Juvenile Plantar Dermatosis (हिंदी में इसे “युवावस्था तल चामड़ी रोग” कह सकते हैं) एक त्वचा-सम्बंधी स्थिति है, जिसमें बच्चों के तलवों (पैर के नीचे की सतह) की भार ले लेने वाली सतहों पर लगातार सूखापन, तेज़ फ्रिक्शन, मोटे स्केलिंग, और दरारें (फिशर) हो जाती हैं।
यह मुख्य रूप से 3-14 वर्ष के बच्चों में पाई जाती है, विशेष रूप से 4-8 वर्ष की उम्र में और लड़कों में थोड़ी अधिक।
बहुत हद तक यह स्वयं-सीमित होती है और किशोरावस्था तक इस अवस्था में सुधार हो सकता है।
Juvenile Plantar Dermatosis क्या होता है? (What is Juvenile Plantar Dermatosis)
- यह एक अवस्था है जिसमें पैर के तल की “भार लेने वाली सतहें” (विशेषकर पैर के सामने वाला भाग, गोले के नीचे वाला हिस्सा और बड़ी अंगुली के नीचे का क्षेत्र) पर त्वचा चमकीली-ग्लॉसी (shiny/glazed) हो जाती है, स्केलिंग होती है, और समय के साथ दरारें एवं फिशर बन सकते हैं।
- आमतौर पर पैर के अंगुलियों के नीचे, गोले (ball of foot) क्षेत्र और कभी-कभी एड़ियों (heel) में दिखती है।
- महत्वपूर्ण बात है कि पैर की अंगुलियों के बीच की “वेब” (toe-web spaces) सामान्यतः प्रभावित नहीं होती — यह एक विशेषता है जो इसे कुछ अन्य पैरों के रोगों से अलग करती है।
- अक्सर यह दोनो पैरों में समान रूप से होती है (symmetric)।
Juvenile Plantar Dermatosis कारण (Causes)
हालाँकि इस स्थिति का पुरा-पुरी कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन कई कारक माने जाते हैं जो इसके विकास में योगदान देते हैं:
- अधिक पसीना (हाइपरहाइड्रोसिस) और उसके बाद जल्द-से-जल्द सूखना — यह त्वचा की नमी-सूखने की चक्र (wet-dry cycle) को बढ़ावा देता है जिससे त्वचा बाधित होती जाती है।
- संकुचित, सिंथेटिक या गैर-साँस लेने वाले (non-breathable) जूते एवं मोजे — यह पैर की नमी को बंद कर देती हैं और घिसाव (friction) और दबाव (pressure) बढ़ाती हैं।
- लगातार फ्रिक्शन (घिसाव) और भार-लेने वाली सतहों पर दबाव, जिससे त्वचा कमजोर होती है।
- अस्थिर त्वचा बाधा (skin barrier) — विशेष रूप से जिन बच्चों को एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic Dermatitis), अस्थमा या एलर्जी का इतिहास हो, उनकी त्वचा स्वस्थ बच्चों की तुलना में अधिक संवेदनशील हो सकती है।
- जलवायु एवं मौसमी परिवर्तन — ग्रीष्मकाल में पसीना बढ़ना, सर्दियों/बरसात में जूते-मोजे बंद रखना, आदि।
Juvenile Plantar Dermatosis लक्षण (Symptoms)
के लक्षण (Symptoms of Juvenile Plantar Dermatosis):
- पैर के तल (विशेषकर आगे-के हिस्से) पर चमकीली लाल-ग्लॉसी त्वचा (shiny red skin)।
- त्वचा का सूखापन, पतली स्केलिंग (fine or coarse scaling)।
- दरारें (fissures) और क्रैकिंग (cracking), जो चलने-फिरने पर दर्द या असहजता उत्पन्न कर सकती हैं।
- आमतौर पर पैर के अंगुलियों के नीचे, गोले (ball) और कभी-कभी एड़ी में।
- पैर की अंगुलियों के बीच की वेब-स्पेस में आमतौर पर साबुत त्वचा रहती है (यह फर्क बताता है कि यह फंगल संक्रमण नहीं है)।
- दोनो पैरों में समरूप (सिमेट्रिक)-रूप से दिख सकती है।
- लक्षण कभी-कभी गर्मी, पसीना, या संकुचित जूते आने वाले समय में बढ़ सकते हैं।
Juvenile Plantar Dermatosis कैसे पहचाने (How to Recognize / Diagnosis)
- चिकित्सक द्वारा क्लिनिकल परीक्षण किया जाता है — पैर की सतहों का निरीक्षण, लक्षणों का इतिहास, संबंधित जोखिम-कारकों की जाँच।
- अन्य परिस्थितियों को अलग करने के लिए आवश्यक हो सकता है: जैसे पैर में फंगल संक्रमण (Tinea Pedis), संपर्क संवेदनशीलता (contact dermatitis), प्लांटर सोर्सिस (plantar psoriasis) आदि।
- त्वचा स्क्रैपिंग (skin scraping) या कुल्चर (culture) द्वारा फंगल संक्रमण की संभावना टाली जा सकती है।
- पैच-टेस्ट (patch testing) कभी-कभी जूते या मोजे से संपर्क एलर्जी (footwear allergens) जाँचे जाने के लिए किया जाता है।
Juvenile Plantar Dermatosis इलाज (Treatment)
- प्रमुख मूल उपचार रणनीति है: घिसाव (friction) और अति-नमी (excess moisture) को नियंत्रित करना। उदाहरण के लिए: साँस लेने योग्य जूते पहनना, सिंथेटिक मोजों से बचना।
