Khushveer Choudhary

Congenital Kyphosis कारण, लक्षण, उपचार और बचाव

जन्मजात काइफोसिस (Congenital Kyphosis) रीढ़ की हड्डी (Spine) से जुड़ी एक जन्मजात विकृति (Birth Defect) है।

इस स्थिति में बच्चे की रीढ़ की हड्डी जन्म से ही आगे की ओर झुकी (Forward Curved) होती है, जिससे पीठ में असामान्य झुकाव (Hunchback) दिखाई देता है।

यह विकृति रीढ़ की हड्डियों (Vertebrae) के असामान्य विकास या जुड़ाव (Abnormal Formation or Fusion) के कारण होती है।
यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो यह नसों पर दबाव (Nerve Compression) डाल सकती है, जिससे कमजोरी, दर्द और चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है।

जन्मजात काइफोसिस क्या होता है  (What is Congenital Kyphosis)

Congenital Kyphosis एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी का आकार जन्म से ही गलत होता है, यानी हड्डियाँ पूरी तरह विकसित नहीं होतीं या एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं।
इससे रीढ़ की हड्डी अत्यधिक झुक जाती है (Excessive Curvature) और पीठ की सामान्य सीधी रेखा बिगड़ जाती है।

यह स्थिति गर्भावस्था के दौरान भ्रूण (Fetus) में हड्डी के विकास की प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण उत्पन्न होती है।

प्रकार (Types of Congenital Kyphosis)

  1. Type 1 – Failure of Formation:
    इसमें एक या अधिक कशेरुकाएं (Vertebrae) पूरी तरह विकसित नहीं होतीं।
    परिणामस्वरूप रीढ़ आगे की ओर झुक जाती है।

  2. Type 2 – Failure of Segmentation:
    इसमें दो या अधिक हड्डियाँ एक साथ जुड़ जाती हैं, जिससे झुकाव बढ़ जाता है।

  3. Mixed Type:
    दोनों प्रकार की गड़बड़ियाँ एक साथ मौजूद होती हैं।

जन्मजात काइफोसिस कारण (Causes of Congenital Kyphosis)

  • गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास में त्रुटि
  • जीन संबंधी कारण (Genetic Factors)
  • पर्यावरणीय कारक (Environmental Factors): गर्भावस्था में संक्रमण, दवाइयाँ या पोषण की कमी
  • न्यूरल ट्यूब दोष (Neural Tube Defects): जैसे स्पाइना बिफिडा (Spina Bifida)
  • परिवार में पहले से रीढ़ की विकृति का इतिहास

जन्मजात काइफोसिस लक्षण (Symptoms of Congenital Kyphosis)

  • पीठ का आगे की ओर झुकना (Rounded or Hunched Back)
  • बढ़ती उम्र के साथ झुकाव का बढ़ना
  • पीठ या कमर में दर्द
  • चलने या दौड़ने में कठिनाई
  • पैरों में कमजोरी या सुन्नपन (Numbness)
  • शरीर के संतुलन में परेशानी
  • गंभीर मामलों में — मूत्र या मल त्याग पर नियंत्रण खोना (Loss of bladder or bowel control)

जन्मजात काइफोसिस कैसे पहचानें (How to Identify Congenital Kyphosis)

  • जन्म के तुरंत बाद या शुरुआती वर्षों में पीठ का झुकाव स्पष्ट दिखता है।
  • एक्स-रे (X-Ray) या एमआरआई (MRI) के माध्यम से रीढ़ की संरचना में गड़बड़ी दिखाई देती है।
  • डॉक्टर रीढ़ की वक्रता (Spinal Curve) को मापने के लिए Cobb’s Angle का उपयोग करते हैं।

निदान (Diagnosis of Congenital Kyphosis)

  1. फिजिकल एग्ज़ामिनेशन:
    पीठ के झुकाव की दिशा और गंभीरता का मूल्यांकन।

  2. एक्स-रे (X-Ray):
    रीढ़ की हड्डियों के आकार और झुकाव का पता लगाने के लिए।

  3. एमआरआई (MRI):
    नसों और रीढ़ की हड्डियों में किसी तरह के दबाव या क्षति की जाँच।

