इंसुलिनोमा सिंड्रोम (Insulinoma Syndrome) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर अग्न्याशय (Pancreas) से जुड़ी समस्या है। इसमें अग्न्याशय की बीटा कोशिकाएँ (Beta cells) अत्यधिक मात्रा में इंसुलिन (Insulin) बनाती हैं, जिससे रक्त शर्करा (Blood Sugar) का स्तर बहुत कम हो जाता है।
इस स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) कहा जाता है, जो व्यक्ति के लिए जानलेवा भी हो सकती है यदि समय पर पहचान और इलाज न किया जाए।
इंसुलिनोमा सिंड्रोम क्या होता है (What is Insulinoma Syndrome)
इंसुलिनोमा सिंड्रोम में अग्न्याशय के भीतर एक ट्यूमर (Tumor) बन जाता है जो स्वतः ही इंसुलिन हार्मोन का स्राव करता रहता है, भले ही शरीर को उसकी आवश्यकता न हो।
सामान्य रूप से, इंसुलिन शरीर में ग्लूकोज को नियंत्रित रखता है, लेकिन जब यह अत्यधिक बनता है तो ब्लड शुगर का स्तर गिर जाता है, जिससे कमजोरी, चक्कर, बेहोशी जैसी समस्याएँ होने लगती हैं।
इंसुलिनोमा सिंड्रोम कारण (Causes of Insulinoma Syndrome)
इंसुलिनोमा सिंड्रोम के मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं —
- अग्न्याशय में ट्यूमर (Pancreatic Tumor) — यह प्रमुख कारण है, जो इंसुलिन को नियंत्रित नहीं होने देता।
- विरासत में मिले जीन परिवर्तन (Genetic Mutation) — कुछ लोगों में यह स्थिति आनुवांशिक होती है।
- मल्टीपल एंडोक्राइन न्योप्लासिया टाइप 1 (MEN-1) — यह एक वंशानुगत रोग है जो कई ग्रंथियों को प्रभावित करता है।
- हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) — शरीर के अन्य हार्मोन का असंतुलन भी इसका कारण बन सकता है।
- अग्न्याशय की कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि (Abnormal Growth of Beta Cells)।
इंसुलिनोमा सिंड्रोम लक्षण (Symptoms of Insulinoma Syndrome)
इंसुलिनोमा सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Insulinoma Syndrome) तब दिखाई देते हैं जब ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो जाता है।
मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं —
- चक्कर आना (Dizziness)
- बेहोशी या भ्रम की स्थिति (Fainting or Confusion)
- दिल की धड़कन बढ़ना (Rapid Heartbeat)
- पसीना आना (Excessive Sweating)
- कमजोरी और थकान (Weakness and Fatigue)
- कंपकंपी या हाथ-पैर कांपना (Shakiness)
- भूख लगना (Hunger)
- वजन बढ़ना (Weight Gain) — बार-बार भोजन करने से
- रात में बेचैनी या नींद में झटके (Night Restlessness)
इंसुलिनोमा सिंड्रोम कैसे पहचाने (Diagnosis of Insulinoma Syndrome)
इंसुलिनोमा की पहचान करने के लिए चिकित्सक निम्नलिखित जाँचें करते हैं —
- ब्लड ग्लूकोज टेस्ट (Blood Glucose Test) — रक्त में शुगर का स्तर जांचा जाता है।
- इंसुलिन लेवल टेस्ट (Insulin Level Test) — रक्त में इंसुलिन की मात्रा मापी जाती है।
- सी-पेप्टाइड टेस्ट (C-peptide Test) — यह बताता है कि इंसुलिन शरीर बना रहा है या बाहर से दिया गया है।
- CT स्कैन / MRI स्कैन — ट्यूमर की स्थिति जानने के लिए।
- एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (Endoscopic Ultrasound) — अग्न्याशय की अंदरूनी जांच के लिए।
इंसुलिनोमा सिंड्रोम इलाज (Treatment of Insulinoma Syndrome)
इस सिंड्रोम का इलाज मुख्यतः ट्यूमर को नियंत्रित या हटाने पर आधारित होता है —
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सर्जरी (Surgery) —
