स्केउरमैन रोग (Scheuermann’s Disease), जिसे हिन्दी में “स्केउरमैन रोग” या कभी-कभी “स्केउरमैन किफोसिस” कहा जाता है, एक प्रकार की असामान्य स्थित है जहाँ रीढ़ की हड्डियों (वर्टेब्रा) विकास के दौरान सामान्य से अलग-अलग बढ़ती हैं और अगल-बगल नहीं बल्कि आगे-पीछे असमान रूप से बढ़ती हैं। इसके चलते रीढ़ में ऊपरी या मध्यम भाग (थोरैसिक कशेरुका) में आगे की ओर झुकाव (किफोसिस) बढ़ जाता है।
यह आमतौर पर किशोरावस्था में होता है, विशेष रूप से उन बच्चों में जो अभी बढ़ रहे हों।
Scheuermann’s Disease क्या होता है (What is Scheuermann’s Disease)
- सामान्य स्थिति में रीढ़ की हड्डियाँ (वर्टेब्रा) लगभग समान व आयताकार आकार की होती हैं। स्केउरमैन रोग में कुछ वर्टेब्रा आगे (एंटीरियर भाग) धीमे या कम विकसित होते हैं जबकि पिछला (पोस्टिरियर) हिस्सा अपेक्षाकृत नॉर्मल रहता है। इस असमान विकास के कारण वर्टेब्रल बॉडी “वेड्ज” (तराशे हुए आकार जैसा) हो जाते हैं।
- परिणामस्वरूप, थोरैसिक रीढ़ (बाँहों के बीच तथा पीठ के ऊपरी-मध्यम हिस्से) में झुकी हुई मुद्रा, यानी अत्यधिक आगे की ओर कर्व (किफोसिस) विकसित हो सकती है।
- रेडियोलॉजी (एक्स-रे) में तीन या उससे अधिक लगातार वर्टेब्रा में ≥ 5° पूर्व की ओर वेजिंग (wedging) पाई जाती है।
- यह रोग न सिर्फ मुद्रा (पोज़) की समस्या है, बल्कि वर्टेब्रल ग्रोथ के दौरान एक विकासात्मक अस्थिरता का संकेत है।
Scheuermann’s Disease कारण (Causes)
स्केउरमैन रोग के कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन निम्न-लिखित कारक इसमें भूमिका निभा सकते हैं:
- आनुवंशिक प्रवृत्ति: कुछ परिवार में यह अधिक पाया गया है, जिससे आनुवंशिक कारकों का सुझाव मिलता है।
- वर्टेब्रल विकास की असमानता: वर्टेब्रल बॉडी के अंत-प्लेट्स (end-plates) के विकास या ऑस्सिफिकेशन (हड्डी बनना) में विकृति हो सकती है।
- मैकेनिकल/मौसमिक तनाव: रीढ़ पर अत्यधिक तनाव, कमजोर मसल्स, या दुर्गम पोजीशन-हिस्ट्री इसके लिए योगदान कर सकते हैं।
- विकासरत अवस्था में वृद्धि का तीव्र चरण: अक्सर यह रोग उस समय पता चलता है जब किशोर तेजी से बढ़ रहे हों।
Scheuermann’s Disease लक्षण (Symptoms of Scheuermann’s Disease)
लक्षण व्यक्त व्यक्ति और रोग की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। प्रमुख लक्षण नीचे दिए गए हैं:
- पीठ के ऊपरी-मध्यम भाग में दर्द: विशेष रूप से लंबी अवधि बैठने, खड़े रहने या मेहनती गतिविधि के बाद।
- आगे की ओर झुकी हुई पीठ (round-shouldered posture) या “हंप” जैसा नजर आना (humpback) ।
- रीढ़ की गतिशीलता में कमी: कुछ मुवमेंट्स जैसे आगे झुकना, पीछे झुकना मुश्किल हो सकते हैं।
- मुद्रा सुधारने की कोशिश करने पर भी हड्डियों की संरचना के कारण सामान्य स्थिति में लौटना संभव नहीं होता।
