Khushveer Choudhary

Juvenile Primary Hyperparathyroidism कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम और सावधानियाँ

युवावस्था में होने वाला प्राथमिक अतिपराथाइरायडिज़्म (Juvenile Primary Hyperparathyroidism) — जिसका हिंदी में हम “युवावस्था का प्राथमिक पराथाइरायड ग्रंथि बढ़ने­/अत्यधिक सक्रियता” कह सकते हैं — एक दुर्लभ अवस्था है जिसमें ग्रंथि Parathyroid gland (पराथाइरायड ग्रंथियाँ) आवश्यकता से अधिक Parathyroid Hormone (PTH) निर्माण करती हैं। इसके परिणामस्वरूप रक्त में कैल्शियम का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है और फॉस्फेट का स्तर कम हो सकता है।

यह अवस्था वयस्कों में अधिक पाई जाती है, लेकिन किशोरों एवं बच्चों में भी हो सकती है — और इस उम्र में इसके लक्षण अक्सर अधिक गंभीर होते हैं।

Juvenile Primary Hyperparathyroidism क्या होता है? (What is Juvenile Primary Hyperparathyroidism)?

जब पराथाइरायड ग्रंथियाँ अनायास अधिक PTH बनाती हैं, तो यह निम्नलिखित प्रक्रिया शुरू कर देती है:

  • PTH हड्डियों से कैल्शियम निकलने का संकेत देता है → हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं।
  • किडनी में कैल्शियम का पुनर्आवशोषण बढ़ जाता है और फॉस्फेट का स्तर कम हो सकता है।
  • आंत से कैल्शियम का अवशोषण भी बढ़ सकता है।
  • परिणामस्वरूप रक्त में कैल्शियम (हाइपरकैल्सीमिया) बढ़ जाता है, जिससे शरीर में विभिन्न लक्षण उत्पन्न होते हैं।

यह अवस्था बच्चों और किशोरों में वयस्कों की तुलना में अधिक गंभीर रूप दिखा सकती है: एक अध्ययन के अनुसार, युवाओं में हड्डी रोग, ऊंचे कैल्शियम स्तर और अंग-क्षति अधिक पाई गई है।

Juvenile Primary Hyperparathyroidism कारण (Etiology)

युवावस्था में प्राथमिक पराथाइरायडिज़्म के कारणों में शामिल हैं:

  • एकल पराथाइरायड एडेनोमा (benign growth) सबसे आम कारण है।
  • परिवारिक कारण: जैसे कि Multiple Endocrine Neoplasia Type 1 (MEN1) , Hyperparathyroidism‑Jaw Tumour Syndrome आदि।
  • जीन (CASR – Calcium Sensing Receptor) दोष-म्यूटेशन: विशेषकर नवजात या शिशु अवस्था में।
  • कमी के बावजूद: बच्चों में विटामिन D की कमी व कैल्शियम-फॉस्फेट असंतुलन के कारण पृष्ठभूमि में इस रोग का निकलना आसान हो सकता है।

ध्यान दें: यहाँ “पराथाइरायडिज़्म” शब्द का अर्थ है ग्रंथियों द्वारा अत्यधिक PTH स्राव, जो “हाइपरकैल्सीमिया” उत्पन्न करता है — न कि पराथाइरायड हार्मोन का सामान्य स्राव।

Juvenile Primary Hyperparathyroidism लक्षण (Symptoms)

युवावस्था में इस रोग के लक्षण वयस्कों की तुलना में अधिक तीव्र या विभिन्न हो सकते हैं। निम्नलिखित प्रमुख लक्षण हैं:

  • हड्डियों से संबंधित: हड्डियों में दर्द, फ्रैक्चर (टूटी हड्डियाँ) या हड्डियों की पपड़ी-सुधार (osteopenia/osteoporosis) ।
  • मांसपेशियों/शक्ति: कमजोरी, पैरों में चलने-फिरने में कठिनाई, कभी-कभी पैर व कमर में दर्द ।
  • गुर्दे एवं मूत्रमार्ग-सम्बंधित: पथरी (nephrolithiasis), गुर्दी में कैल्शियम जमा (nephrocalcinosis), अधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना (पॉलीयूरिया) ।
  • पाचन/अमल-सम्बंधित: पेट में दर्द, उल्टी, भूख कम लगना, कब्ज, हिन्दी में आंत्र समस्या।
  • हड्डियों का विकार विशेष रूप से किशोरों में पाया गया है: उदाहरण के लिए Genu valgum (दोनों पैरों का एक-दूसरे की ओर झुकना) जैसे विकृतियाँ।
  • अन्य सामान्य लक्षण: थकान, काम-काज में कमी, भूख में कमी, वृद्धि में कमी (ग्रोथ रीटार्डेशन)।

कैसे पहचाने?

