Khushveer Choudhary

Lung Infarction: कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम, सावधानियाँ और FAQs

लंग इंफार्क्शन (Lung Infarction) एक गंभीर फेफड़ों से जुड़ी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह (Blood Flow) रुक जाने के कारण वह हिस्सा मर (Necrosis) जाता है।

यह स्थिति अक्सर फेफड़ों की धमनी में रक्त के थक्के (Pulmonary Embolism) बनने से होती है, जिससे उस क्षेत्र तक ऑक्सीजन और पोषण नहीं पहुंच पाता।

लंग इंफार्क्शन एक आपातकालीन (Emergency) स्थिति हो सकती है, इसलिए इसके लक्षणों को समय रहते पहचानना और तुरंत इलाज करवाना बहुत जरूरी है।

लंग इंफार्क्शन क्या होता है  (What is Lung Infarction?)

लंग इंफार्क्शन का अर्थ है — फेफड़ों के किसी हिस्से में टिश्यू का मर जाना (Death of Lung Tissue) क्योंकि वहां ब्लड सप्लाई रुक जाती है
यह सामान्यतः तब होता है जब कोई रक्त का थक्का (Blood Clot) या एम्बोलस (Embolus) फेफड़ों की रक्त वाहिका को ब्लॉक कर देता है।

इससे उस क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी होती है, और धीरे-धीरे फेफड़ों के ऊतक (Lung Tissue) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

लंग इंफार्क्शन के प्रकार (Types of Lung Infarction)

  1. हेमोरैजिक लंग इंफार्क्शन (Hemorrhagic Lung Infarction):
    जब रक्त का थक्का रुकने के बाद फेफड़ों में रक्तस्राव (Bleeding) भी हो जाता है।

  2. इस्केमिक लंग इंफार्क्शन (Ischemic Lung Infarction):
    जब केवल ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Deprivation) के कारण ऊतक मर जाते हैं, पर रक्तस्राव नहीं होता।

लंग इंफार्क्शन कारण (Causes of Lung Infarction)

  1. पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism):
    यह सबसे आम कारण है — जब शरीर के किसी हिस्से (जैसे पैरों की नसों) में बना रक्त का थक्का (Deep Vein Thrombosis) फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में फंस जाता है।

  2. हृदय रोग (Heart Diseases):

    1. हृदय की विफलता (Heart Failure)
    1. एरिदमिया (Arrhythmia)
    1. हृदय की वाल्व से संबंधित बीमारियाँ
  3. संक्रमण (Infections):
    गंभीर संक्रमण के कारण फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में सूजन और ब्लॉकेज हो सकता है।

  4. चोट या सर्जरी (Trauma or Surgery):
    छाती की चोट या बड़ी सर्जरी के बाद रक्त प्रवाह में रुकावट हो सकती है।

  5. कैंसर (Cancer):
    कुछ कैंसर, विशेषकर फेफड़ों या खून से जुड़े कैंसर, खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ाते हैं।

  6. लंबे समय तक निष्क्रियता (Prolonged Immobility):
    लंबे समय तक बैठने या बिस्तर पर रहने से रक्त का थक्का बन सकता है।

  7. धूम्रपान और मोटापा (Smoking & Obesity):
    ये दोनों रक्त के प्रवाह को बाधित करते हैं और थक्के बनने की संभावना बढ़ाते हैं।

लंग इंफार्क्शन लक्षण (Symptoms of Lung Infarction)

लक्षण अचानक या धीरे-धीरे प्रकट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तेज सीने में दर्द (Sharp Chest Pain) — जो सांस लेने पर बढ़ता है।
  • सांस लेने में कठिनाई (Shortness of Breath)
  • खांसी (Cough) — कभी-कभी खून के साथ (Hemoptysis)
  • तेज बुखार (Fever)
  • थकान और बेचैनी (Fatigue and Anxiety)
  • दिल की धड़कन तेज होना (Rapid Heartbeat)
  • त्वचा या होंठों का नीला पड़ना (Bluish Skin or Lips) — ऑक्सीजन की कमी के कारण।

लंग इंफार्क्शन कैसे पहचाने (Diagnosis of Lung Infarction)

  1. छाती का एक्स-रे (Chest X-ray):
    फेफड़ों के प्रभावित हिस्से में धब्बे या घनत्व दिखाई देते हैं।

  2. सीटी स्कैन (CT Scan of Chest):
    थक्के की स्थिति और आकार की सटीक जानकारी देता है।

  3. सीटी पल्मोनरी एंजियोग्राफी (CT Pulmonary Angiography):
    फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेज की पुष्टि करने के लिए सबसे उपयोगी परीक्षण।