- कुछ मामलों में थकान महसूस होना, मांसपेशियों में खिंचाव या असुविधा।
Scheuermann’s Disease कैसे पहचाने (How to Recognise)
- यदि किशोरावस्था में लगातार या बार-बार पीठ दर्द होता है और मुद्रा बेहतर करने पर भी समस्या बनी रहती है, तो यदि आगे-पीछे झुकी पीठ नजर आए तो इसकी जांच करानी चाहिए।
- डॉक्टर द्वारा लिया गया स्वास्थ्य इतिहास (उदाहरण- के लिए: कब शुरू हुआ, क्या बढ़ गया है, क्या बढ़ने के बाद बढ़ा है) और शारीरिक परीक्षा – जैसे कि पीठ को आगे झुकाकर देखना।
- एक्स-रे या MRI: सामान्यतः साइड व्यू एक्स-रे में तीन या अधिक वर्टेब्रा में ≥ 5° वेजिंग दिखाई देती है।
- अन्य विकृतियों (जैसे कि साधारण मुद्रा संबंधी किफोसिस, रीढ़ की हड्डियों की अन्य असामान्यताएँ) को अलग-अलग करना ज़रूरी है।
Scheuermann’s Disease इलाज (Treatment)
रूढ़िवादी (Conservative) उपचार
- शारीरिक चिकित्सा (Physical Therapy): मसल्स की ताकत बढ़ाना (विशेष रूप से पीठ, पेट, कंधे) और लचीलापन सुधारना।
- दर्द और सूजन के लिए दवाएं (जैसे anti-inflammatory medicines) डॉक्टर की सलाह से।
- अगर वक्रता बढ़ रही हो या वृद्धि के दौर में हो तो बै्रेस (ब्रैस) का सुझाव दिया जा सकता है।
- तनाव कम करना: भारी वजन उठाना, रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव डालने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करना।
सर्जिकल (Surgical) विकल्प
- यदि कर्व बहुत गंभीर हो गई हो (उदाहरण- > 70° या अन्य जटिलताएँ मौजूद हों) तो स्पाइनल फ्यूजन या अन्य ऑपरेशन पर विचार हो सकता है।
- ऑपरेशन के बाद भी पुनर्वास (rehabilitation) ज़रुरी होता है।
Scheuermann’s Disease कैसे रोके (Prevention / How to Prevent)
- बढ़ते बच्चों में सही मुद्रा (good posture) बनाए रखना: लंबे समय तक झुके रहने से बचें।
- पीठ और पेट की मांसपेशियों को नियमित रूप से व्यायाम द्वारा मजबूत करना।
- स्क्रीन-सेटिंग, पढ़ाई, मोबाइल उपयोग के दौरान थोड़े-थोड़े ब्रेक लेना, रीढ़ को सीधा रखना।
- यदि पारिवारिक इतिहास हो तो किशोरावस्था में नियमित जाँच एवं डॉक्टर से सलाह।
- रीढ़ पर अत्यधिक दबाव डालने वाली खेल या गतिविधियों में उचित तकनीक अपनाना।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- स्ट्रेचिंग: कंधों के पीछे, छाती के आगे की मसल्स (पेक्टोरल्स) को खोलने वाले स्ट्रेच करें।
- बुनियादी व्यायाम: तैराकी, हल्की साइक्लिंग, योग के सरल आसन (विशेषकर पीठ-मसल्स को सक्रिय करने वाले) ।
- मॉडिफाइड बैठने-खड़े होने की आदतें: कमर-पीठ को सहारा देना, बहुत देर झुके-सिटिंग Avoid करना।
- गर्म सिकाई (hot pack) यदि मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द हो रहा हो तो।
- समय-समय पर स्ट्रैंड ब्रेक: पढ़ाई या मोबाइल उपयोग के दौरान हर 30-40 मिनट में खड़े होकर/stretch करें।
