लूपस नेफ्राइटिस (Lupus Nephritis) एक गंभीर किडनी रोग (Kidney Disease) है, जो सिस्टेमिक लूपस एरिथेमेटोसस (Systemic Lupus Erythematosus – SLE) नामक ऑटोइम्यून बीमारी के कारण होता है।
इस स्थिति में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) गलती से अपने ही किडनी टिश्यू पर हमला करने लगती है, जिससे किडनी में सूजन (Inflammation), क्षति (Damage) और फिल्टरिंग क्षमता में कमी हो जाती है।
अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो यह किडनी फेल्योर (Kidney Failure) का कारण बन सकता है।
लूपस नेफ्राइटिस क्या होता है (What is Lupus Nephritis?)
लूपस नेफ्राइटिस एक ऑटोइम्यून स्थिति है जिसमें किडनी के ग्लोमेरुली (Glomeruli) — जो रक्त को साफ करने का काम करते हैं — सूजन से प्रभावित हो जाते हैं।
इससे किडनी शरीर के अवांछित पदार्थ और अतिरिक्त पानी को सही से बाहर नहीं निकाल पाती।
यह रोग मुख्य रूप से महिलाओं में, खासकर 15 से 45 वर्ष की उम्र के बीच अधिक देखा जाता है।
लूपस नेफ्राइटिस के प्रकार (Types of Lupus Nephritis)
लूपस नेफ्राइटिस को किडनी बायोप्सी (Kidney Biopsy) के आधार पर छह वर्गों में बांटा गया है:
- Class I – Minimal Mesangial Lupus Nephritis: हल्का रूप, आमतौर पर लक्षण नहीं दिखते।
- Class II – Mesangial Proliferative: सूजन हल्की होती है, मूत्र में प्रोटीन पाया जा सकता है।
- Class III – Focal Lupus Nephritis: कुछ ग्लोमेरुली प्रभावित होते हैं, लक्षण मध्यम स्तर के।
- Class IV – Diffuse Lupus Nephritis: सबसे गंभीर प्रकार, किडनी का बड़ा हिस्सा प्रभावित होता है।
- Class V – Membranous Lupus Nephritis: सूजन के साथ-साथ प्रोटीन का अत्यधिक नुकसान (Proteinuria)।
- Class VI – Advanced Sclerotic Lupus Nephritis: किडनी स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी होती है।
लूपस नेफ्राइटिस के कारण (Causes of Lupus Nephritis)
यह रोग ऑटोइम्यून विकार (Autoimmune Disorder) के कारण होता है।
मुख्य कारण या जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:
- सिस्टेमिक लूपस एरिथेमेटोसस (SLE)
- अनुवांशिक कारण (Genetic Factors)
- हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)
- संक्रमण (Infections)
- सूरज की अत्यधिक रोशनी (UV Exposure)
- तनाव (Stress)
- कुछ दवाओं का अधिक उपयोग (Certain Medications)
- धूम्रपान और प्रदूषण (Smoking & Pollution)
लूपस नेफ्राइटिस लक्षण (Symptoms of Lupus Nephritis)
लूपस नेफ्राइटिस के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं।
मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- मूत्र में झाग या झिल्ली (Foamy Urine) – प्रोटीन के नुकसान के कारण।
- मूत्र में खून (Blood in Urine)
- सूजन (Swelling) – चेहरे, टखनों, पैरों या हाथों में।
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
- थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness)
- वजन बढ़ना (Weight Gain) – शरीर में पानी रुकने के कारण।
- मूत्र की मात्रा में कमी (Decreased Urine Output)
- भूख में कमी और मतली (Loss of Appetite, Nausea)
लूपस नेफ्राइटिस कैसे पहचाने (Diagnosis of Lupus Nephritis)
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मूत्र जांच (Urine Test):
- प्रोटीन (Proteinuria) और ब्लड की जांच।
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ब्लड टेस्ट (Blood Tests):
- Serum Creatinine और Blood Urea Nitrogen (BUN) का स्तर।
- ANA (Antinuclear Antibody) और Anti-dsDNA Test।
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किडनी बायोप्सी (Kidney Biopsy):