यदि कोई किशोर या बच्चा ऊपर दिए गए लक्षणों में से कई दिखा रहा है — विशेषकर हड्डी-दर्द व गुर्दे-पथरी का इतिहास — तो इस रोग को संदेह के दायरे में लेना चाहिए। निम्नलिखित विशेष बिंदु-चेतावनियाँ हैं:

  • असाधारण रूप से उच्च कैल्शियम का स्तर (हाइपरकैल्सीमिया) ।
  • हड्डियों में असाधारण बदलाव (X-रे में हड्डियाँ पतली, विकृत) ।
  • पथरी या गुर्दी संबंधित समस्याओं का संयोजन ।
  • कोई स्पष्ट कारण न हो और पारिवारिक इतिहास न हो — तब भी शुरूआती रूप से इस रोग की संभावना हो सकती है।
  • वृद्धि रुक जाना या पैरों-हाथों में असामान्यता ।

यदि स्व-संदेह हो, तो बाल रोग व अंतःस्रावी (एंडोक्रिनोलॉजी) विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक है।

Juvenile Primary Hyperparathyroidism इलाज (Treatment)

युवाओं में इस रोग का इलाज मुख्यतः निम्नलिखित तरीकों से होता है:

  • सर्जिकल उपचार (Parathyroidectomy): यदि प्रायः एक ग्रंथि में एडेनोमा पाया जाता है, तो उसे निकालना प्रमुख विकल्प होता है और यह अक्सर रोग को हल कर देता है।
  • मेडिकल उपचार: कुछ मामलों में, विशेषकर यदि सर्जरी तुरंत संभव नहीं हो, तो कैल्शियम-विटामिन D रिप्लेसमेंट, डाययूरेटिक्स, या कैलकिमिमेटिक्स (जैसे Cinacalcet) का उपयोग हो सकता है।
  • पोस्ट-सर्जिकल देखभाल: सर्जरी के बाद ‘हंगेरी बोन सिंड्रोम’ (Hungry Bone Syndrome) हो सकती है, जहाँ अचानक हड्डियों में कैल्शियम का जमाव बढ़ता है और रक्त में कैल्शियम स्तर गिर सकता है — इसलिए कैल्शियम व विटामिन D का सप्लीमेंट देना पड़ सकता है।
  • अन्य निगरानी: गुर्दी कार्य, हड्डियों की घनता (Bone Mineral Density), कैल्शियम व फॉस्फेट स्तर की नियमित जाँच।

Juvenile Primary Hyperparathyroidism कैसे रोके? (Prevention)

इस रोग को पूरी तरह रोकना संभव नहीं होता है क्योंकि कई कारण अनियंत्रित (जैसे जीन म्यूटेशन) होते हैं। फिर भी निम्नलिखित उपाय सहायक हो सकते हैं:

  • समय-समय पर कैल्शियम व विटामिन D पर्याप्त मात्रा में लें, खासकर यदि आपको कमी का जोखिम हो।
  • हड्डियों व गुर्दियों का स्वास्थ्य बनाए रखें — नियमित फिजिकल एक्टिविटी व संतुलित आहार।
  • यदि पारिवारिक इतिहास हो तो किशोरावस्था में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से समय-समय पर जाँच कराना।
  • कैल्शियम पथरी या हड्डी-दर्द की शिकायत होने पर तुरंत निदान कराना।
  • विटामिन D की कमी को अनदेखा न करें, क्योंकि यह परिस्थिति को जटिल बना सकती है।

घरेलू उपाय (Home Remedies)

घरेलू उपाय मुख्यतः समर्थनात्मक हैं; रोग का मूल निदान व इलाज डॉक्टर-के-मार्ग से ही होगा। निम्नलिखित उपाय सहायक हो सकते हैं:

  • पर्याप्त मात्रा में हाइड्रेशन (पानी पीना): कैल्शियम पथरी के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
  • संतुलित आहार: कैल्शियम-युक्त आहार लेकिन अति शुल्क से बचें; फॉस्फेट युक्त भोजन (जैसे बहुत अधिक कोल्ड ड्रिंक्स) सीमित करें।
  • हड्डियों के लिए विटामिन D सुनिश्चित करना (डॉक्टर की सलाह से) — यह हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है।
  • नियमित हल्की एक्सरसाइज (वॉकिंग, स्ट्रेचिंग) जिससे हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती बनी रहे।
  • धूम्रपान और अतिव्यायाम से बचें जो हड्डियों को कमजोर कर सकते हैं।
  • किसी भी दर्द-श्रीका समय पर डॉक्टर-से जाँच कराना, विशेषकर यदि हड्डियों में असामान्य दर्द या पथरी की शिकायत हो।

महत्वपूर्ण: घरेलू उपाय केवल सहायक हैं; यदि रोग पाया गया हो, तो डॉक्टर द्वारा निर्दिष्ट चिकित्सा तथा सर्जरी का पालन अनिवार्य है।

सावधानियाँ (Precautions)

  • यदि किसी को पहले से ही इस रोग का निदान हुआ है — नियमित रूप से चिकित्सक द्वारा बताए गए कैल्शियम-विटामिन D डोस व रक्त-जांचें करें।
  • सर्जरी के बाद कैल्शियम का अचानक स्तर कम हो सकता है — इसलिए चक्कर आना, हाथ-पैर सुन्न होना या मांसपेशियों में ऐंठन जैसी शिकायतें हों तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
  • पथरी या गुर्दी सम्बन्धित समस्या होने पर जलयोजना (hydration) बनाए रखें।
  • अन्य एन्डोक्रिन रोगों (जैसे MEN 1) का जोखिम जाँचे जाने पर नियमित निगरानी रखें।
  • किसी भी नए दर्द-श्री, हड्डी-विकृति, कमजोरी या बढ़ती विश्लेषणात्मक (lab) परिणामों पर लापरवाही न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. यह बीमारी कितनी बार बच्चों/किशोरों में होती है?
A. यह बहुत दुर्लभ है: अनुमान के अनुसार किशोरों/बच्चों में प्राथमिक पराथाइरायडिज़्म का प्रचलन लगभग 2-5 प्रति 100 000 है।

Q2. यदि देखा जाए तो मुख्य परीक्षण कौन-से होंगे?
A. पहला — रक्त में कैल्शियम (उच्च), फॉस्फेट (कम) व PTH स्तर।
दूसरा — ग्रंथि का इमेजिंग (उल्ट्रासाउंड, Sestamibi स्कैन) स्थानीयकरण के लिए।

Q3. क्या सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक हो सकती है?
A. हाँ, यदि एकल ग्रंथि में एडेनोमा हो और समय पर सर्जरी हो जाए तो बहुत बेहतर परिणाम मिलते हैं। परंतु सर्जरी के बाद कैल्शियम-नियंत्रण व हड्डियों की रिकवरी का ध्यान रखना पड़ता है।

Q4. क्या यह रोग वयस्कों की तुलना में अलग व्यवहार करता है?
A. हाँ। किशोरों में यह रोग अक्सर अधिक तीव्र होता है, हड्डियों व गुर्दियों पर प्रभाव जल्दी दिखता है और ज़्यादा गंभीर हो सकता है।

Q5. क्या घरेलू उपाय पर्याप्त हैं?
A. नहीं। घरेलू उपाय सहायक हैं, लेकिन रोग निदान व सर्जरी/मेडिकल उपचार डॉक्टर द्वारा ही निर्धारित होना चाहिए।

निष्कर्ष

युवावस्था में प्राथमिक पराथाइरायडिज़्म (Juvenile Primary Hyperparathyroidism) एक दुर्लभ मगर महत्वपूर्ण बीमारी है। यदि इसे समय रहते न पहचाना जाए, तो हड्डियों, गुर्दियों, मांसपेशियों व अन्य अंगों पर गंभीर प्रभाव हो सकते हैं। लेकिन यदि उचित जाँच-पड़ताल, समय पर चिकित्सा व सर्जरी हो जाए तो अच्छी रिकवरी संभव है। इसीलिए बच्चों और किशोरों में हड्डियों में दर्द, पथरी, कमजोरी या असामान्य लक्षण दिखें-तो इस रोग की संभावना ज़रूर देखें।

यदि आप चाहें, तो इस रोग के विशिष्ट इमेजिंग उदाहरण, चिकित्सकीय केस स्टडीज, या भारतीय संदर्भ में प्रचलन व उपचार अनुभव भी देख सकते हैं। क्या वह ठीक रहेगा?

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