युवा-वय में पाए जाने वाला आवर्ती पैरोटाइटिस, जिसे अंग्रेज़ी में Juvenile Recurrent Parotitis (JRP) कहा जाता है, एक दुर्लभ लेकिन महत्वपूर्ण स्थिति है जिसमें बच्चों में बार-बार Parotid gland (गाल के पास, कान के आगे और जबड़े के पीछे) की सूजन आती है।
यह स्थिति अधिकांशतः 3-6 वर्ष की उम्र के बीच शुरू हो सकती है, और आमतौर पर किशोरावस्था तक धीरे-धीरे गायब हो जाती है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे: क्या है JRP, इसके कारण, लक्षण, निदान, इलाज, कैसे रोका जाए, घरेलू उपाय, सावधानियाँ, FAQ तथा निष्कर्ष।
Juvenile Recurrent Parotitis क्या होता है (What is Juvenile Recurrent Parotitis)
Juvenile Recurrent Parotitis (JRP) वह स्थिति है जहाँ एक या दोनों पैरोटिड ग्रंथियाँ (salivary glands) बार-बार सूज जाती हैं।
विशेषताएँ:
- गैर-रोकात्मक (non-obstructive) तथा गैर-पोर (nonsuppurative) प्रकार की सैलिआडेनिटिस (salivary gland inflammation) होती है।
- ग्रंथि की सूजन अक्सर बुखार, दर्द, और सामान्य अस्वस्थता (malaise) के साथ होती है।
- अधिकांश मामलों में यह किशोरावस्था (puberty) तक अपने-आप ठीक हो जाती है।
Juvenile Recurrent Parotitis कारण (Causes)
JRP का कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है; लेकिन निम्न संभावित कारण बताए गए हैं:
- ग्रंथियों के डक्ट (salivary ducts) का जन्मजात (congenital) परिवर्तन या संकीर्णता (ductal malformation/stenosis) — जैसे कि लार का प्रवाह कम होना।
- बार-बार वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण ग्रंथि की प्रतिक्रिया।
- आटोइम्यून प्रतिक्रिया (autoimmune factors) या इम्युनो-डिफिशिएंसी (immune deficiency) — जैसे IgA कमी।
- आनुवांशिक प्रवृत्ति (genetic predisposition) भी एक योगदान हो सकती है।
- लार के प्रवाह में कमी (reduced salivary flow) जिससे ग्रंथि में संक्रमण-आशय बढ़ सकता है।
सार-रूप में: JRP एक बहु-कारक (multifactorial) स्थिति है जहाँ डक्टल असामान्यता, इन्फेक्शन, प्रतिरक्षा स्थिति व लार प्रवाह-घाटा मिलकर भूमिका निभा सकते हैं।
Juvenile Recurrent Parotitis लक्षण (Symptoms)
JRP के लक्षण समय-समय पर आने वाले होते हैं। मुख्य लक्षण नीचे दिए गए हैं:
- गाल के आगे, कान के नीचे वाले हिस्से में ग्रंथि (parotid gland) की सूजन (swelling) — एक तरफा (unilateral) या कभी-कभी दोनों तरफ (bilateral) भी।
- प्रभावित क्षेत्र में दर्द या असहजता (pain or discomfort) जब ग्रंथि बढ़ जाती है।
- सूजन के साथ बुखार (fever), थकान या सामान्य अस्वस्थता (malaise) हो सकती है।
- लार की मात्रा में कमी (reduced salivary secretion) या भोजन समय में लार की प्रवाह में असुविधा।
- आमतौर पर हर एपिसोड की अवधि 2-7 दिन तक होती है, कभी-कभी 2-3 हफ्तों तक भी चल सकती है।
- एपिसोड्स के बीच ग्रंथि सामान्य दिख सकती है और लक्षण कमी हो सकती है।
लक्षणों को हिन्दी में इस तरह समझें — “गाल के पास ग्रंथि में अचानक सूजन एवं दर्द, बुखार के साथ, थोड़े-थोड़े समय पर बार-बार होना”।
Juvenile Recurrent Parotitis कैसे पहचाने (How to Diagnose)
JRP का निदान (diagnosis) निम्नलिखित तरीके से किया जाता है:
- मेडिकल इतिहास और शारीरिक परीक्षण — बार-बार ग्रंथि सूजन की एपिसोड उस क्षेत्र में, लक्षणों का समय-समय पर सामने आना।
- छवियों का उपयोग (Imaging studies)
- अल्ट्रासाउंड (USG) – ग्रंथि में असामान्य बनावट या साइलिआडेनिटिस (sialectasis) दिखा सकता है।