- यह सबसे सटीक जांच है जो बीमारी का प्रकार और गंभीरता बताती है।
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अल्ट्रासाउंड या CT Scan:
- किडनी की संरचना और सूजन का पता लगाने के लिए।
लूपस नेफ्राइटिस इलाज (Treatment of Lupus Nephritis)
इलाज का उद्देश्य किडनी की सूजन को कम करना और उनकी कार्यक्षमता को बनाए रखना है।
1. दवाइयाँ (Medications):
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) – सूजन कम करने के लिए।
- इम्यूनोसप्रेसेंट्स (Immunosuppressive Drugs) – जैसे साइक्लोफॉस्फेमाइड (Cyclophosphamide), माइकोफेनोलेट मोफेटिल (Mycophenolate Mofetil)।
- एंटीमलेरियल दवा (Hydroxychloroquine) – लूपस को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- ब्लड प्रेशर कंट्रोलर (ACE inhibitors / ARBs) – किडनी प्रोटेक्शन के लिए।
2. डाइट और जीवनशैली (Diet and Lifestyle):
- कम नमक वाला आहार (Low Sodium Diet)
- प्रोटीन की मात्रा सीमित रखें (Moderate Protein Intake)
- पर्याप्त पानी पिएँ (Stay Hydrated)
- धूम्रपान और शराब से बचें (Avoid Smoking & Alcohol)
- तनाव कम करें (Manage Stress)
3. गंभीर मामलों में:
- डायलिसिस (Dialysis) – जब किडनी काम करना बंद कर देती है।
- किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) – आखिरी विकल्प के रूप में।
घरेलू उपाय (Home Remedies for Lupus Nephritis)
नोट: ये उपाय केवल सहायक हैं, डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं।
- गिलोय और तुलसी का सेवन (Giloy & Tulsi): प्रतिरक्षा को संतुलित रखते हैं।
- हल्दी (Turmeric): सूजन कम करने में मदद करती है।
- गुनगुना पानी पिएँ (Warm Water): शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3): मछली या अलसी के बीज से प्राप्त करें।
- कैफीन और नमक कम करें (Reduce Caffeine & Salt): किडनी पर भार घटता है।
लूपस नेफ्राइटिस कैसे रोके (Prevention of Lupus Nephritis)
- सूरज की सीधी किरणों से बचें (Avoid Direct Sunlight)
- लूपस की दवाएँ नियमित लें (Take Lupus Medicines Regularly)
- संतुलित भोजन करें (Eat Healthy & Balanced Diet)
- नियमित चेकअप करवाएँ (Regular Health Checkups)
- संक्रमण से बचें (Prevent Infections)
सावधानियाँ (Precautions)
- डॉक्टर की सलाह बिना कोई दवा बंद न करें।
- रक्तचाप और ब्लड शुगर का नियमित मॉनिटरिंग करें।
- हर 3–6 महीने में मूत्र और ब्लड टेस्ट करवाएँ।
- थकान या सूजन बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या लूपस नेफ्राइटिस पूरी तरह ठीक हो सकता है?
कई मामलों में दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसका पूर्ण इलाज हमेशा संभव नहीं होता।
Q2. क्या लूपस नेफ्राइटिस से किडनी फेल हो सकती है?
हाँ, अगर इलाज में देरी हो या दवा बंद कर दी जाए तो किडनी फेल हो सकती है।
Q3. क्या यह बीमारी महिलाओं में ज्यादा होती है?
हाँ, विशेष रूप से 15–45 वर्ष की महिलाओं में अधिक पाई जाती है।
Q4. क्या यह आनुवांशिक रोग है?
कुछ मामलों में परिवार में लूपस का इतिहास होने पर खतरा बढ़ जाता है।
Q5. क्या लूपस नेफ्राइटिस से बचाव संभव है?
लूपस को नियंत्रित रखकर और जीवनशैली में सुधार कर इससे बचाव किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
लूपस नेफ्राइटिस (Lupus Nephritis) एक गंभीर लेकिन नियंत्रित करने योग्य किडनी रोग है।
समय पर पहचान, सही दवा और नियमित निगरानी से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है।
स्वस्थ आहार, तनाव मुक्त जीवन और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार ही इसके नियंत्रण की कुंजी है।