महिलाओं में मासिक धर्म (Menstrual Cycle) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महीने होती है। सामान्य रूप से पीरियड्स के बीच लगभग 28 दिन का अंतर होता है। लेकिन कई बार कुछ महिलाओं को दो पीरियड्स के बीच भी खून आना शुरू हो जाता है, जिसे इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग (Intermenstrual Bleeding) या ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग (Breakthrough Bleeding) कहा जाता है।
यह स्थिति सामान्य भी हो सकती है और कभी-कभी किसी बीमारी या हार्मोनल असंतुलन का संकेत भी दे सकती है।
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग क्या होता है (What is Intermenstrual Bleeding):
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग का मतलब है – नियमित मासिक धर्म (Periods) के बीच अचानक से रक्तस्राव (Bleeding) होना।
यह हल्का स्पॉटिंग (Spotting) भी हो सकता है या कभी-कभी अधिक मात्रा में भी खून आ सकता है।
इसका समय और मात्रा व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग कारण (Causes of Intermenstrual Bleeding):
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग कई कारणों से हो सकती है, जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
-
हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance):
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का असंतुलन ब्लीडिंग का प्रमुख कारण होता है। -
ओव्यूलेशन के समय ब्लीडिंग (Ovulation Bleeding):
अंडोत्सर्जन (Ovulation) के समय हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है, जो सामान्य है। -
गर्भनिरोधक गोलियाँ (Birth Control Pills):
नई गर्भनिरोधक दवाएँ शुरू करने या अचानक बंद करने से हार्मोन में बदलाव होता है जिससे ब्लीडिंग हो सकती है। -
गर्भाशय में फाइब्रॉइड या पॉलीप्स (Uterine Fibroids or Polyps):
ये गर्भाशय में छोटे असामान्य ऊतक (growths) होते हैं जो अनियमित रक्तस्राव का कारण बनते हैं। -
संक्रमण (Infection):
यौन संचारित रोग (STIs) या योनि संक्रमण (Vaginal Infection) से ब्लीडिंग हो सकती है। -
गर्भावस्था से संबंधित कारण (Pregnancy Related Causes):
गर्भ के शुरुआती समय में स्पॉटिंग होना या गर्भपात (Miscarriage) के संकेत भी हो सकते हैं। -
थायरॉइड या अन्य एंडोक्राइन विकार (Thyroid or Endocrine Disorders):
थायरॉइड की समस्या से भी मासिक धर्म चक्र प्रभावित होता है। -
सर्वाइकल कैंसर या एंडोमेट्रियल कैंसर (Cervical or Endometrial Cancer):
कुछ मामलों में यह गंभीर रोगों का संकेत भी हो सकता है, इसलिए जांच जरूरी है।
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग के लक्षण (Symptoms of Intermenstrual Bleeding):
- पीरियड्स के बीच खून आना या स्पॉटिंग होना
- ब्लीडिंग के साथ पेट या कमर में दर्द
- थकान या कमजोरी
- अनियमित मासिक धर्म चक्र
- असामान्य स्राव (Unusual vaginal discharge)
- ब्लीडिंग के दौरान सिर दर्द या चक्कर आना
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग कैसे पहचाने (How to Identify Intermenstrual Bleeding):
- यदि पीरियड्स के 10 से 15 दिन बाद दोबारा ब्लीडिंग होती है।
- अगर ब्लीडिंग लगातार कुछ दिन तक बनी रहती है।
- अगर सामान्य पीरियड्स से अलग लक्षण दिखें (जैसे रंग या मात्रा में बदलाव)।
- लगातार कई महीनों तक यह समस्या बनी रहे।
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग इलाज (Treatment of Intermenstrual Bleeding):
इलाज कारण पर निर्भर करता है। डॉक्टर जांच के बाद सही उपचार बताते हैं।
मुख्य उपचार विधियाँ –
-
हार्मोनल थेरेपी (Hormonal Therapy):
यदि हार्मोनल असंतुलन कारण है, तो डॉक्टर हार्मोनल दवाएँ देते हैं। -
संक्रमण का इलाज (Treatment of Infection):
अगर संक्रमण है तो एंटीबायोटिक या एंटीफंगल दवाएँ दी जाती हैं। -
फाइब्रॉइड/पॉलीप्स हटाना (Surgical Removal):
गर्भाशय में असामान्य ग्रोथ होने पर सर्जरी की जाती है। -
थायरॉइड या अन्य विकारों का इलाज:
उचित जांच कर हार्मोन लेवल को सामान्य करने के लिए दवाइयाँ दी जाती हैं। -
जीवनशैली में सुधार (Lifestyle Changes):
तनाव कम करना, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम मददगार होता है।
घरेलू उपाय (Home Remedies for Intermenstrual Bleeding):
-
आंवला (Indian Gooseberry):
हार्मोन को संतुलित रखने और रक्त की कमी रोकने में मदद करता है। -
अशोका चूर्ण (Ashoka Powder):
गर्भाशय की समस्या में फायदेमंद होता है। -
मेथी के बीज (Fenugreek Seeds):
हार्मोनल संतुलन के लिए उपयोगी हैं। -
एलोवेरा जूस (Aloe Vera Juice):
पीरियड्स को नियमित करने में सहायक। -
तुलसी और अदरक की चाय (Basil and Ginger Tea):
दर्द और सूजन को कम करती है।
(नोट: घरेलू उपाय केवल सहायक हैं, चिकित्सक की सलाह के बिना इलाज का विकल्प नहीं हैं।)
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग कैसे रोके (Prevention of Intermenstrual Bleeding):
- संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पिएँ।
- तनाव और चिंता को नियंत्रित करें।
- नींद पूरी लें (7–8 घंटे)।
- नियमित व्यायाम करें।
- गर्भनिरोधक दवाएँ डॉक्टर की सलाह से ही लें।
- किसी भी असामान्य ब्लीडिंग पर तुरंत जांच कराएँ।
सावधानियाँ (Precautions):
- स्वयं से कोई दवा न लें।
- किसी भी प्रकार की असामान्य ब्लीडिंग को नजरअंदाज न करें।
- नियमित रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएँ।
- आयरन युक्त भोजन लें ताकि एनीमिया न हो।
- यदि दर्द या ब्लीडिंग बढ़े तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
Q1. क्या इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग सामान्य है?
कुछ मामलों में यह सामान्य हो सकती है, जैसे ओव्यूलेशन के समय, लेकिन लगातार हो तो जांच जरूरी है।
Q2. क्या यह गर्भावस्था का संकेत है?
प्रारंभिक गर्भावस्था में हल्की स्पॉटिंग हो सकती है, परंतु इसकी पुष्टि डॉक्टर द्वारा करानी चाहिए।
Q3. क्या इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है?
यदि कारण हार्मोनल या संरचनात्मक है, तो यह गर्भधारण की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
Q4. क्या यह कैंसर का लक्षण हो सकता है?
हाँ, यदि ब्लीडिंग बार-बार या असामान्य रूप से हो रही है तो यह सर्वाइकल या एंडोमेट्रियल कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
इंटरमेनस्ट्रुअल ब्लीडिंग (Intermenstrual Bleeding) महिलाओं में आम समस्या है, लेकिन इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
यदि यह बार-बार हो रही है या दर्द, कमजोरी, या अत्यधिक रक्तस्राव के साथ है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
समय पर निदान और उचित उपचार से यह समस्या पूरी तरह नियंत्रित की जा सकती है।