Khushveer Choudhary

Lumbar Spondylosis: कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम, सावधानियाँ और घरेलू उपाय

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस (Lumbar Spondylosis) एक सामान्य लेकिन धीरे-धीरे बढ़ने वाली रीढ़ की हड्डी (Spinal) से जुड़ी समस्या है, जिसमें कमर (Lower Back) के हिस्से की हड्डियाँ, जोड़ (Joints), और डिस्क (Discs)** उम्र या अन्य कारणों से घिसने लगती हैं।

यह स्थिति रीढ़ की लम्बर रीजन (L1–L5 Vertebrae) में होती है, जो शरीर के ऊपरी भाग को सहारा देने का काम करती है।
स्पॉन्डायलोसिस के कारण कमर दर्द, अकड़न, चलने में कठिनाई और पैरों में सुन्नपन जैसी परेशानियाँ होती हैं।

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस क्या होता है  (What is Lumbar Spondylosis?)

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस, रीढ़ की हड्डी के लम्बर हिस्से की डिजेनेरेटिव (Degenerative) स्थिति है, यानी उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों और डिस्क में होने वाला घिसाव।

इसमें इंटरवर्टेब्रल डिस्क (Intervertebral Discs) सूखने लगती हैं और हड्डियों के किनारों पर हड्डी के स्पर (Bone Spurs) बनने लगते हैं।
इससे नसों पर दबाव पड़ता है और व्यक्ति को लोअर बैक पेन, जांघ या पैरों में दर्द, कमजोरी और झनझनाहट महसूस होती है।

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस कारण (Causes of Lumbar Spondylosis)

  1. उम्र बढ़ना (Aging):
    यह इसका सबसे सामान्य कारण है। उम्र के साथ डिस्क में लचीलापन और नमी कम होती जाती है।

  2. गलत मुद्रा (Poor Posture):
    लंबे समय तक झुककर बैठना या गलत तरीके से वजन उठाना।

  3. कम शारीरिक सक्रियता (Lack of Physical Activity):
    निष्क्रिय जीवनशैली से हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर होती हैं।

  4. वजन अधिक होना (Obesity):
    रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

  5. चोट या दुर्घटना (Injury or Trauma):
    रीढ़ पर लगी पुरानी चोटें भी कारण बन सकती हैं।

  6. अनुवांशिक कारण (Genetic Factors):
    परिवार में किसी को यह समस्या रही हो तो जोखिम अधिक रहता है।

  7. पेशेगत कारण (Occupational Causes):
    जो लोग लगातार झुककर काम करते हैं जैसे — ड्राइवर, मजदूर, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि।

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस लक्षण (Symptoms of Lumbar Spondylosis)

  • कमर में दर्द (Lower Back Pain) — सुबह उठने पर या लंबे समय तक बैठने के बाद बढ़ता है।
  • जकड़न (Stiffness in Back) — झुकने या सीधा खड़े होने में कठिनाई।
  • पैरों में दर्द (Pain Radiating to Legs) — नसों पर दबाव के कारण होता है।
  • सुन्नपन या झनझनाहट (Numbness or Tingling in Legs)
  • मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Weakness)
  • लंबे समय तक खड़े रहने या चलने में दर्द बढ़ना (Pain on Prolonged Standing/Walking)
  • चलते समय असंतुलन (Loss of Balance)

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस कैसे पहचाने (Diagnosis of Lumbar Spondylosis)

  1. शारीरिक जांच (Physical Examination):
    डॉक्टर कमर की लचक, ताकत और दर्द की स्थिति जांचते हैं।

  2. एक्स-रे (X-ray):
    हड्डियों की संरचना और बोन स्पर की उपस्थिति दिखाता है।

  3. MRI (Magnetic Resonance Imaging):
    डिस्क और नसों की स्थिति का विस्तृत चित्र देता है।

  4. CT स्कैन (CT Scan):
    हड्डियों और जोड़ों के नुकसान की स्पष्ट जानकारी देता है।

  5. नर्व कंडक्शन टेस्ट (Nerve Conduction Study):
    यह जांचता है कि नसों में कोई दबाव या क्षति तो नहीं है।