  4. ईसीजी (ECG):
    हृदय की धड़कन और ब्लॉकेज से संबंधित असर की जांच।

  5. डी-डाइमर टेस्ट (D-Dimer Test):
    रक्त में थक्के बनने के प्रमाण की जांच करता है।

  6. ब्लड गैस एनालिसिस (Arterial Blood Gas Test):
    ऑक्सीजन स्तर की जानकारी देता है।

लंग इंफार्क्शन इलाज (Treatment of Lung Infarction)

इलाज का उद्देश्य रक्त प्रवाह को बहाल करना, ऑक्सीजन की पूर्ति करना, और जटिलताओं से बचना होता है।

1. दवाइयों से इलाज (Medication):

  • एंटीकोएगुलेंट्स (Anticoagulants):
    जैसे — हीपरिन (Heparin), वारफारिन (Warfarin), या डेबिगाट्रान (Dabigatran) — ताकि नए थक्के न बनें।

  • थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी (Thrombolytic Therapy):
    गंभीर मामलों में — क्लॉट को घोलने वाली दवाइयाँ दी जाती हैं (जैसे Alteplase)।

  • पेन रिलीवर्स (Pain Relievers):
    छाती के दर्द को नियंत्रित करने के लिए।

2. ऑक्सीजन सपोर्ट (Oxygen Therapy):

सांस की तकलीफ और ऑक्सीजन की कमी को सुधारने के लिए दी जाती है।

3. सर्जरी (Surgical Treatment):

  • एम्बोलेक्टोमी (Embolectomy): रक्त का थक्का निकालने के लिए।
  • फिल्टर इम्प्लांट (Inferior Vena Cava Filter): भविष्य में थक्के फेफड़ों तक न पहुंचे, इसके लिए।

4. जीवनशैली में सुधार (Lifestyle Management):

  • धूम्रपान छोड़ना
  • पर्याप्त पानी पीना
  • नियमित व्यायाम
  • लंबे समय तक बैठने से बचना

घरेलू उपाय (Home Remedies for Lung Infarction)

नोट: लंग इंफार्क्शन एक गंभीर स्थिति है — घरेलू उपाय केवल रिकवरी के दौरान सहायक हो सकते हैं।

  • गहरी सांस लेने के व्यायाम करें (Deep Breathing Exercises)
  • अदरक और लहसुन का सेवन करें (Ginger & Garlic): ये रक्त पतला करने में सहायक हैं।
  • ग्रीन टी या हल्दी दूध (Green Tea or Turmeric Milk): सूजन को कम करता है।
  • धूम्रपान और शराब से पूरी तरह बचें।
  • संतुलित आहार लें (Healthy Diet) — जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फल, और सब्जियाँ हों।

लंग इंफार्क्शन कैसे रोके (Prevention of Lung Infarction)

  • डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) की रोकथाम करें।
  • लंबे समय तक बैठने से बचें, बीच-बीच में पैरों को हिलाएँ।
  • धूम्रपान छोड़ें (Quit Smoking)
  • हाइड्रेशन बनाए रखें (Stay Hydrated)
  • ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रण में रखें
  • सर्जरी के बाद जल्दी मूवमेंट शुरू करें (Post-Surgery Mobility)

सावधानियाँ (Precautions)

  • छाती में दर्द या अचानक सांस की कमी को कभी नज़रअंदाज न करें।
  • पहले से ब्लड क्लॉट या DVT का इतिहास हो तो नियमित चेकअप करवाएँ।
  • रक्त पतला करने वाली दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करें।
  • यात्रा के दौरान लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या लंग इंफार्क्शन जानलेवा होता है?
हाँ, अगर इलाज में देरी हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, क्योंकि फेफड़ों का हिस्सा काम करना बंद कर देता है।

Q2. क्या यह टीबी या निमोनिया जैसा है?
नहीं, यह संक्रमण से नहीं बल्कि रक्त प्रवाह रुकने से होता है।

Q3. क्या यह दोबारा हो सकता है?
हाँ, अगर ब्लड क्लॉट बनने की प्रवृत्ति बनी रहे तो यह फिर से हो सकता है।

Q4. क्या इसका इलाज पूरी तरह संभव है?
अगर समय पर निदान और इलाज हो जाए तो हाँ, मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।

Q5. क्या लंग इंफार्क्शन के बाद व्यायाम कर सकते हैं?
रिकवरी के बाद हल्का व्यायाम डॉक्टर की सलाह से शुरू किया जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

लंग इंफार्क्शन (Lung Infarction) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य फेफड़ों की समस्या है।
समय रहते लक्षणों की पहचान, तुरंत मेडिकल सहायता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इस स्थिति से बचा जा सकता है।
अगर अचानक सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द या खून वाली खांसी हो — तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


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