Khushveer Choudhary

Nakajo-Nishimura Syndrome कारण, लक्षण, निदान और उपचार

Nakajo-Nishimura Syndrome (NNS / नाकाजो-निशिमुरा सिंड्रोम) एक दुर्लभ जन्मजात ऑटोइन्फ्लेमेटरी रोग (Congenital Autoinflammatory Disorder) है।

यह मुख्य रूप से जापानी और एशियाई परिवारों में रिपोर्ट किया गया है, लेकिन दुनिया के अन्य हिस्सों में भी पाया गया है।
इस रोग में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) लगातार सक्रिय रहती है, जिससे सक्रिय सूजन (Chronic Inflammation), त्वचा और मांसपेशियों में गाठें (Nodular Skin Lesions and Myopathy) और विकास में देरी (Growth Delay) होती है।

Nakajo-Nishimura Syndrome क्या होता है  (What is Nakajo-Nishimura Syndrome)

NNS में PSMB8 जीन में म्यूटेशन पाया गया है, जो प्रोटासोम (Proteasome) के कार्य को प्रभावित करता है।
प्रोटासोम शरीर में कोशिकाओं से विषैले प्रोटीन हटाने का काम करता है।
इस म्यूटेशन के कारण सूजन बढ़ जाती है, जिससे त्वचा, मांसपेशियां और अंग प्रभावित होते हैं।

Nakajo-Nishimura Syndrome कारण (Causes of Nakajo-Nishimura Syndrome)

  1. PSMB8 Gene Mutation – प्रमुख आनुवंशिक कारण
  2. Autosomal Recessive Inheritance (पारंपरिक आनुवंशिकी) – माता-पिता दोनों वाहक होने पर बच्चा प्रभावित हो सकता है
  3. Immune System Dysregulation – शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लगातार सक्रिय रहना

Nakajo-Nishimura Syndrome लक्षण (Symptoms of Nakajo-Nishimura Syndrome)

त्वचा संबंधी लक्षण (Skin-related Symptoms)

  • चेहरे और शरीर पर लाल या बैंगनी रंग की गांठें (Nodular Lesions)
  • पफी त्वचा और सूजन (Edema)
  • त्वचा पर दर्दनाक सूजन और लालिमा

मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े लक्षण (Muscle & Skeletal Symptoms)

  • मांसपेशियों की कमजोरी (Myopathy)
  • उंगलियों और हाथ-पैरों में शॉर्ट स्टेचर (Short Fingers / Toes)
  • हड्डियों की कमजोर संरचना

सामान्य लक्षण (General Symptoms)

  • वजन और लंबाई में कम वृद्धि (Growth Delay)
  • बार-बार बुखार (Recurrent Fever)
  • थकान और कमजोरी (Fatigue & Weakness)

Nakajo-Nishimura Syndrome कैसे पहचाने (Diagnosis of Nakajo-Nishimura Syndrome)

  1. शारीरिक परीक्षण (Physical Examination) – त्वचा और मांसपेशियों की सूजन और गठानें
  2. Blood Tests (रक्त परीक्षण) – सूजन के मार्कर जैसे ESR, CRP बढ़े हुए
  3. Genetic Testing (जेनेटिक टेस्ट) – PSMB8 जीन में म्यूटेशन की पुष्टि
  4. Muscle Biopsy – मांसपेशियों की सूजन और क्षति का पता
  5. Imaging Studies – हड्डियों और मांसपेशियों की संरचना देखने के लिए

Nakajo-Nishimura Syndrome इलाज (Treatment of Nakajo-Nishimura Syndrome)

1. दवा उपचार (Medications)

  • Corticosteroids (Prednisone) – सूजन कम करने के लिए
  • Immunosuppressants (Methotrexate, Cyclosporine) – प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया नियंत्रित करने के लिए
  • Biologics (e.g., IL-6 inhibitors) – गंभीर सूजन वाले मामलों में

2. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)

  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और गतिशीलता बनाए रखने के लिए

3. Symptomatic Management (लक्षण नियंत्रण)

  • बुखार और दर्द के लिए दवाएँ
  • त्वचा की देखभाल और संक्रमण रोकना

4. Genetic Counseling (जेनेटिक परामर्श)

  • परिवार में संभावित वाहक और भविष्य के गर्भधारण के लिए

Nakajo-Nishimura Syndrome कैसे रोके (Prevention)

  • Carrier Screening (वाहक जाँच) – अगर परिवार में मामला है
  • Prenatal Genetic Testing (गर्भ में जीन जाँच) – भ्रूण में रोग की पहचान
  • Early Diagnosis & Treatment – लक्षणों के शुरुआत में पहचान

सावधानियाँ (Precautions)

  • बार-बार बुखार और त्वचा की सूजन को अनदेखा न करें
  • संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखें
  • दवा और थेरेपी का नियमित पालन करें
  • डॉक्टर के निर्देशानुसार Immunosuppressive therapy लें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. Nakajo-Nishimura Syndrome कितने गंभीर है?

यह एक क्रॉनिक ऑटोइन्फ्लेमेटरी रोग है और जीवन पर असर डाल सकता है, लेकिन उचित देखभाल से जीवन स्तर सुधारा जा सकता है।

Q2. क्या यह संक्रामक है?

नहीं, यह आनुवंशिक रोग है और व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलता।

Q3. क्या इसका इलाज संभव है?

पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन दवा, फिजियोथेरेपी और जीवनशैली प्रबंधन से लक्षण नियंत्रित किए जा सकते हैं।

Q4. क्या यह बच्चों में ही दिखाई देता है?

हाँ, यह रोग जन्मजात है और लक्षण अक्सर शिशु या बचपन में दिखाई देते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Nakajo-Nishimura Syndrome (नाकाजो-निशिमुरा सिंड्रोम) एक दुर्लभ, जन्मजात ऑटोइन्फ्लेमेटरी रोग है।
समय पर जेनेटिक परीक्षण, दवा उपचार और फिजियोथेरेपी से रोगियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
यदि बच्चे में बार-बार बुखार, त्वचा पर गांठें या मांसपेशियों की कमजोरी दिखे, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

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