  4. सीटी स्कैन (CT Scan):
    हड्डियों के स्ट्रक्चर की विस्तृत जानकारी के लिए।

जन्मजात काइफोसिस इलाज (Treatment of Congenital Kyphosis)

इलाज का उद्देश्य झुकाव को नियंत्रित करना और तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की सुरक्षा करना है।

1. ऑब्ज़र्वेशन (Observation):

यदि झुकाव बहुत हल्का है, तो डॉक्टर बच्चे की ग्रोथ के साथ इसकी निगरानी करते हैं।

2. ब्रेस (Brace):

बच्चे को एक स्पाइनल ब्रेस पहनाया जाता है ताकि रीढ़ का झुकाव न बढ़े।

3. सर्जरी (Surgery):

गंभीर मामलों में सर्जरी आवश्यक होती है।

  • स्पाइनल फ्यूजन (Spinal Fusion): झुकी हुई हड्डियों को स्थिर करना।
  • वर्टिब्रल रीसक्शन (Vertebral Resection): दोषपूर्ण हड्डी को हटाना।
  • इंस्ट्रूमेंटेशन: रीढ़ को सपोर्ट देने के लिए मेटल रॉड्स या स्क्रू लगाए जाते हैं।

4. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):

मांसपेशियों को मजबूत बनाने और शरीर की मुद्रा (Posture) सुधारने के लिए आवश्यक।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Congenital Kyphosis)

ध्यान दें: ये उपाय केवल चिकित्सा उपचार के साथ सहायक रूप में अपनाएँ।

  • कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार दें ताकि हड्डियाँ मजबूत रहें।
  • योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ जैसे “भुजंगासन” और “शशांकासन” केवल डॉक्टर की सलाह से करवाएँ।
  • बच्चे को सही मुद्रा (Posture) में बैठना और चलना सिखाएँ।
  • वजन ज्यादा न बढ़ने दें ताकि रीढ़ पर दबाव न पड़े।

रोकथाम (Prevention of Congenital Kyphosis)

  • गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार लें और फोलिक एसिड का सेवन करें।
  • किसी भी संक्रमण या दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें।
  • गर्भावस्था की शुरुआती अवस्था में अल्ट्रासाउंड स्कैन से भ्रूण की रीढ़ की स्थिति की जांच करवाएँ।
  • परिवार में आनुवंशिक विकार हो तो जेनेटिक काउंसलिंग (Genetic Counseling) लें।

सावधानियाँ (Precautions)

  • बच्चे की पीठ के झुकाव को अनदेखा न करें।
  • भारी वजन उठाने से बचाएँ।
  • फिजियोथेरेपी नियमित रूप से करवाएँ।
  • समय-समय पर रीढ़ की जांच (Spine Monitoring) कराते रहें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्या जन्मजात काइफोसिस जन्म से ही होती है?
उत्तर: हाँ, यह एक जन्मजात विकृति है जो भ्रूण के विकास के दौरान होती है।

प्रश्न 2: क्या काइफोसिस ठीक हो सकती है?
उत्तर: हल्के मामलों में फिजियोथेरेपी और ब्रेस से सुधार संभव है, लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी जरूरी होती है।

प्रश्न 3: क्या यह बच्चों के बढ़ने के साथ बढ़ती है?
उत्तर: हाँ, बिना इलाज के बढ़ती उम्र के साथ झुकाव बढ़ सकता है।

प्रश्न 4: क्या जन्मजात काइफोसिस से स्थायी विकलांगता हो सकती है?
उत्तर: यदि इलाज न कराया जाए, तो तंत्रिका दबाव और स्थायी विकलांगता की संभावना रहती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Congenital Kyphosis (जन्मजात काइफोसिस) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य रीढ़ की विकृति है।
समय पर पहचान, डॉक्टर की निगरानी, उचित सर्जिकल या फिजियोथेरेपी उपचार से बच्चे का जीवन सामान्य बनाया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान पोषण और जांच करवाकर इस रोग की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।


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