- यदि आवश्यक हो तो CT/MRI या सायलोग्राफी (sialography) किया जा सकता है।
- विशेष प्रविधियाँ – जैसे कि सिआलेन्डोस्कोपी (sialendoscopy) जिसमें लार दुःस्राव या डक्ट के भीतर कैमरा द्वारा जांच की जाती है।
- इतर कारणों का परीक्षण (Exclude other causes) — जैसे कि Sjogren’s syndrome, लार-पथरी (sialolithiasis), ट्यूमर, इम्यून-डिफिशिएंसी।
निदान के लिए संकेत: कम-से-कम 2 बार या अधिक ग्रंथि सूजन आने वाला इतिहास और अन्य कारणों को हटाना।
Juvenile Recurrent Parotitis इलाज (Treatment)
JRP के इलाज का उद्देश्य लक्षणों को कम करना, एपिसोड्स की आवृत्ति घटाना और ग्रंथि को बचाना है। मुख्य उपाय इस प्रकार हैं:
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संरक्षणात्मक (Conservative) उपाय
- बुखार, दर्द हेतु दर्दनाशक (analgesics) और सूजन कम करने हेतु उपाय।
-hydration (पर्याप्त पानी/तरल लेना) और लार प्रवाह बढ़ाने वाले उपाय (sialogogues) जैसे कि खट्टे स्वाद के भोजन।
- ग्रंथि पर हल्के मालिश और गरम संपीड़न (warm compress) से आराम।
- अच्छी मुँह स्वच्छता (oral hygiene) क्योंकि ग्रंथि संक्रमण-प्रवण हो सकती है।
- बुखार, दर्द हेतु दर्दनाशक (analgesics) और सूजन कम करने हेतु उपाय।
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मध्य-स्तरीय उपचार (Intermediate interventions)
- यदि एपिसोड बार-बार हों या बहुत तीव्र हों, तो सिआलेन्डोस्कोपी (sialendoscopy) द्वारा डीलेशन (duct dilation) और लार नलिका को फ्लश करना (irrigation) किया जा सकता है।
- यह विधि सफल रही है लगभग 75% मामलों में।
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संभावित शल्य-चिकित्सा (Surgical) उपाय
- बहुत गंभीर, लगातार रहने वाले मामलों में ग्रंथि का आंशिक या पूरी तरह निष्कासन (parotidectomy) पर विचार हो सकता है। लेकिन यह बेहद कम मामलों में किया जाता है क्योंकि इसमें चेहरे की नस (facial nerve) का जोखिम रहता है।
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आगे-देखभाल (Follow-up)
- नियमित चेक-अप तथा ग्रंथि की कार्यक्षमता की निगरानी जरूरी है।
- लक्षणों की आवृत्ति, अवधि और किसी जटिलता (complication) जैसे ग्रंथि की क्षति पर ध्यान दें।
Juvenile Recurrent Parotitis कैसे रोके (Prevention)
JRP पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता क्योंकि कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ उपाय इसके जोखिम और एपिसोड्स को कम कर सकते हैं:
- नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी पियें जिससे लार का प्रवाह अच्छा रहे।
- भोजन में खट्टे/तेज स्वाद वाले (सौर्स) खाद्य शामिल करें (जैसे नींबू) ताकि लार निर्माण व प्रवाह में सहायता हो सके।
- अच्छी मुँह स्वच्छता बनाए रखें — ब्रशिंग, फ्लॉसिंग एवं नियमित डेंटल चेक-अप।
- संक्रमण से बचाव करें — जैसे संक्रमण के ग्रंथि पर असर कर सकते हैं।
- जब ग्रंथि में कोई लक्षण दिखे (सूजन, दर्द) तुरंत चिकित्सक से मिलें ताकि समय पर हस्तक्षेप हो सके और परेशानी बढ़ने से रोकी जा सके।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
घरेलू उपाय JRP के एपिसोड के दौरान या उसकी संभावना में सहायक हो सकते हैं (लेकिन चिकित्सक की सलाह के विकल्प नहीं) —
- गाल के प्रभावित हिस्से पर गरम संपीड़न (warm compress) लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिल सकती है।
