Khushveer Choudhary

Iris Cyst– कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम

आईरिस सिस्ट (Iris Cyst) आँख के आईरिस (Iris) में बनने वाला एक द्रव या ठोस पदार्थ से भरा हुआ छोटा थैली जैसा आकार होता है। यह आमतौर पर आँख के रंगीन हिस्से (आईरिस) पर विकसित होता है। अधिकांश केस में यह सिस्ट बेअसर होती है और किसी प्रकार के लक्षण नहीं देती। हालांकि, कुछ मामलों में यह दृष्टि (vision) या आँख के अंदर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकती है।

आईरिस सिस्ट को आमतौर पर आँख के नियमित चेकअप या स्लिट-लैम्प (Slit Lamp) एक्सामिनेशन के दौरान पहचाना जाता है।

आईरिस सिस्ट क्या होता है? (What is Iris Cyst?)

आईरिस सिस्ट आँख की आईरिस में बनने वाला छोटा थैली जैसा निर्माण है।

  • यह द्रव (fluid-filled) या ठोस (solid) हो सकता है।
  • आकार में यह बहुत छोटा (millimeters) या बड़ा हो सकता है।
  • यह सिंपल (simple) या कॉम्प्लिकेटेड (complicated) हो सकता है।

आईरिस सिस्ट आईरिस सिस्ट के कारण (Causes of Iris Cyst)

आईरिस सिस्ट के कई कारण हो सकते हैं:

  1. जन्मजात कारण (Congenital) – जन्म से ही आईरिस में सिस्ट विकसित होना।
  2. आघात (Trauma) – आँख पर चोट या चोट के कारण सिस्ट बनना।
  3. सर्जरी के बाद (Post-Surgical) – आँख की सर्जरी के बाद आईरिस में सिस्ट बन जाना।
  4. संक्रमण या सूजन (Infection/Inflammation) – आँख में संक्रमण या इन्फ्लेमेशन के कारण।
  5. नेत्र संबंधी ट्यूमर (Ocular Tumors) – दुर्लभ मामलों में सिस्ट ट्यूमर के कारण भी हो सकती है।

आईरिस सिस्ट के लक्षण (Symptoms of Iris Cyst)

अधिकतर आईरिस सिस्ट कोई लक्षण नहीं देते। लेकिन कुछ मामलों में यह लक्षण दिखा सकते हैं:

  • आँख में धुंधला दिखना (Blurred vision)
  • आँख में दर्द या असहजता (Eye discomfort or pain)
  • आँख का आकार बदलना या लालिमा (Redness or abnormal appearance)
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (Photophobia)
  • कभी-कभी आँख में दबाव बढ़ना (Increased intraocular pressure)

आईरिस सिस्ट का इलाज (Treatment of Iris Cyst)

आईरिस सिस्ट का इलाज इसके आकार, प्रकार और लक्षणों पर निर्भर करता है:

  1. बिना लक्षण वाले सिस्ट (Asymptomatic Cysts)
    1. अक्सर डॉक्टर सिर्फ नियमित निगरानी (Observation) की सलाह देते हैं।
  2. लक्षण वाले सिस्ट (Symptomatic Cysts)
    1. दवा (Medication) – सूजन या इन्फेक्शन को कम करने के लिए।
    2. सर्जिकल हटाना (Surgical Removal) – अगर सिस्ट दृष्टि या आँख के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर रही हो।
    3. लेजर थेरैपी (Laser Therapy) – कुछ केस में लेजर से सिस्ट को छोटा या हटाया जा सकता है।

आईरिस सिस्ट को कैसे रोका जाए? (Prevention of Iris Cyst)

  • आँख की चोट से बचाव करना (Protect eyes from trauma)
  • आँखों में संक्रमण होने पर तुरंत इलाज कराना (Timely treatment of eye infections)
  • आँखों की नियमित जांच कराना (Regular eye check-ups)
  • सर्जरी के बाद डॉक्टर की सलाह का पालन करना (Follow post-surgery care)

घरेलू उपाय (Home Remedies)

आईरिस सिस्ट के लिए सीधे घरेलू उपाय सीमित हैं, लेकिन आँख की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए:

  • आँखों को साफ और सूखा रखें।
  • आँखों पर जोर न डालें और रगड़ें नहीं।
  • कंप्यूटर या मोबाइल पर लंबे समय तक स्क्रीन देखने से बचें।
  • संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन A और C अधिक हों।

सावधानियाँ (Precautions)

  • आँख में अचानक दर्द या दृष्टि धुंधली होने पर तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें।
  • आँख की चोट या संक्रमण को हल्के में न लें।
  • दवा या सर्जरी के निर्देश बिना डॉक्टर की सलाह के न बदलें।

आईरिस सिस्ट कैसे पहचाने (How to Diagnose Iris Cyst)

  • स्लिट लैम्प परीक्षा (Slit Lamp Examination)
  • अल्ट्रासाउंड बायोमाइक्रोस्कोपी (Ultrasound Biomicroscopy)
  • फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी (Fluorescein Angiography) – कुछ विशेष मामलों में

FAQs

1. क्या आईरिस सिस्ट हमेशा खतरनाक होता है?
अधिकतर सिस्ट बेअसर होते हैं और किसी समस्या का कारण नहीं बनते।

2. क्या आईरिस सिस्ट अपने आप ठीक हो सकता है?
कुछ सिस्ट समय के साथ स्थिर रहते हैं, लेकिन खुद से गायब होना आम नहीं है।

3. क्या बच्चे में भी आईरिस सिस्ट हो सकता है?
हाँ, यह जन्मजात (congenital) भी हो सकता है।

4. क्या आईरिस सिस्ट से आँख की रोशनी प्रभावित हो सकती है?
अगर सिस्ट बड़ी हो और पupil या दृष्टि में बाधा डालती हो तो हाँ, प्रभावित कर सकती है।

5. क्या सर्जरी हमेशा जरूरी है?
नहीं, केवल उन सिस्ट के लिए जिनमें लक्षण हों या दृष्टि प्रभावित हो।

निष्कर्ष (Conclusion)

आईरिस सिस्ट एक आम नेत्र स्थिति है जो अधिकांश मामलों में गंभीर नहीं होती। समय पर नेत्र विशेषज्ञ द्वारा जांच और निगरानी से इससे होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है। आँख की सुरक्षा, संक्रमण से बचाव और नियमित चेकअप इसे नियंत्रण में रखने के मुख्य उपाय हैं।

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