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस इलाज (Treatment of Lumbar Spondylosis)

1. दवाइयाँ (Medications):

  • दर्द निवारक (Painkillers): जैसे – पेरासिटामोल, NSAIDs (इबुप्रोफेन आदि)।
  • मसल रीलैक्सेंट्स (Muscle Relaxants): अकड़न कम करने में सहायक।
  • विटामिन B कॉम्प्लेक्स और कैल्शियम सप्लीमेंट्स: हड्डियों और नसों के लिए लाभदायक।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन: गंभीर दर्द में अस्थायी राहत के लिए।

2. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):

  • रीढ़ की मजबूती और लचक बनाए रखने के लिए।
  • नियमित स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज दर्द और जकड़न को कम करती है।

3. सर्जरी (Surgical Treatment):

जब दवा और फिजियोथेरेपी से लाभ न हो तो

  • Laminectomy या
  • Discectomy जैसी सर्जरी की जाती है ताकि नसों पर से दबाव हटाया जा सके।

4. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Modification):

  • सही मुद्रा में बैठना
  • वजन नियंत्रित रखना
  • नियमित हल्का व्यायाम

घरेलू उपाय (Home Remedies for Lumbar Spondylosis)

  • गर्म पानी की सिकाई (Hot Compress): दर्द और सूजन में राहत देती है।
  • हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk): सूजन घटाने में मदद करता है।
  • नमक वाले गुनगुने पानी से स्नान (Warm Bath with Epsom Salt): मांसपेशियों को आराम देता है।
  • योग और प्राणायाम (Yoga & Breathing Exercises): जैसे – भुजंगासन, मकरासन, वज्रासन।
  • आरामदायक गद्दा (Orthopedic Mattress): रीढ़ को सही सपोर्ट देता है।

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस कैसे रोके (Prevention of Lumbar Spondylosis)

  • सही मुद्रा अपनाएँ (Maintain Proper Posture)
  • वजन नियंत्रित रखें (Maintain Healthy Weight)
  • भारी वजन सही तरीके से उठाएँ (Lift Properly with Knees Bent)
  • नियमित व्यायाम करें (Regular Exercise)
  • लंबे समय तक एक ही स्थिति में न रहें (Avoid Prolonged Sitting)
  • कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार लें (Calcium & Vitamin D Rich Diet)

सावधानियाँ (Precautions)

  • दर्द को नज़रअंदाज़ न करें, समय पर डॉक्टर से परामर्श लें।
  • कठोर गद्दे या कुर्सियों का उपयोग न करें।
  • झुककर या अचानक हरकतों से बचें।
  • लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप झुककर न देखें।
  • फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह के अनुसार एक्सरसाइज करें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या लम्बर स्पॉन्डायलोसिस पूरी तरह ठीक हो सकता है?
पूरी तरह ठीक नहीं, लेकिन सही इलाज, व्यायाम और जीवनशैली से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है।

Q2. क्या यह हर उम्र में हो सकता है?
यह आमतौर पर 40 वर्ष के बाद अधिक देखा जाता है, परंतु गलत मुद्रा और बैठने की आदतों से यह युवा लोगों में भी हो सकता है।

Q3. क्या सर्जरी जरूरी होती है?
सिर्फ गंभीर मामलों में जब नसों पर दबाव अधिक हो, तब सर्जरी की आवश्यकता होती है।

Q4. क्या योग करने से लाभ होता है?
हाँ, नियमित योगासन और स्ट्रेचिंग से रीढ़ की लचक और ताकत बढ़ती है, जिससे दर्द कम होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

लम्बर स्पॉन्डायलोसिस (Lumbar Spondylosis) रीढ़ की उम्र-संबंधी एक सामान्य बीमारी है, लेकिन इसे समय पर पहचानकर और इलाज शुरू करके नियंत्रित किया जा सकता है।
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, सही बैठने की मुद्रा और समय पर चिकित्सा परामर्श से व्यक्ति बिना सर्जरी के भी राहत पा सकता है।


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