Khushveer Choudhary

Extrahepatic Biliary Atresia कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

Extrahepatic Biliary Atresia (एक्स्ट्राहेपेटिक बिलियरी एट्रेशिया) एक गंभीर जन्मजात (congenital) बीमारी है, जिसमें बच्चे के जन्म के समय या जन्म के कुछ हफ्तों बाद पित्त नलिकाएं (bile ducts) पूरी तरह विकसित नहीं होतीं या अवरुद्ध (blocked) हो जाती हैं। इस कारण पित्त (bile) का बहाव सामान्य रूप से नहीं हो पाता और यह यकृत (liver) में जमा होने लगता है। परिणामस्वरूप बच्चे को पीलिया (jaundice), यकृत में सूजन (liver swelling) और धीरे-धीरे सिरोसिस (cirrhosis) जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।








Extrahepatic Biliary Atresia क्या होता है (What is Extrahepatic Biliary Atresia)

Extrahepatic Biliary Atresia में यकृत से छोटी आंत (small intestine) तक जाने वाली बाहरी पित्त नलिकाएं (extrahepatic bile ducts) या तो अनुपस्थित होती हैं या बंद होती हैं। यह स्थिति शिशुओं में पीलिया का एक प्रमुख कारण है, और यदि समय रहते उपचार न मिले तो यकृत की कार्यक्षमता खत्म हो सकती है।

Extrahepatic Biliary Atresia कारण (Causes of Extrahepatic Biliary Atresia)

इस बीमारी का सही कारण अभी पूरी तरह ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ संभावित कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

  1. जन्मजात विकृति (Congenital malformation): भ्रूण विकास के दौरान पित्त नलिकाओं का सही विकास न होना।
  2. वायरल संक्रमण (Viral infection): गर्भावस्था या जन्म के बाद कुछ वायरल संक्रमण जैसे रोटावायरस या रियोवायरस।
  3. इम्यून सिस्टम की असामान्यता (Immune system abnormality): शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा पित्त नलिकाओं पर हमला करना।
  4. अनुवांशिक कारण (Genetic factors): परिवारिक इतिहास या कुछ जेनेटिक विकार।

Extrahepatic Biliary Atresia लक्षण (Symptoms of Extrahepatic Biliary Atresia)

शिशुओं में यह बीमारी जन्म के कुछ हफ्तों बाद दिखाई देती है। इसके प्रमुख लक्षण हैं:

  • लंबे समय तक पीलिया (Persistent jaundice)
  • गहरे पीले से हरे रंग का मूत्र (Dark urine)
  • हल्के या सफेद रंग का मल (Clay-colored stool)
  • पेट में सूजन (Abdominal swelling)
  • यकृत और प्लीहा का बढ़ना (Enlarged liver and spleen)
  • वजन बढ़ने में कठिनाई (Poor weight gain)

Extrahepatic Biliary Atresia कैसे पहचाने (Diagnosis of Extrahepatic Biliary Atresia)

इस बीमारी की पहचान निम्न जांचों द्वारा की जाती है:

  • रक्त परीक्षण (Blood test): बिलीरुबिन स्तर और यकृत कार्यक्षमता की जांच।
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): पित्त नलिकाओं और यकृत की संरचना देखने के लिए।
  • हेपाटोबिलियरी स्कैन (Hepatobiliary scan): पित्त प्रवाह का मूल्यांकन।
  • लिवर बायोप्सी (Liver biopsy): यकृत ऊतक की जांच।
  • शल्य चिकित्सा जांच (Intraoperative cholangiography): ऑपरेशन के दौरान पित्त नलिकाओं का सीधा परीक्षण।

Extrahepatic Biliary Atresia इलाज (Treatment of Extrahepatic Biliary Atresia)

इसका इलाज शल्य चिकित्सा (surgery) और कभी-कभी लिवर ट्रांसप्लांट (liver transplant) पर आधारित होता है।

  1. कसाई प्रक्रिया (Kasai procedure): इसमें क्षतिग्रस्त पित्त नलिकाओं को हटाकर आंत से सीधा यकृत को जोड़ा जाता है ताकि पित्त का प्रवाह हो सके।
  2. लिवर ट्रांसप्लांट (Liver transplant): अगर कसाई प्रक्रिया सफल न हो या यकृत गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाए।
  3. दवाएं (Medications): संक्रमण रोकने और यकृत की कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए।

Extrahepatic Biliary Atresia कैसे रोके (Prevention of Extrahepatic Biliary Atresia)

  • यह मुख्यतः जन्मजात बीमारी है, इसलिए पूरी तरह रोकथाम संभव नहीं है।
  • गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से बचाव।
  • पोषण युक्त आहार का सेवन।
  • गर्भावस्था में नियमित स्वास्थ्य जांच।

घरेलू उपाय (Home Remedies)

हालांकि घरेलू उपाय इस बीमारी का स्थायी इलाज नहीं हैं, लेकिन शिशु की देखभाल में सहायक हो सकते हैं:

  • डॉक्टर की सलाह अनुसार विशेष आहार (जैसे विटामिन और कैलोरी से भरपूर भोजन)।
  • शिशु को स्वच्छ वातावरण में रखना ताकि संक्रमण का खतरा न हो।
  • नियमित डॉक्टर परामर्श और दवाओं का सेवन।

सावधानियाँ (Precautions)

  • पीलिया के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
  • शिशु की वृद्धि और वजन पर ध्यान दें।
  • किसी भी प्रकार की देरी किए बिना उचित जांच करवाएं।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न दें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या Extrahepatic Biliary Atresia जन्म से होता है?
हाँ, यह एक जन्मजात बीमारी है जो जन्म के कुछ हफ्तों बाद लक्षणों के रूप में प्रकट होती है।

Q2. इसका स्थायी इलाज क्या है?
कसाई प्रक्रिया (Kasai procedure) और गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट ही स्थायी इलाज हैं।

Q3. क्या दवाओं से यह ठीक हो सकता है?
नहीं, केवल दवाओं से यह पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता, शल्य चिकित्सा आवश्यक है।

Q4. इस बीमारी की पहचान कब करनी चाहिए?
यदि शिशु का पीलिया 2-3 हफ्ते से अधिक समय तक बना रहता है और मल का रंग हल्का हो तो तुरंत जांच करानी चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

Extrahepatic Biliary Atresia एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य स्थिति है। यदि समय रहते निदान और इलाज किया जाए तो शिशु का जीवन बचाया जा सकता है। माता-पिता को पीलिया जैसे शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।


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