Khushveer Choudhary

Roseola : कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपाय

रोज़ोला (Roseola), जिसे "Sixth Disease" या Exanthem Subitum भी कहा जाता है, बच्चों में होने वाला एक सामान्य वायरल संक्रमण है। यह मुख्य रूप से Human Herpesvirus 6 (HHV-6) और कभी-कभी Human Herpesvirus 7 (HHV-7) के कारण होता है। यह बीमारी अक्सर 6 महीने से 2 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इसमें अचानक तेज बुखार आता है और फिर बुखार उतरने के बाद पूरे शरीर पर गुलाबी रंग का चकत्ता (rash) हो जाता है।








रोज़ोला क्या होता है? (What is Roseola?)

रोज़ोला एक viral infection है जो बच्चों में अधिक पाया जाता है। इसमें पहले कुछ दिनों तक तेज बुखार रहता है और बुखार कम होते ही त्वचा पर दाने निकल आते हैं। यह बीमारी सामान्यत: खतरनाक नहीं होती और 1 हफ्ते के भीतर ठीक हो जाती है।

रोज़ोला के कारण (Causes of Roseola)

रोज़ोला मुख्य रूप से virus infection के कारण होता है:

  1. Human Herpesvirus 6 (HHV-6)
  2. Human Herpesvirus 7 (HHV-7)
    यह वायरस लार (saliva) और खाँसी-छींक के छोटे कणों से एक बच्चे से दूसरे में फैल सकता है।

रोज़ोला के लक्षण (Symptoms of Roseola)

रोज़ोला के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं:

  • अचानक तेज बुखार (103–105°F तक)
  • बुखार 3–5 दिन तक रहना
  • बुखार उतरने के बाद गुलाबी रंग के चकत्ते (rash) निकलना
  • चकत्ते पहले छाती और पीठ पर और फिर चेहरे व हाथ-पाँव पर फैलना
  • गले में हल्का खराश या सूजन
  • हल्की खाँसी और नाक बहना
  • आँखों में हल्की लालिमा
  • चिड़चिड़ापन और थकान
  • कुछ बच्चों में दौरे (febrile seizures)

रोज़ोला का इलाज (Treatment of Roseola)

रोज़ोला का कोई विशेष इलाज (specific antiviral) नहीं है क्योंकि यह वायरस से होने वाला संक्रमण है। इलाज केवल लक्षणों को कम करने पर आधारित होता है:

  • बुखार कम करने के लिए: Paracetamol (Acetaminophen) या Ibuprofen (डॉक्टर की सलाह से)
  • पर्याप्त आराम देना
  • तरल पदार्थ (fluids) जैसे पानी, सूप, नारियल पानी पिलाना
  • हल्का और पौष्टिक भोजन देना
  • अगर बच्चे को दौरे पड़ें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना

रोज़ोला को कैसे रोके (Prevention of Roseola)

रोज़ोला से पूरी तरह बचाव का कोई टीका (vaccine) नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियाँ अपनाई जा सकती हैं:

  • संक्रमित बच्चे को दूसरों से अलग रखें
  • बच्चे को साफ-सफाई की आदत डालें
  • खाँसी और छींकते समय मुँह ढकने की आदत सिखाएँ
  • खिलौनों और बर्तनों को साफ रखें
  • बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाने के लिए संतुलित आहार दें

रोज़ोला के घरेलू उपाय (Home Remedies for Roseola)

कुछ घरेलू उपाय लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:

  • गुनगुने पानी की पट्टी से बुखार कम करना
  • बच्चे को ज्यादा पानी और तरल पदार्थ देना
  • हल्का कपड़ा पहनाना ताकि शरीर गर्म न हो
  • आराम और नींद का ध्यान रखना
  • हल्का सुपाच्य भोजन जैसे खिचड़ी, दाल का पानी देना

रोज़ोला में सावधानियाँ (Precautions in Roseola)

  • बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक न दें (क्योंकि यह वायरस से होता है, बैक्टीरिया से नहीं)
  • बच्चे को स्कूल/डे-केयर से कुछ दिन के लिए घर पर रखें
  • तेज बुखार या दौरे आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • बच्चे को डिहाइड्रेशन से बचाएँ

रोज़ोला को कैसे पहचाने (How to Identify Roseola)

  • सबसे पहले तेज बुखार आता है (3–5 दिन तक)
  • बुखार उतरने के बाद अचानक गुलाबी चकत्ते (rash) निकलते हैं
  • बच्चे में चिड़चिड़ापन, थकान और हल्की खाँसी जैसे लक्षण दिखते हैं
    इन लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आसानी से पहचान सकते हैं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या रोज़ोला खतरनाक है?
नहीं, रोज़ोला सामान्यत: खतरनाक नहीं होता और 1 हफ्ते में ठीक हो जाता है।

Q2. क्या रोज़ोला बार-बार हो सकता है?
एक बार होने के बाद शरीर में प्रतिरक्षा बन जाती है, इसलिए दोबारा होने की संभावना कम होती है।

Q3. रोज़ोला में एंटीबायोटिक की ज़रूरत होती है?
नहीं, क्योंकि यह वायरस से होता है।

Q4. रोज़ोला किस उम्र के बच्चों में होता है?
मुख्य रूप से 6 महीने से 2 साल की उम्र के बच्चों में।

Q5. रोज़ोला और measles (खसरा) में अंतर क्या है?
रोज़ोला में पहले बुखार और फिर rash आता है, जबकि measles में बुखार और rash साथ-साथ आते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

रोज़ोला (Roseola) एक सामान्य और स्वयं सीमित (self-limiting) बीमारी है जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। इसमें पहले तेज बुखार और फिर गुलाबी चकत्ते निकलते हैं। इसका कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन बुखार और असुविधा को कम करने के लिए दवाइयाँ और घरेलू उपाय किए जा सकते हैं। साफ-सफाई और सावधानी बरतकर संक्रमण से बचा जा सकता है।


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