्षण बने रहते हैं।

प्रश्न 3: क्या यह रोग बार-बार हो सकता है?
उत्तर: हाँ, यदि साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए तो संक्रमण दोबारा हो सकता है।

प्रश्न 4: क्या इसके लिए एंटीबायोटिक दवा जरूरी है?
उत्तर: यह एक वायरल संक्रमण है, इसलिए एंटीबायोटिक जरूरी नहीं, परंतु कभी-कभी बैक्टीरियल संक्रमण रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स दे सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

एपिडेमिक केराटोकंजंक्टिवाइटिस (Epidemic Keratoconjunctivitis) एक संक्रामक नेत्र रोग है जो एडेनोवायरस से होता है। यह तेजी से फैलता है और आंखों की लालिमा, आंसू और जलन जैसे लक्षण पैदा करता है। हालांकि यह अपने आप भी ठीक हो सकता है, लेकिन सही उपचार और सावधानियां बरतना आवश्यक है। साफ-सफाई, संक्रमित व्यक्ति से दूरी और डॉक्टर की सलाह का पालन करके इस रोग से बचाव और इलाज दोनों संभव है।


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