यदि ट्यूमर छोटा है तो सर्जरी द्वारा उसे हटा दिया जाता है। यह सबसे प्रभावी तरीका है। -
दवाएँ (Medications) —
- Diazoxide — इंसुलिन की अधिकता को कम करती है।
- Octreotide — हार्मोन स्राव को नियंत्रित करती है।
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ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के उपाय —
- बार-बार थोड़ी मात्रा में खाना खाएँ।
- कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार लें।
- उपवास या लंबे समय तक भूखे रहने से बचें।
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रेडिएशन या कीमोथेरेपी (Radiation or Chemotherapy) —
यदि ट्यूमर कैंसरयुक्त (Malignant) है तो इन तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है।
इंसुलिनोमा सिंड्रोम कैसे रोके (Prevention of Insulinoma Syndrome)
इसे पूरी तरह रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियों से जोखिम कम किया जा सकता है —
- नियमित हेल्थ चेकअप कराएँ।
- परिवार में यदि किसी को MEN-1 जैसी समस्या है, तो समय-समय पर टेस्ट कराएँ।
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
- तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें।
- ब्लड शुगर मॉनिटरिंग करें, खासकर यदि बार-बार हाइपोग्लाइसीमिया महसूस होता हो।
घरेलू उपाय (Home Remedies for Insulinoma Syndrome)
ध्यान दें: घरेलू उपाय केवल सहायक भूमिका निभाते हैं, मुख्य इलाज चिकित्सकीय होना चाहिए।
- शहद या मीठे फलों का सेवन करें — जब ब्लड शुगर अचानक गिर जाए।
- नियमित अंतराल पर खाना खाएँ — लंबे अंतराल पर न खाएँ।
- प्रोटीन युक्त आहार लें — जैसे दूध, अंडा, दाल, पनीर।
- कैफीन का सेवन सीमित करें — यह ब्लड शुगर के स्तर को अस्थिर कर सकता है।
- पर्याप्त पानी पिएँ — डिहाइड्रेशन से बचें।
सावधानियाँ (Precautions)
- अपने साथ हमेशा ग्लूकोज या शुगर टैबलेट रखें।
- अचानक बेहोशी या कमजोरी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- लंबे उपवास या एक्सरसाइज़ के बाद तुरंत भोजन करें।
- मदिरा (Alcohol) का सेवन सीमित या बंद करें।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं की मात्रा नियमित रूप से लें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1. क्या इंसुलिनोमा कैंसर होता है?
उत्तर: अधिकांश मामलों में यह गैर-कैंसरयुक्त (Benign) होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह कैंसरयुक्त (Malignant) भी हो सकता है।
प्रश्न 2. क्या इंसुलिनोमा का इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर पहचान हो जाए तो सर्जरी से इसका पूरा इलाज संभव है।
प्रश्न 3. क्या यह दोबारा हो सकता है?
उत्तर: कुछ मामलों में ट्यूमर फिर से विकसित हो सकता है, इसलिए नियमित जांच जरूरी है।
प्रश्न 4. क्या इंसुलिनोमा सिंड्रोम जीवन के लिए खतरा है?
उत्तर: यदि इलाज न कराया जाए तो बार-बार हाइपोग्लाइसीमिया जानलेवा साबित हो सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इंसुलिनोमा सिंड्रोम (Insulinoma Syndrome) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य रोग है।
समय पर लक्षणों की पहचान, ब्लड शुगर की निगरानी, और चिकित्सक की सलाह से इसका सफल प्रबंधन संभव है।
संतुलित आहार, नियमित चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप इस समस्या से काफी हद तक बच सकते हैं।