फ्लेम रेटिनल हैमरेज (Flame Retinal Haemorrhage) आंखों की रेटिना (Retina) में होने वाला एक प्रकार का रक्तस्राव है। यह रक्तस्राव रेटिना की सतही नर्व फाइबर लेयर (Superficial Nerve Fiber Layer) में होता है और इसका आकार लौ (Flame) जैसा दिखता है, इसलिए इसे Flame Haemorrhage कहा जाता है। यह स्थिति अक्सर उच्च रक्तचाप (Hypertension), डायबिटीज (Diabetes Mellitus), रेटिनल वेन ऑक्लूजन (Retinal Vein Occlusion) और अन्य नेत्र रोगों से जुड़ी होती है।
फ्लेम रेटिनल हैमरेज क्या होता है? (What is Flame Retinal Haemorrhage?)
जब आंख की रेटिना की सतही नसों में ब्लॉकेज या क्षति होती है, तब रक्त बाहर निकलकर रेटिना की सतह पर फैल जाता है। यह रक्तस्राव लौ की तरह फैला हुआ दिखाई देता है। इसका असर देखने की क्षमता (Vision) पर पड़ सकता है और यदि समय पर इलाज न मिले तो दृष्टि हानि (Vision Loss) तक हो सकती है।
फ्लेम रेटिनल हैमरेज कारण (Causes of Flame Retinal Haemorrhage)
फ्लेम रेटिनल हैमरेज कई स्वास्थ्य स्थितियों के कारण हो सकता है, जिनमें प्रमुख हैं –
- उच्च रक्तचाप (Hypertension) – आंखों की छोटी रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ने से।
- मधुमेह (Diabetes Mellitus) – डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) की वजह से।
- रेटिनल वेन ऑक्लूजन (Retinal Vein Occlusion) – रेटिना की नसों में ब्लॉकेज होने से।
- रक्त संबंधी विकार (Blood Disorders) – जैसे एनीमिया, ल्यूकेमिया आदि।
- गंभीर सिर की चोट (Head Injury)।
- आंखों में संक्रमण या सूजन (Infections or Inflammation in Retina)।
- ग्लॉकोमा (Glaucoma)।
फ्लेम रेटिनल हैमरेज लक्षण (Symptoms of Flame Retinal Haemorrhage)
फ्लेम रेटिनल हैमरेज के लक्षण उसकी गंभीरता और स्थान पर निर्भर करते हैं। सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –
- धुंधला दिखाई देना (Blurred Vision)
- अचानक दृष्टि कम होना (Sudden Loss of Vision)
- आंखों के सामने धब्बे (Floaters)
- रंग और कॉन्ट्रास्ट देखने में कठिनाई
- गंभीर मामलों में आंशिक या पूर्ण दृष्टि हानि
फ्लेम रेटिनल हैमरेज कैसे पहचाने (How to Diagnose Flame Retinal Haemorrhage)
फ्लेम हैमरेज का निदान नेत्र विशेषज्ञ (Ophthalmologist) द्वारा किया जाता है। इसके लिए –
- फंडस एग्जामिनेशन (Fundus Examination)
- ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (OCT)
- फ्लोरोसीन एंजियोग्राफी (FA)
- ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच
फ्लेम रेटिनल हैमरेज इलाज (Treatment of Flame Retinal Haemorrhage)
इलाज का उद्देश्य मूल कारण को नियंत्रित करना है।
- ब्लड प्रेशर और शुगर का नियंत्रण – नियमित दवाइयों और डायट से।
- एंटी-VEGF इंजेक्शन – दृष्टि हानि को कम करने के लिए।
- लेजर ट्रीटमेंट (Laser Photocoagulation) – रेटिनोपैथी के मामलों में।
- रक्त विकारों का इलाज – जैसे एनीमिया या ल्यूकेमिया का उपचार।
- सर्जरी (Vitrectomy) – बहुत गंभीर और लंबे समय से चले आ रहे रक्तस्राव में।
फ्लेम रेटिनल हैमरेज कैसे रोके (Prevention)
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।
- डायबिटीज मरीज नियमित रूप से शुगर लेवल जांचें।
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएँ।
- धूम्रपान और अल्कोहल से बचें।
- समय-समय पर आंखों की जांच करवाएँ।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
फ्लेम रेटिनल हैमरेज का सीधा घरेलू इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपाय आंखों और नसों को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं –
- हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, चुकंदर, बादाम और अखरोट का सेवन।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार (जैसे मछली या फ्लैक्स सीड्स)।
- नमक और मीठे का सेवन नियंत्रित करना।
- नियमित योग और प्राणायाम।
सावधानियाँ (Precautions)
- बिना डॉक्टर की सलाह के आंखों में दवा न डालें।
- आंखों पर बार-बार रगड़ने से बचें।
- अगर अचानक धुंधलापन या ब्लैक स्पॉट दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयाँ समय पर लें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: क्या फ्लेम रेटिनल हैमरेज से स्थायी अंधापन हो सकता है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर इलाज न मिले तो स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है।
प्रश्न 2: क्या यह केवल डायबिटीज वालों को होता है?
उत्तर: नहीं, यह उच्च रक्तचाप, रेटिनल वेन ऑक्लूजन और अन्य बीमारियों में भी हो सकता है।
प्रश्न 3: क्या यह खुद-ब-खुद ठीक हो सकता है?
उत्तर: हल्के मामलों में यह धीरे-धीरे ठीक हो सकता है, लेकिन कारण का इलाज आवश्यक है।
प्रश्न 4: इसकी जांच कितनी बार करवानी चाहिए?
उत्तर: डायबिटीज और हाई बीपी मरीजों को साल में कम से कम 1–2 बार आंखों की जांच करवानी चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
फ्लेम रेटिनल हैमरेज (Flame Retinal Haemorrhage) आंखों से जुड़ी एक गंभीर स्थिति है जो उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और रक्त विकारों की वजह से हो सकती है। यह अचानक दृष्टि धुंधली कर सकती है और समय पर उपचार न मिलने पर स्थायी अंधापन का कारण बन सकती है। इसलिए, नियमित नेत्र परीक्षण, स्वस्थ जीवनशैली और समय पर इलाज से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।