Juvenile Polymyositis (JPM) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून (स्व-प्रतिरक्षित) माँसपेशियों की सूजन (मायोसेनिटिस) है, जिसका आरंभ आम तौर पर बाल्यावस्था या किशोर अवस्था में होता है।
इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वास्थ्य-माँसपेशियों पर हमला करती है, जिससे माँसपेशियों में कमजोरी व सूजन होती है।
इस रोग को कुल मिलाकर समझना ज़रूरी है क्योंकि शुरुआत में लक्षण हल्के लग सकते हैं और देर से पता चलने पर जटिलताएँ हो सकती हैं।
Juvenile Polymyositis क्या होता है (What is it)
– Juvenile Polymyositis माँसपेशियों (विशेषकर शरीर के केन्द्र के भाग के – कंधे, ऊपरी बाँह, कूल्हे, जाँघें) में दो-तरफ़ा सममित (bilateral) कमजोरी उत्पन्न करती है।
– इसमें अक्सर त्वचा-लक्षण नहीं होते हैं (यह बात इसे दूसरे प्रकार जैसे Juvenile Dermatomyositis से अलग करती है)।
– माँसपेशियों की कोशिकाओं में प्रतिरक्षा-मध्यस्थ सूजन (inflammation) होती है, जिससे कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, माँसपेशियों की क्रिया प्रभावित होती है।
– यह रोग बहुत ही दुर्लभ है।
Juvenile Polymyositis कारण (Causes)
– इस रोग का ठोस कारण अभी तक पूरी तरह ज्ञात नहीं है।
– माना जाता है कि यह एक ऑटोइम्यून प्रक्रिया है, जहाँ प्रतिरक्षा तंत्र माँसपेशियों पर हमला कर देती है।
– संभावित ट्रिगर में शामिल हो सकते हैं:
- संक्रमण (वायरस या बैक्टीरिया) → उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में Leptospirosis संक्रमण के बाद JPM का मामला सामने आया था।
- आनुवंशिक प्रवृत्ति/प्रारंभिक संवेदनशीलता ।
- पर्यावरणीय कारक- जैसे सूर्य की किरणें, धूप, या अन्य प्रतिरक्षा-प्रेरित कारण (हालाँकि JPM में त्वचा लक्षण कम होने के कारण यह कम साझा बात है) ।
– लेकिन यह नहीं माना जाता कि यह रोग संक्रमण-संक्रामक (contagious) है।
Juvenile Polymyositis लक्षण (Symptoms)
JPM के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- माँसपेशियों में कमजोरी — शुरुआती चरण में आमतौर पर कूल्हे, जाँघें, कंधे, ऊपरी बाँह, गर्दन की माँसपेशियाँ प्रभावित होती हैं। इस वजह से ऐसे काम कठिन हो सकते हैं जैसे उठना-बैठना, कपड़े पहनना, सीढ़ी चढ़ना।
- कमजोरी दोनों पार्श्वों (दोनों हाथ-बाँह, दोनों जाँघें) में समान रूप से होती है।
- कभी-कभी माँसपेशियों में दर्द या कोमलता (tenderness) हो सकती है।
- निगलने (dysphagia) या साँस लेने में कठिनाई अगर गहरे माँसपेशियाँ (गले-छाती) प्रभावित हों।
- वजन कम होना, बुखार, थकान महसूस होना ।
- माँसपेशियों में कैल्शियम के जमाव (calcinosis)- दुर्लभ लेकिन संभव जटिलता ।
कैसे पहचाने (How to recognise)
- जब बच्चा थोड़ी-थोड़ी मेहनत में जैसे सीढ़ियाँ चढ़ने, कुर्सी से उठने, कंघी करने आदि में असमर्थता दिखाए।
- माँसपेशियों में कमजोरी बढ़ती हुई हो, विशेषकर कूल्हे-उपरी हिस्से में।
- त्वचा पर विशेष रूप से कुछ लक्षण न दिखे हों (यह JPM की विशेषता है कि त्वचा-राश कम या नहीं होती)- इस बिंदु पर ध्यान दें।
- घर या डॉक्टर के पास जाकर माँसपेशियों-एन्झाइम्स (Muscle enzymes) जांच करवाना।
- माँसपेशियों की शक्ति और गतिशीलता में गिरावट दिखे।
Juvenile Polymyositis इलाज (Treatment)
– JPM का उद्देश्य रोग को “पूरा ठीक” करना नहीं (चूंकि अभी तक कोई निश्चित इलाज नहीं है) बल्कि लक्षणों को नियंत्रित करना, माँसपेशियों की कमजोरी को कम करना तथा जटिलताओं को रोकना है।
– प्रमुख उपचार विकल्प:
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) – सूजन कम करने के लिए।
- प्रतिरक्षा-निरोधी दवाइयाँ (Immunosuppressants) जैसे मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate), माईकोफेनोलेट मॉफेटिल (Mycophenolate Mofetil) आदि।
