Khushveer Choudhary

Kwashiorkor Syndrome कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय

क्वाशीओर्कर सिंड्रोम (Kwashiorkor Syndrome) एक गंभीर प्रोटीन की कमी से होने वाला पोषण संबंधी रोग (Severe Protein Malnutrition Disorder) है।

यह स्थिति खासतौर पर छोटे बच्चों (1 से 5 वर्ष) में पाई जाती है, जिनका आहार प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं देता।

इस रोग का नाम “Kwashiorkor” घाना (अफ्रीका) की भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है —

“वह बच्चा जिसे मां ने छोड़ दिया क्योंकि नया बच्चा पैदा हुआ है।”
(यह संकेत करता है कि जब बच्चा माँ का दूध छोड़कर कार्बोहाइड्रेट वाला आहार लेने लगता है, तो उसमें प्रोटीन की कमी हो जाती है।)

क्वाशीओर्कर सिंड्रोम क्या होता है  (What is Kwashiorkor Syndrome)

क्वाशीओर्कर सिंड्रोम में शरीर में प्रोटीन (Protein) की कमी हो जाती है, जबकि कैलोरी (Calories) पर्याप्त मात्रा में होती हैं।
इसकी वजह से शरीर के ऊतकों (tissues) और कोशिकाओं में सूजन, कमजोरी, और अंगों के कार्य में रुकावट आने लगती है।

यह स्थिति खासकर उन बच्चों में होती है जो:

  • माँ का दूध समय से पहले छोड़ देते हैं
  • केवल कार्बोहाइड्रेट (जैसे चावल, मैदा) आधारित भोजन खाते हैं
  • प्रोटीन युक्त भोजन (जैसे दाल, दूध, अंडा) नहीं लेते

क्वाशीओर्कर सिंड्रोम कारण (Causes of Kwashiorkor Syndrome)

  1. प्रोटीन की कमी:
    भोजन में पर्याप्त प्रोटीन न होना इसका मुख्य कारण है।

  2. पोषण असंतुलन (Malnutrition):
    जब बच्चे को केवल कार्बोहाइड्रेट और वसा मिले, लेकिन प्रोटीन न मिले।

  3. गरीबी और भोजन की कमी:
    आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में संतुलित आहार न मिल पाना।

  4. संक्रमण या बीमारी:
    लगातार संक्रमण से शरीर में प्रोटीन का उपयोग बढ़ जाता है, जिससे कमी हो जाती है।

  5. अशिक्षा और गलत खानपान की आदतें:
    पोषण के महत्व की जानकारी न होना।

क्वाशीओर्कर सिंड्रोम लक्षण (Symptoms of Kwashiorkor Syndrome)

  • शरीर में सूजन (Edema):
    खासकर पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन।
  • त्वचा का रंग बदलना:
    त्वचा धूसर, झुर्रीदार या छिलने लगती है।
  • बालों का झड़ना या रंग बदलना:
    बाल भूरे, लाल या सफेद हो जाते हैं।
  • पेट फूलना (Bloated Abdomen):
    प्रोटीन की कमी से लिवर में चर्बी जमा हो जाती है।
  • कमजोरी और थकान:
    बच्चा सुस्त रहता है और खेलता नहीं।
  • विकास रुक जाना (Growth Retardation):
    वजन और ऊँचाई का बढ़ना रुक जाता है।
  • भूख में कमी (Loss of Appetite):
    खाने की इच्छा नहीं होती।
  • इम्यूनिटी कमजोर होना:
    बार-बार संक्रमण या दस्त होना।

क्वाशीओर्कर सिंड्रोम कैसे पहचानें (How to Identify Kwashiorkor Syndrome)

  • बच्चा दुबला-पतला दिखे, लेकिन पेट फूला हुआ हो।
  • बालों का रंग बदलना या झड़ना।
  • त्वचा पर दाने, झुर्रियाँ या घाव।
  • थकान, कमजोरी और बार-बार बीमार होना।
  • मेडिकल जाँच में सीरम एल्बुमिन (Serum Albumin) का स्तर बहुत कम पाया जाता है।

निदान (Diagnosis of Kwashiorkor Syndrome)

  • ब्लड टेस्ट:

    1. सीरम एल्बुमिन का स्तर < 3 gm/dL
    1. इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
    1. एनीमिया की जाँच
  • फिजिकल एग्ज़ामिनेशन:
    डॉक्टर सूजन, त्वचा, बाल, और वजन का मूल्यांकन करते हैं।

  • लिवर फंक्शन टेस्ट:
    फैटी लिवर की पहचान के लिए।

क्वाशीओर्कर सिंड्रोम इलाज (Treatment of Kwashiorkor Syndrome)

1. पोषण सुधार (Nutritional Rehabilitation):

  • धीरे-धीरे प्रोटीन युक्त भोजन देना शुरू करें।
  • दाल, दूध, अंडा, सोया, मूंगफली, अन्न, और मांस शामिल करें।
  • WHO का F-75 और F-100 फॉर्मूला उपयोग किया जाता है (प्रोटीन और ऊर्जा युक्त)।

2. संक्रमण का इलाज:

  • Antibiotics दिए जाते हैं क्योंकि इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।

3. विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स:

  • विटामिन A, D, E, K, और B-कॉम्प्लेक्स
  • जिंक, आयरन, और फोलिक एसिड

4. मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता:

  • बच्चे को प्यार, सुरक्षा और नियमित देखभाल देना बहुत जरूरी है।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Kwashiorkor Syndrome)

ध्यान दें: घरेलू उपाय केवल चिकित्सकीय उपचार के साथ सहायक रूप में अपनाएँ।

  • मूंग की दाल और दूध: प्रोटीन का अच्छा स्रोत।
  • सत्तू या बेसन: घर पर आसानी से उपलब्ध प्रोटीनयुक्त आहार।
  • अंडा और सोया चंक्स: शरीर में प्रोटीन स्तर बढ़ाने में मददगार।
  • फलों और सब्ज़ियों का सेवन: विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति के लिए।

रोकथाम (Prevention of Kwashiorkor Syndrome)

  • बच्चों को संतुलित आहार दें जिसमें पर्याप्त प्रोटीन हो।
  • माँ का दूध कम से कम 2 वर्ष तक दें।
  • बच्चों को दाल, दूध, अंडा, मांस जैसे प्रोटीन स्रोत नियमित रूप से दें।
  • गरीबीग्रस्त क्षेत्रों में पोषण जागरूकता अभियान चलाएँ।
  • संक्रमण या दस्त का समय पर इलाज करें।

सावधानियाँ (Precautions)

  • बच्चे के वजन और विकास की नियमित निगरानी करें।
  • भोजन में प्रोटीन की मात्रा सुनिश्चित करें।
  • संक्रमण, दस्त या बुखार को अनदेखा न करें।
  • चिकित्सक द्वारा सुझाए गए पोषण आहार का पालन करें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्वाशीओर्कर और मरास्मस में क्या अंतर है?
उत्तर:

  • क्वाशीओर्कर: केवल प्रोटीन की कमी, शरीर में सूजन।
  • मरास्मस: प्रोटीन और कैलोरी दोनों की कमी, बच्चा अत्यधिक दुबला।

प्रश्न 2: क्या क्वाशीओर्कर ठीक हो सकता है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर निदान और पोषण सुधार किया जाए तो पूरी तरह ठीक हो सकता है।

प्रश्न 3: क्या यह केवल बच्चों में होता है?
उत्तर: अधिकतर बच्चों में पाया जाता है, लेकिन गंभीर कुपोषण वाले वयस्कों में भी हो सकता है।

प्रश्न 4: क्या क्वाशीओर्कर से जान का खतरा होता है?
उत्तर: हाँ, अगर इलाज न किया जाए तो संक्रमण, डिहाइड्रेशन या अंग विफलता से जान का खतरा हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Kwashiorkor Syndrome प्रोटीन की कमी से होने वाला गंभीर कुपोषण रोग है जो मुख्यतः बच्चों को प्रभावित करता है।
यह आसानी से रोका जा सकता है यदि बच्चों को संतुलित और प्रोटीन युक्त आहार दिया जाए।
समय पर निदान, उचित पोषण और संक्रमण की रोकथाम से इस बीमारी पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सकता है।


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