- प्रभावित ग्रंथि को हल्के हाथ से पीछे-से-आगे दिशा में मालिश (cheek to front towards mouth) से लार निकलने में सहायता मिल सकती है।
- भोजन के बाद खट्टे माउथवेयर (lemon candy, खट्टे फल) लार प्रवाह बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- अच्छी हाइड्रेशन बनाए रखना — पानी खूब पिएँ।
- नमक पानी से गरारा (salt-water rinse) मुँह की स्वच्छता के लिए।
- आराम करें और बुखार या दर्द आने पर OTC दर्द-नाशक (जैसे पैरासिटामॉल, इबुप्रोफेन) का उपयोग चिकित्सक के निर्देशानुसार करें।
सावधानियाँ (Precautions)
- यदि सूजन बहुत तेज हो, बुखार बहुत अधिक, ग्रंथि बहुत कठोर हो जाए, या लार में पुस (pus) आने लगे — तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
- नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह के बिना घरेलू उपाय को प्राथमिक उपचार न समझें — विशेष रूप से यदि बच्चों में मामला हो।
- यदि ग्रंथि सूजन के साथ आँखों या मुँह में सूखापन, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर रैश आदि हो — तो आटोइम्यून कारणों के लिए डॉक्टर से बात करें।
- लंबी अवधि में पुनरावृत्ति के कारण ग्रंथि की संरचना प्रभावित हो सकती है — इसलिए निगरानी महत्वपूर्ण है।
- सर्जरी की संभावना हो सकती है — इस प्रकार बच्चों या किशोरों में ग्रंथि का चयन-मूलक निष्कासन (selective removal) तभी किया जाना चाहिए जब अन्य उपाय विफल हों।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या JRP सिर्फ बच्चों में होता है?
हाँ, यह मुख्य रूप से बच्चों और किशोरों में देखा जाता है, विशेषकर 3-6 वर्ष के बीच शुरुआत होती है। लेकिन बहुत दुर्लभ रूप से यह वयस्कों में भी जारी रह सकता है।
Q2. क्या यह स्थिति गंभीर है?
अधिकतर मामलों में यह स्थिति स्वयं-से ठीक हो जाती है और गंभीर जटिलताएं कम होती हैं। मगर बार-बार एवं तीव्र एपिसोड्स में ग्रंथि एवं आसपास की संरचनाएँ प्रभावित हो सकती हैं, इसलिए नियंत्रण आवश्यक है।
Q3. क्या यह मम्प्स (पापेरे) जैसा है?
नहीं बिल्कुल नहीं। Mumps (मम्प्स) एक वायरल संक्रमण है, जबकि JRP ऐसी स्थिति है जिसमें ग्रंथि में बार-बार सूजन होती है लेकिन कारण अक्सर संक्रमण नहीं, बल्कि अन्य कारक हैं।
Q4. क्या पूर्णतः ठीक हो सकती है?
जी हाँ — अधिकांश मामलों में किशोरावस्था तक सूजन होने की प्रवृत्ति कम हो जाती है और ठीक हो जाती है।
Q5. क्या महिला व लड़कों में फर्क है?
कुछ अध्ययन में लड़कों में थोड़ा अधिक पाया गया है; लेकिन नवीन शोध में महिला-लड़कों दोनों ही प्रभावित पाए गए हैं।
निष्कर्ष
युवा-वय में ग्रंथि (पैरोटिड) की बार-बार होने वाली सूजन — जिसे JRP कहा जाता है —虽 दुर्लभ है लेकिन समझना आवश्यक है क्योंकि यह बच्चों तथा उनके परिवारों के लिए चिंता का कारण बन सकती है। कारण व्यापक रूप से स्पष्ट नहीं है पर निदान, नियंत्रित उपचार व समय-समय पर निगरानी से एपिसोड्स को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
घरेलू उपाय, अच्छी स्वच्छता, लार प्रवाह बनाए रखना और चिकित्सा सलाह समय पर लेना इस अवस्था को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।
यदि आपके बच्चे में बार-बार गाल के पास ग्रंथि की सूजन हो रही हो, दर्द हो रहा हो या अन्य अस्वस्थता हो रही हो — तो विशेषज्ञ (ENT/बाल चिकित्सक) से शीघ्र परामर्श अवश्य लें।
आप चाहें तो इस विषय पर “किताबी संदर्भ”, “नवीनतम शोध”, या “भारत में प्रचलित मामलों” पर भी जानकारी ले सकते हैं — क्या मैं ऐसा करूँ?