- इन्ट्रावेनस इम्यूनोग्लोबुलिन (IVIG) – कुछ मामलों में उपयोग।
- फिजिकल थेरेपी (Physical Therapy) – माँसपेशियों की शक्ति, लचीलापन बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण।
– नियमित निगरानी और विशेषज्ञ-रूमयोलॉजी (rheumatology) टीम से देखभाल की जरूरत होती है।
– उपचार शुरू करने में देरी होने पर जटिलताएँ बढ़ सकती हैं, इसलिए जल्दी शुरुआत लाभदायक है।
Juvenile Polymyositis कैसे रोके (Prevention)
- चूंकि कारण पूरी तरह नहीं पता है, इसलिए विशिष्ट रोकथाम रणनीति नहीं है।
- लेकिन निम्न उपाय सहायक हो सकते हैं:
- स्वस्थ जीवनशैली रखना – पोषणयुक्त भोजन, नियमित हल्की-व्यायाम, माँसपेशियों को सक्रिय रखना।
- संक्रमण-धड़कनें (viral/bacterial infections) से बचाव तथा समय पर चिकित्सा देखभाल।
- अगर माँसपेशियों में कमजोरी दिखे तो जल्दी डॉक्टर से संपर्क करना।
- नियमित चिकित्सा निगरानी से जटिलताओं की शुरुआत में पहचान।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- फिजिकल थेरेपी के निर्देशानुसार माँसपेशियों को हल्के-हल्के व्यायाम देना (विशेषज्ञ की सलाह से)।
- संतुलित आहार जिसमें पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन-मिनरल हो।
- थकान महसूस होने पर आराम करना और माँसपेशियों को बहुत अधिक ज़ोर देना टालना।
- तनाव कम रखने की कोशिश करना क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है।
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयाँ नियमित लेना और पढ़े-समझे निर्देशों का पालन करना।
ध्यान दें: ये उपाय अधूरा इलाज नहीं हैं, बल्कि मुख्य उपचार की पूरक भूमिका निभाते हैं।
सावधानियाँ (Precautions)
- माँसपेशियों में अचानक कमजोरी, निगलने/साँस लेने में समस्या दिखे तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
- दवाइयों के साइड-इफेक्ट्स पर ध्यान देना (विशेषकर कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स)।
- नियमित रूप से डॉक्टर के फॉलो-अप में शामिल हों।
- स्वयं से दवाइयाँ बंद न करें।
- माँसपेशियों को बहुत अधिक तनाव में न डालें- अत्यधिक व्यायाम से नुकसान हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Juvenile Polymyositis पूरी तरह ठीक हो सकती है?
उत्तर: पूरी तरह “ठीक” करना मुश्किल है क्योंकि अभी इसका प्रत्यक्ष इलाज नहीं है, लेकिन उचित उपचार और थेरपी से लक्षण काफी हद तक नियंत्रित हो सकते हैं और बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं।
प्रश्न 2: क्या यह रोग आनुवंशिक (विरासत में) है?
उत्तर: ऐसा नहीं माना जाता कि यह सीधे परिवार से चलता है, परन्तु कुछ आनुवंशिक प्रवृत्तियाँ रोग के विकास में सह‐कारक हो सकती हैं।
प्रश्न 3: क्या JPM में त्वचा-राश होते हैं?
उत्तर: आम तौर पर नहीं। इसमें त्वचा-लक्षण (rash) कम या नहीं होते, जो इसे Juvenile Dermatomyositis से अलग बनाते हैं।
प्रश्न 4: क्या मांसपेशियों में कमजोरी हमेशा शुरु में दिखती है?
उत्तर: हाँ, अक्सर माँसपेशियों की कमजोरी शुरुआती लक्षण होती है- जैसे उठने-बैठने में कठिनाई, सीढ़ी चढ़ने में दिक्कत।
प्रश्न 5: क्या जीवन-शैली में बदलाव आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, माँसपेशियों को सक्रिय रखना, संतुलित भोजन, नियमित फॉलो-अप और दवाइयाँ समय पर लेना बहुत मदद करती हैं।
निष्कर्ष
Juvenile Polymyositis एक दुर्लभ लेकिन गंभीर माँसपेशियों की सूजन वाली अवस्था है, जिसमें समय पर पहचान और सही इलाज बहुत महत्वपूर्ण हैं। माँसपेशियों की कमजोरी यदि नजर आए तो देर न करें- विशेषज्ञ से मिलें। अच्छी देखभाल, दवाइयाँ, थेरेपी और जीवनशैली समायोजन से अधिकांश बच्चों में बेहतर परिणाम संभव हैं। रोग के चलते जीवन समाप्त नहीं होता- बल्कि सही दिशा में चिकित्सा सहयोग से उचित जीवन-गुणवत्ता संभव है।