- मॉइस्चराइज़र (Moisturiser) का नियमित उपयोग — विशेष रूप से पैर धोने के बाद और रात में सोते समय मोटा मॉइस्चराइज़र या बैरियर क्रीम लगाना।
- अगर फिशर या क्रैक बहुत दर्दनाक हों तो चिकित्सकीय सलाह के अधीन टॉपिकल स्टेरॉयड (topical steroids) या अन्य चिकित्सकीय ओइंटमेंट्स उपयोग की जा सकती हैं। लेकिन इनका असर हमेशा स्पष्ट नहीं है।
- फिसलने-वाले दरारों को प्लास्टर या ‘लीक्विड बैंडेज’ से आवरण देना (occlusion) healing को बढ़ावा देता है।
- जूते के अंदर मोजे बदलने, पसीने में भीगने पर तुरंत सूखे मोजों में बदलने जैसी सावधानियाँ।
- इस स्थिति को अक्सर किशोरावस्था तक धीरे-धीरे सुधार मिलता है — अक्सर 12-16 वर्ष तक।
Juvenile Plantar Dermatosis कैसे रोके/निवारण (Prevention)
- बच्चों को साँस लेने योग्य (breathable) जूते पहनने की सलाह दें — लेदर या अच्छे वेंटिलेशन वाले जूते।
- मोजों को कॉटन या ऊनी (woollen) चुनें, और यदि संभव हो तो दोपरतें मोजे (two pairs of socks) पहना सकते हैं ताकि घिसाव कम हो।
- भिगे या पसीने से तर पैर तुरंत बदलें — नमी-सूखने का चक्र कम करें।
- पैरों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करें, विशेष रूप से जब जूते पहनने के बाद हों।
- हो सके तो घर में पैर खोलकर चलने-फिरने दें, जूते-मोजों से थोड़ा आराम दें।
- खेल-कूद या गतिविधि के बाद पैर की देखभाल करें — पैर धोएँ, सूखे मोजों में बदलें।
- यदि बच्चे को एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic Dermatitis) या अन्य एलर्जी हो तो त्वचा-देखभाल विशेष रूप से करें।
सावधानियाँ (Precautions)
- इस स्थिति को स्वयं-द्वारा फंगल संक्रमण (Tinea) समझकर मिक्सेड इलाज नहीं करना चाहिए — क्योंकि पैर की वेब-स्पेस आमतौर पर प्रभावित नहीं होती।
- यदि बहुत गहरे क्रैक, फिशर हों या संक्रमण के लक्षण हों (जैसे सूजन, मवाद, तेज दर्द), तो त्वचा चिकित्सक (Dermatologist) से तुरंत मिलें।
- मॉइस्चराइज़र चुनते समय बच्चों की संवेदनशील त्वचा के अनुरूप लो इरिटेंट (low-irritant) प्रकार चुनें।
- बाल-जूते (school shoes) या खेल-जूते लंबे समय तक पहनने से बचें, विशेष रूप से जब पैर पसीने से गीले हों।
- बच्चों को पैरों की सफाई एवं देखभाल की आदतें सिखाएँ — जैसे मोजों को रोज बदलना, खुला समय देना।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या यह रोग संक्रामक (contagious) है?
उत्तर: नहीं। यह फंगल संक्रमण नहीं है, बल्कि त्वचा पर घिसाव-नमी-सूखने के चक्र और बाह्य कारकों का परिणाम है।
प्रश्न 2: क्या यह हमेशा बच्चों तक ही सीमित है?
उत्तर: यह अधिकांशतः 3-14 वर्ष के बच्चों में पाई जाती है, लेकिन बहुत दुर्लभ रूप में वयस्कों में भी हो सकती है।
प्रश्न 3: यह कब तक चलता है?
उत्तर: अक्सर यह किशोरावस्था तक धीरे-धीरे ठीक हो जाती है — अधिकांश मामलों में 12-16 वर्ष की उम्र तक सुधार होता है।
प्रश्न 4: क्या केवल मॉइस्चराइज़र से ठीक हो सकती है?
उत्तर: मॉइस्चराइज़र बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन अकेले पर्याप्त नहीं हो सकते — घिसाव, नमी-सूखने के चक्र, जूते एवं मोजे की रणनीति भी जरूरी है।
प्रश्न 5: क्या यह बार-बार वापस आ सकती है?
उत्तर: हाँ, पुनरावृत्ति संभव है यदि उपाय नियमित न हों — विशेष रूप से बच्चों के जूते-मोजे और पैर-स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा गया हो।
निष्कर्ष
Juvenile Plantar Dermatosis एक ऐसी त्वचा-स्थिति है जो बच्चों के पैरों की भार-लेने वाली सतहों पर شک द्वारा उत्पन्न होती है — पसीना, घिसाव, संकुचित जूते-मोजे आदि मिलकर इसे बढ़ावा देते हैं। सौभाग्य से यह गम्भीर नहीं है और सही उपायों से नियंत्रण में लाई जा सकती है। मॉइस्चराइजिंग, उपयुक्त जूते-मोजे, पैरों की स्वच्छता और समय-समय पर आराम देना इसके मुख्य उपाय हैं। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें, गहरे फिशर हों या संक्रमण के संकेत हों, तो त्वचा चिकित्सक से परामर्श लेना अनिवार्य है। सही आचरण और देखभाल से इससे प्रभावित बच्चों को आराम मिलेगा और स्थिति अच्छी तरह से सुधर सकती है।
यदि आप चाहें, तो मैं इस रोग के लिए विशेष घरेलू उपायों और बालकों-के लिए उपयुक्त जूते-मोजों के सुझाव भी दे सकता हूँ।