Myelofibrosis (मायेलोफिब्रोसिस) एक हड्डी के मज्जा (Bone Marrow) विकार है जिसमें हड्डी के अंदर का मज्जा सख्त (Fibrosis) और कार्यहीन हो जाता है।
इस स्थिति में हड्डी के मज्जा द्वारा पर्याप्त स्वस्थ रक्त कोशिकाएँ (Red Blood Cells, White Blood Cells, Platelets) नहीं बन पाती।
Myelofibrosis आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होने वाला क्रॉनिक रक्त रोग है और कभी-कभी ली्यूकिमिया (Leukemia) में बदल सकता है।
Myelofibrosis क्या होता है (What is Myelofibrosis)
- Myelofibrosis में हड्डी का मज्जा फाइब्रोसिस यानी रेशेदार ऊतक में बदल जाता है।
- यह रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बाधित करता है, जिससे एनीमिया, संक्रमण और रक्तस्राव बढ़ जाता है।
- हड्डी के मज्जा की कमी के कारण शरीर अन्य अंगों जैसे तिल्ली और जिगर में रक्त कोशिकाएँ बनाने लगता है (Extramedullary Hematopoiesis)।
Myelofibrosis के कारण (Causes of Myelofibrosis)
- जिनेटिक उत्परिवर्तन (Genetic Mutations) – JAK2, CALR और MPL जीन में परिवर्तन।
- प्राथमिक Myelofibrosis (Primary MF) – अनजाने कारण से हड्डी मज्जा प्रभावित।
- सेकेंडरी Myelofibrosis (Secondary MF) – पहले से मौजूद Polycythemia Vera या Essential Thrombocythemia से उत्पन्न।
- रासायनिक या विकिरण संपर्क (Chemical / Radiation Exposure)
- अनजाने कारण (Idiopathic / Unknown Cause)
Myelofibrosis के लक्षण (Symptoms of Myelofibrosis)
- थकान और कमजोरी (Fatigue & Weakness)
- पीली या पीली-नीली त्वचा (Pale or Jaundiced Skin)
- आसान चोट और खून बहना (Easy Bruising & Bleeding)
- भूख कम होना और वजन घटना (Loss of Appetite & Weight Loss)
- बायाँ ऊपरी पेट में सूजन (Enlarged Spleen / Hepatosplenomegaly)
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of Breath)
- रात को पसीना आना और बुखार (Night Sweats & Fever)
Myelofibrosis की पहचान (Diagnosis of Myelofibrosis)
- ब्लड टेस्ट (Complete Blood Count / CBC) – लाल, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का मूल्यांकन।
- हड्डी का मज्जा बायोप्सी (Bone Marrow Biopsy) – फाइब्रोसिस की पुष्टि।
- जीन परीक्षण (Genetic Testing / JAK2, CALR, MPL)
- इमेजिंग (Ultrasound, CT Scan) – तिल्ली और जिगर का आकार।
- मेडिकल हिस्ट्री और लक्षण मूल्यांकन (Medical History & Symptom Evaluation)
Myelofibrosis का इलाज (Treatment of Myelofibrosis)
- ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Blood Transfusion) – एनीमिया और प्लेटलेट्स कम होने पर।
- जाक (JAK) इनहिबिटर दवाइयाँ (JAK Inhibitors) – जैसे Ruxolitinib, रोग नियंत्रण में मदद।
- कीमोथैरेपी (Chemotherapy) – गंभीर या प्रगति वाले मामलों में।
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem Cell Transplant) – युवा और गंभीर रोगियों के लिए।
- सपोर्टिव केयर (Supportive Care) – संक्रमण नियंत्रण, पोषण और जीवन गुणवत्ता।
Myelofibrosis के घरेलू उपाय (Home Remedies for Myelofibrosis)
- संतुलित और पौष्टिक आहार (Balanced Diet) – प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स पर्याप्त।
- आराम और पर्याप्त नींद (Rest & Proper Sleep)
- संक्रमण से बचाव (Avoid Infection) – हाथ धोना, भीड़ से बचना।
- हल्का व्यायाम (Light Exercise) – डॉक्टर की सलाह पर।
- घरेलू उपाय केवल सपोर्टिव थेरेपी के लिए हैं, मुख्य इलाज डॉक्टर से होना चाहिए।
Myelofibrosis में सावधानियाँ (Precautions in Myelofibrosis)
- संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई और मास्क।
- चोट और खून बहने से बचें।
- नियमित ब्लड टेस्ट और फॉलो-अप।
- अत्यधिक थकान या कमजोरी में आराम।
- किसी भी नई दवा या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह।
Myelofibrosis को कैसे रोके (Prevention Tips for Myelofibrosis)
- जीन संबंधी जांच और फॉलो-अप (Genetic Counseling & Screening)
- रासायनिक और विकिरण संपर्क से बचाव (Avoid Chemical & Radiation Exposure)
- स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle)
- प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रखें (Boost Immune System)
- संदिग्ध लक्षण पर तुरंत डॉक्टर (Early Medical Intervention)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Myelofibrosis)
प्रश्न 1: क्या Myelofibrosis कैंसर है?
उत्तर: यह हड्डी के मज्जा का गंभीर रक्त विकार है, जो कभी-कभी ली्यूकिमिया में बदल सकता है।
प्रश्न 2: क्या यह संक्रामक है?
उत्तर: नहीं, Myelofibrosis संक्रामक नहीं है।
प्रश्न 3: क्या यह पूरी तरह ठीक हो सकता है?
उत्तर: कुछ मामलों में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से ठीक हो सकता है, अन्यथा रोग प्रबंधन और सपोर्टिव थेरेपी से जीवन गुणवत्ता बनाए रखी जाती है।
प्रश्न 4: क्या उम्र का असर पड़ता है?
उत्तर: हाँ, यह आमतौर पर 50–70 वर्ष की उम्र में अधिक पाया जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Myelofibrosis (मायेलोफिब्रोसिस / हड्डी के मज्जा की बीमारी) एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जाने वाली स्थिति है।
समय पर पहचान, नियमित फॉलो-अप और उचित चिकित्सा से जीवन की गुणवत्ता बनाए रखी जा सकती है।
सावधानी और स्वस्थ जीवनशैली रोग की प्रगति को धीमा कर सकती है।