ध्यान दें: ये उपाय संपूर्ण इलाज नहीं, बल्कि समर्थन (supportive) उपाय हैं। चिकित्सकीय सलाह ज़रूरी है।
सावधानियाँ (Precautions)
- स्वयं-से संदेह पर दर्द को नजरअंदाज न करें — लंबे समय तक unmanaged समस्या आगे जटिलताओं का कारण बन सकती है।
- भारी वजन उठाने, झुकने-मोड़ने की अत्यधिक गतिविधियों से बचें या तकनीक सही अपनाएँ।
- यदि अचानक पैर-हाथ में झुनझुनी, कमजोरी, चलने-फिरने में परेशानी हो रही हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से मिलें — क्योंकि दुर्लभ रूपों में तंत्रिका (नर्व) को प्रभावित होने का खतरा हो सकता है।
- नियमित फॉलो-अप करें, विशेष रूप से यदि डॉक्टर ने मॉनिटरिंग की सलाह दी हो।
- ऑपरेशन के बाद पुनर्वास (रेहैबिलिटेशन) को गंभीरता से लें और डॉक्टर द्वारा बताई गई निर्देशों का पालन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या यह सिर्फ “खरीद-मूर्त” या खराब मुद्रा (posture) की वजह से होता है?
उत्तर: नहीं। स्केउरमैन रोग सिर्फ खराब मुद्रा का नतीजा नहीं है बल्कि वर्टेब्रल विकास में असमानता है। हालांकि खराब मुद्रा परिस्थितियों को बढ़ा सकती है।
प्रश्न 2: यह किस उम्र में होता है?
उत्तर: यह आमतौर पर 10-17 वर्ष की आयु में विकसित होता है, जब हड्डियाँ अभी विकसित हो रही हों।
प्रश्न 3: क्या यह ठीक हो सकता है?
उत्तर: यदि समय पर पहचान हो जाए और रूढ़िवादी उपचार अपनाया जाए, तो वक्रता को बढ़ने से रोका जा सकता है और दर्द में काफी सुधार हो सकता है। पूर्ण रूप से “सामान्य” स्थिति में लौटना प्रत्येक केस में संभव नहीं होता।
प्रश्न 4: क्या स्केउरमैन रोग वाले व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकते हैं?
उत्तर: हाँ। बहुत-से लोगों में केवल हल्की अवस्था होती है और वे सामान्य जीवन-शैली जारी रख सकते हैं। गंभीर मामलों में इलाज और उन्नत देखभाल की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 5: क्या यह आगे पीढ़ियों में जाता है?
उत्तर: इस रोग में आनुवंशिक संभावना बताई गई है, इसलिए परिवार में यदि कोई व्यक्ति है तो सावधानी बढ़ जाती है। लेकिन इसका मतलब नहीं कि हर बच्चा होगा।
निष्कर्ष
स्केउरमैन रोग एक विकास-कालीन रीढ़ समस्या है जिसमें किशोरावस्था में वर्टेब्रल ग्रोथ असमान होती है और इसके कारण आगे की ओर कर्व (किफोसिस) बढ़ जाती है। सही समय पर पहचान, शारीरिक चिकित्सा, पोस्टुरल सुधार, और आवश्यकता पड़ने पर ब्रैस या सर्जरी द्वारा इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप या आपके आसपास कोई किशोर इस तरह की मुद्रा परिवर्तन या पीठ दर्द से चिंतित है, तो विशेषज्ञ डॉक्टर या हड्डी रोग (ऑर्थोपेडिक) चिकित्सक से अवश्य मिलें।
अगर आप चाहें, तो मैं इस रोग के लिए भारतीय संदर्भ में उपचार विकल्प, विशेष व्यायाम सूची, और भुगतान आधारित चिकित्सकीय केन्द्रों के बारे में भी जानकारी जुटा सकता हूँ।