Khushveer Choudhary

Haematoma कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

हीमैटोमा (Haematoma) एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें शरीर के किसी हिस्से में चोट या रक्त वाहिका (Blood Vessel) फटने के कारण त्वचा के नीचे, मांसपेशियों में या अंगों के भीतर रक्त का जमाव (Collection of Blood) हो जाता है। यह अक्सर गिरने, चोट लगने, सर्जरी या दुर्घटना की वजह से होता है। कभी-कभी यह साधारण खून का थक्का हो सकता है और कभी-कभी यह गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है।








हीमैटोमा क्या होता है (What is Haematoma)

जब रक्त वाहिका फट जाती है और खून बाहर निकलकर आसपास के ऊतकों (Tissues) में जमा हो जाता है, तो उसे हीमैटोमा कहते हैं।

  • यह खून त्वचा के नीचे गाढ़े धब्बे (Bruise) या सूजन के रूप में दिख सकता है।
  • यह किसी अंग (जैसे मस्तिष्क, यकृत, मांसपेशियाँ) के भीतर भी बन सकता है।

हीमैटोमा के प्रकार (Types of Haematoma)

  1. सबड्यूरल हीमैटोमा (Subdural Haematoma): मस्तिष्क और उसकी झिल्ली के बीच खून जमा होना।
  2. एपिड्यूरल हीमैटोमा (Epidural Haematoma): खोपड़ी और मस्तिष्क की बाहरी परत के बीच रक्तस्राव।
  3. इंट्रामस्क्युलर हीमैटोमा (Intramuscular Haematoma): मांसपेशियों के अंदर खून जमना।
  4. सबक्यूटेनियस हीमैटोमा (Subcutaneous Haematoma): त्वचा के नीचे खून का धब्बा या गांठ।
  5. ऑर्गन हीमैटोमा (Organ Haematoma): यकृत (Liver), तिल्ली (Spleen) या अन्य अंगों में खून जमना।

हीमैटोमा के कारण (Causes of Haematoma)

  • गिरना या चोट लगना (Fall or Trauma)
  • सड़क दुर्घटनाएँ (Road Accidents)
  • सर्जरी या इंजेक्शन के बाद (Post-surgical or Post-injection)
  • खेल संबंधी चोट (Sports Injury)
  • रक्त पतला करने वाली दवाएँ (Blood Thinners जैसे Aspirin, Warfarin)
  • उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
  • रक्त संबंधी बीमारियाँ (Blood Clotting Disorders)

हीमैटोमा के लक्षण (Symptoms of Haematoma)

  • प्रभावित स्थान पर सूजन (Swelling at the site)
  • लाल, नीला या काला धब्बा (Red, Blue, or Black Patch)
  • दर्द और कोमलता (Pain and Tenderness)
  • गर्माहट महसूस होना (Warmth at the Site)
  • हिलाने-डुलाने में कठिनाई (Restricted Movement)
  • गंभीर मामलों में: चक्कर, बेहोशी, कमजोरी (Head Injury से जुड़े Haematoma में)

हीमैटोमा का इलाज (Treatment of Haematoma)

  1. हल्के मामले (Mild Cases):

    1. आराम (Rest)
    1. ठंडी सिकाई (Ice Pack)
    1. प्रभावित हिस्से को ऊँचा रखें (Elevation)
  2. दवाइयाँ (Medications):

    1. दर्द निवारक दवाएँ (Painkillers)
    1. एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ (Anti-inflammatory Drugs)
  3. निकासी (Drainage):

    1. बड़े या संक्रमित हीमैटोमा को डॉक्टर द्वारा निकालना पड़ सकता है।
  4. सर्जरी (Surgery):

    1. मस्तिष्क या आंतरिक अंगों के गंभीर हीमैटोमा में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

हीमैटोमा को कैसे रोके (Prevention of Haematoma)

  • खेल या व्यायाम करते समय सुरक्षा उपकरण पहनें।
  • सड़क पर चलते या गाड़ी चलाते समय सावधानी रखें।
  • रक्त पतला करने वाली दवाइयाँ लेते समय नियमित जांच करवाएँ।
  • बुजुर्ग लोग फिसलन से बचें।
  • चोट लगने पर तुरंत प्राथमिक उपचार करें।

हीमैटोमा के घरेलू उपाय (Home Remedies for Haematoma)

  • ठंडी सिकाई (Cold Compress): चोट लगने के तुरंत बाद 10-15 मिनट तक बर्फ से सिकाई करें।
  • गर्म सिकाई (Warm Compress): 48 घंटे बाद रक्त का थक्का घुलाने के लिए।
  • हल्की मालिश (Gentle Massage): सूजन कम करने के लिए।
  • हल्दी और दूध (Turmeric with Milk): सूजन और दर्द कम करने में मदद करता है।
  • एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel): प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है।

हीमैटोमा में सावधानियाँ (Precautions in Haematoma)

  • चोट को हल्के में न लें, खासकर सिर पर लगी चोट।
  • खून पतला करने वाली दवा ले रहे हों तो डॉक्टर को बताएं।
  • बहुत बड़ी सूजन या लगातार दर्द पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • यदि बेहोशी, तेज सिरदर्द, उल्टी जैसे लक्षण हों तो आपातकालीन इलाज लें।

हीमैटोमा कैसे पहचाने (Diagnosis of Haematoma)

  1. शारीरिक जांच (Physical Examination)
  2. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
  3. CT स्कैन (CT Scan) – खासकर मस्तिष्क में रक्तस्राव की पुष्टि के लिए।
  4. MRI स्कैन (MRI Scan)
  5. ब्लड टेस्ट (Blood Tests) – clotting disorders की जांच के लिए।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्या हीमैटोमा खतरनाक है?
उत्तर: सामान्य हीमैटोमा खतरनाक नहीं होता, लेकिन मस्तिष्क या आंतरिक अंगों का हीमैटोमा जानलेवा हो सकता है।

प्रश्न 2: क्या हीमैटोमा अपने आप ठीक हो सकता है?
उत्तर: छोटे हीमैटोमा अपने आप 1-2 हफ्तों में ठीक हो जाते हैं।

प्रश्न 3: क्या घरेलू उपाय पर्याप्त हैं?
उत्तर: हल्के मामलों में हाँ, लेकिन गंभीर या गहरे हीमैटोमा में चिकित्सकीय इलाज जरूरी है।

प्रश्न 4: क्या बच्चों और बुजुर्गों में यह ज्यादा होता है?
उत्तर: हाँ, क्योंकि बच्चों को बार-बार चोट लगती है और बुजुर्गों की रक्त वाहिकाएँ कमजोर होती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

हीमैटोमा (Haematoma) एक आम लेकिन कभी-कभी गंभीर स्थिति है जिसमें रक्त वाहिका फटने से खून आसपास के ऊतकों में जमा हो जाता है। हल्के मामलों में आराम, ठंडी सिकाई और घरेलू उपचार से यह ठीक हो सकता है। लेकिन सिर, पेट या आंतरिक अंगों का हीमैटोमा तुरंत चिकित्सकीय आपात स्थिति होती है। इसलिए लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी है

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