मॉर्टन न्यूरोमा (Morton’s Neuroma) पैरों की एक सामान्य लेकिन दर्दनाक समस्या है।
यह पैर की तर्जनी (Third) और चौथी उंगली के बीच के नस (Nerve) में मोटाई या सूजन के कारण होती है।
इससे तेज दर्द, जलन, झनझनाहट और कभी-कभी सुई चुभने जैसा अनुभव होता है।
यह रोग अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलता है, विशेषकर जो हाई हील या तंग जूते पहनती हैं।
मॉर्टन न्यूरोमा क्या होता है (What is Morton’s Neuroma)
Morton’s Neuroma में पैर की नस पर दबाव या चोट के कारण नस की मोटाई बढ़ जाती है।
इससे पैर के आगे के हिस्से में स्थायी दर्द (Chronic Pain) और सुनापन (Numbness) महसूस होता है।
मुख्य रूप से यह तीसरी और चौथी उंगली के बीच (Between Third and Fourth Toes) होती है।
मॉर्टन न्यूरोमा के कारण (Causes of Morton’s Neuroma)
- असुविधाजनक जूते (Improper Footwear) – तंग या हाई हील जूते पहनना।
- पैर की असामान्य बनावट (Foot Abnormalities) – फ्लैट फीट, बुनियन (Bunion), हामर टो (Hammer Toe)।
- नस पर दबाव (Nerve Compression) – लंबे समय तक दौड़ना, चलना या खड़े रहना।
- चोट या दोहराव वाली चोट (Repetitive Trauma) – खेल या व्यायाम के दौरान पैर पर अधिक दबाव।
- जीन और उम्र (Genetic Factors & Age) – अक्सर 40–50 वर्ष की उम्र में।
मॉर्टन न्यूरोमा के लक्षण (Symptoms of Morton’s Neuroma)
- पैर की उंगलियों के बीच तेज दर्द (Sharp Pain)।
- जलन या झनझनाहट (Burning or Tingling)।
- कभी-कभी सुई चुभने जैसा दर्द (Pins and Needles Sensation)।
- दर्द चलने, दौड़ने या जूते पहनने पर बढ़ना।
- पैर की उंगलियों में सुनापन या कमजोरी (Numbness or Weakness)।
- पैरों की त्वचा में लालिमा या सूजन कभी-कभी।
मॉर्टन न्यूरोमा की पहचान (Diagnosis of Morton’s Neuroma)
- शारीरिक जांच (Physical Examination) – पैरों की नस और दर्द की स्थिति जांचना।
- मूल फिजिकल टेस्ट (Mulder’s Sign Test) – उंगलियों को दबाकर दर्द की पुष्टि।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – नस में मोटाई या सूजन का पता लगाने के लिए।
- MRI (Magnetic Resonance Imaging) – नस और आसपास की संरचना का विस्तृत परीक्षण।
- नस की विद्युत जांच (Nerve Conduction Test) – नस की कार्यक्षमता देखने के लिए।
मॉर्टन न्यूरोमा का इलाज (Treatment of Morton’s Neuroma)
- जूते बदलें (Footwear Modification) – चौड़े और आरामदायक जूते पहनें।
- ऑर्थोटिक इनसोल (Orthotic Insoles) – पैरों पर दबाव कम करने के लिए।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ (Anti-inflammatory Medications) – सूजन और दर्द कम करने के लिए।
- फिजियोथेरेपी (Physical Therapy) – पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए।
- सर्जिकल उपचार (Surgical Intervention) – गंभीर मामलों में नस को रिलीज़ या हटाया जाता है।
- इंजेक्शन थेरेपी (Corticosteroid Injections) – दर्द और सूजन कम करने के लिए।
घरेलू उपाय (Home Remedies for Morton’s Neuroma)
- गर्म और ठंडी सिकाई (Hot/Cold Compress) – दर्द और सूजन कम करने में मदद।
- पैरों की मसाज (Foot Massage) – नस पर दबाव कम करने के लिए।
- विश्राम और पैरों को ऊँचा रखना (Rest and Elevation)।
- संतुलित आहार (Balanced Diet) – सूजन घटाने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड।
- योग और स्ट्रेचिंग (Yoga and Stretching) – पैरों की मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने के लिए।
सावधानियाँ (Precautions in Morton’s Neuroma)
- तंग और हाई हील जूते न पहनें।
- लंबे समय तक खड़े या दौड़ते समय ब्रेक लें।
- पैरों की सही मुद्रा में चलें।
- गंभीर दर्द या सूजन होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- घर पर बिना परामर्श दवा न लें।
रोकथाम के उपाय (Prevention Tips for Morton’s Neuroma)
- आरामदायक जूते और इनसोल का उपयोग।
- पैरों की नियमित स्ट्रेचिंग।
- लंबे समय तक दौड़ने या खड़े होने से बचें।
- फ्लैट फीट या बुनियन जैसी समस्या होने पर विशेषज्ञ से परामर्श।
- वजन नियंत्रित रखें ताकि पैरों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Morton’s Neuroma)
प्रश्न 1: क्या मॉर्टन न्यूरोमा केवल महिलाओं में होता है?
उत्तर: अधिकतर महिलाएं प्रभावित होती हैं, लेकिन पुरुषों में भी हो सकता है।
प्रश्न 2: क्या जूते बदलने से दर्द कम हो सकता है?
उत्तर: हाँ, चौड़े और आरामदायक जूते पहनने से दबाव कम होता है और दर्द में राहत मिलती है।
प्रश्न 3: क्या यह बीमारी स्थायी है?
उत्तर: हल्के मामलों में घरेलू उपाय और जूते बदलने से नियंत्रण संभव है। गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4: क्या मॉर्टन न्यूरोमा में चलना कठिन होता है?
उत्तर: हाँ, दर्द और जलन के कारण लंबी दूरी तक चलना कठिन हो सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
मॉर्टन न्यूरोमा (Morton’s Neuroma) पैरों की नस में मोटाई या सूजन के कारण होने वाली दर्दनाक समस्या है।
आरामदायक जूते, पैर की देखभाल, फिजियोथेरेपी और आवश्यक उपचार से जीवन की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।
समय पर निदान और सही इलाज इस रोग के प्रभाव को कम करने की कुंजी है।