Kawasaki Disease (KD) एक वास्कुलिटिस (vasculitis) या रक्त-वाहिकाओं की सूजन की बीमारी है, जो मुख्यतः पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में पाई जाती है।
इसका एक भयावह प्रकार है जिसे KDSS कहा जाता है, अर्थात़ Kawasaki Disease Shock Syndrome — जिसमें रक्तचाप गिरना, शॉक की अवस्था, या कमजोर परिसंचरण (poor perfusion) देखने को मिलता है।
यह स्थिति तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप की मांग करती है क्योंकि इससे हृदय और अन्य अंगों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
Kawasaki Disease Shock Syndrome क्या होता है ? (What is KDSS?)
KDSS उस अवस्था को कहते हैं जब KD के दौरान शॉक (shock) की स्थिति विकसित हो जाए — अर्थात यह जब निम्न में से एक या अधिक हो:
- सिस्टोलिक रक्तचाप (systolic BP) का बच्चों के लिए सामान्य स्तर से ≥ 20% कम होना।
- कमजोर परिसंचरण (poor perfusion) जैसे त्वचा ठंडी होना, धड़कन तेज होना, मूत्र कम आना।
- इनो-ट्रॉपिक या वासोप्रेसर दवाओं की आवश्यकता होना, या ICU में भर्ती।
ध्यान दें: यह सिर्फ KD का एक “भयावह संस्करण” है, किसी अलग रोग नहीं।
Kawasaki Disease Shock Syndrome कारण (Causes of KDSS)
KDSS का सटीक कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन मुख्य संभावनाएँ निम्न हैं:
- KD के दौरान रक्त-वाहिकाएँ व्यापक रूप से प्रभावित होती हैं, जिससे कैपिलरी लीकेज (capillary leak), सूजन, और रक्तचाप में गिरावट आ सकती है।
- हृदय (मायोकार्डिअल) क्षति: कार्डिएक कार्य कम हो जाना, सूजन के कारण।
- बहुत अधिक पैमाने पर सूजन (hyperinflammation) — उदाहरण के लिए, IL-6, IL-10, IFN-γ जैसे साइटोकाइन्स उच्च होना।
Kawasaki Disease Shock Syndrome लक्षण (Symptoms of KDSS)
नीचे KDSS में आमतौर पर पाए जाने वाले लक्षण दिए गए हैं:
- लगातार बुखार (fever) — अक्सर पाँच दिन या उससे अधिक।
- त्वचा पर मुँह के अंदर बदलाव (लाल होंठ, स्ट्रॉबेरी जीभ), हाथ-पैरों की सूजन, गर्दन में लिम्फ नोड्स। (यह KD के संकेत हैं)
- अचानक रक्तचाप गिरना, त्वचा ठंडा पड़ना, धड़कन तेज होना — हाइपोपरफ्यूजन के लक्षण।
- मूत्र कम आना, पसीना आना, कमजोर श्वसन।
- लैक्टेट, D-डाइमर, CRP, ESR जैसे सूजन के मार्कर्स बहुत अधिक होना।
- हृदय संबंधी जटिलताएँ: कोरोनरी धमनि की विकृति (coronary artery abnormalities) अधिक मिलने की संभावना।
निदान (Diagnosis of KDSS)
KDSS का निदान अन्य शॉक की स्थितियों से अलग करना जरूरी है। इसके लिए ये कदम उठाए जाते हैं:
- शारीरिक परीक्षण — रक्तचाप, हृदय दर, परिसंचरण स्थिति।
- रक्त व मूत्र जांच — WBC, CRP, ESR, D-डाइमर, प्लेटलेट्स, इलेक्ट्रोलाइट्स।
- इमेजिंग तथा ईकोकार्डियोग्राम — कोरोनरी धमनियों की स्थिति या मायोकार्डियल कार्य का आकलन।
- यदि शॉक की स्थिति है तो तुरंत ICU मॉनिटरिंग।
- अन्य शॉक कारणों से विभेदन — सेप्सिस, टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम आदि।
Kawasaki Disease Shock Syndrome इलाज (Treatment of KDSS)
KDSS उपचार अस्पताल में किया जाना चाहिए। मुख्य उपचार इस प्रकार हैं:
- IVIG (Intravenous Immunoglobulin) — KD व KDSS का प्राथमिक उपचार।
- उच्च-खुराक एस्पिरिन (Aspirin) — सूजन और थ्रॉम्बोसिस रोकने हेतु।
- प्रति-शॉक उपाय — फ्लुइड रिससिटेशन, वासोप्रेसर्स, इनो-ट्रॉपिक्स।
- स्टेरॉयड्स या अन्य इम्यूनोमॉडुलेटर्स (जैसे मेटिलप्रेडनिसोलोन) — विशेष रूप से IVIG-प्रतिरोधी मामलों में।
- मॉनिटरिंग और कार्डिएक केयर — कोरोनरी धमनि विकृति और मायोकार्डियल फंक्शन की जाँच जारी रखना।
सावधानियाँ (Precautions)
- बुखार 5 दिन से अधिक रहे और KD के अन्य लक्षण हों तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
- यदि शॉक-संबंधित संकेत (रक्तचाप गिरना, त्वचा ठंडी होना, मूत्र कम आना) हों तो तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाएँ।
- IVIG प्रारंभ में देरी से दें तो कोरोनरी जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है।
- निदान के समय संक्रमण आदि को अलग करना जरूरी है—सेप्सिस या टॉक्सिक शॉक प्रतीत हो सकते हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. KDSS केवल छोटे बच्चों में होता है?
A. अधिकांशतः पाँच वर्ष से कम आयु में होता है, लेकिन बड़े बच्चों या किशोरों में भी मिल चुका है।
Q2. KDSS होने पर क्या मृत्यु का खतरा है?
A. हां, यह गंभीर स्थिति है। हालांकि सही समय पर उपचार मिलने पर परिणाम अच्छे होते हैं।
Q3. क्या KDSS में कोरोनरी धमनि (coronary artery) प्रभावित होती हैं?
A. हाँ, KDSS में कोरोनरी धमनि विकृति-उदा (dilatation or aneurysm) अधिक पाई जाती है।
Q4. क्या घरेलू उपचार पर्याप्त होंगे?
A. नहीं, KDSS एक आपातकालीन स्थिति है—घरेलू उपाय पर्याप्त नहीं, अस्पताल में चिकित्सा अवश्यक है।
Q5. निदान के लिए कोई विशेष टेस्ट है?
A. नहीं, KDSS का कोई लीयल-रिजर्व टेस्ट नहीं है; चिकित्सकों को क्लीनिकल लक्षण, लैब मार्कर्स एवं इमेजिंग देखकर निदान करना होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Kawasaki Disease Shock Syndrome (KDSS) एक दुर्लभ लेकिन जान-लेवा जटिलता है जो Kawasaki Disease के अंतर्गत आती है।
इसमें बच्चों में शॉक, उच्च सूजन, तथा हृदय-और अन्य अंगों की जटिलताएँ होती हैं। जल्द पहचान और चिकित्सकीय हस्तक्षेप (IVIG, एस्पिरिन, ICU मॉनिटरिंग) से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
यदि आपके बच्चे में लगातार बुखार हो रहा है, घुटन में लक्षण हों, या परिसंचरण कमजोर हो, तो समय पर अस्पताल जाना बेहद आवश्यक है।