Neonatal Leukemia (नवजात शिशु ल्यूकेमिया) एक दुर्लभ और गंभीर रक्त रोग (Blood Disorder) है जो जन्म के पहले 4 सप्ताह के भीतर शिशु को प्रभावित करता है।
इसमें असामान्य श्वेत रक्त कोशिकाएँ (Abnormal White Blood Cells / Blast Cells) असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, रक्त में असंतुलन और अंगों में सूजन होती है।
यह रोग नवजात शिशुओं में बहुत ही दुर्लभ है और इसे समय पर पहचानना और उपचार करना बेहद जरूरी है।
Neonatal Leukemia क्या होता है (What is Neonatal Leukemia)
- यह रोग हड्डी का मज्जा (Bone Marrow) प्रभावित करता है।
- असामान्य Blast Cells का निर्माण होता है, जो सामान्य रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को रोक देते हैं।
- परिणामस्वरूप एनीमिया (Anemia), संक्रमण और रक्तस्राव (Bleeding) जैसी समस्याएँ होती हैं।
- यह दो प्रकार का हो सकता है:
- Acute Myeloid Leukemia (AML / तीव्र मायेलॉयड ल्यूकेमिया)
- Acute Lymphoblastic Leukemia (ALL / तीव्र लिम्फॉब्लास्टिक ल्यूकेमिया)
Neonatal Leukemia कारण (Causes of Neonatal Leukemia)
- Genetic Mutations (जीन म्यूटेशन) – कुछ बच्चों में जन्म से जीन म्यूटेशन के कारण।
- Chromosomal Abnormalities (क्रोमोसोमल असामान्यता) – जैसे Down syndrome से जुड़े मामले।
- Environmental Factors (पर्यावरणीय कारक) – गर्भावस्था में विकिरण या कुछ दवाओं का असर।
- Family History (परिवार में ल्यूकेमिया) – यदि माता-पिता या परिवार में इतिहास हो।
- Unknown Causes (अज्ञात कारण) – अधिकांश मामलों में सटीक कारण ज्ञात नहीं होता।
Neonatal Leukemia लक्षण (Symptoms of Neonatal Leukemia)
1. रक्त और हड्डी से जुड़े लक्षण (Hematologic Symptoms)
- कमजोर और पीला चेहरा (Pallor / Anemia)
- असामान्य रक्तस्राव (Bleeding / Bruising)
- बहुत अधिक नींद या कमजोरी (Lethargy / Weakness)
- सांस लेने में कठिनाई
2. अंग और ऊतक के लक्षण (Organ Symptoms)
- यकृत और प्लीहा में सूजन (Hepatosplenomegaly)
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण – पेट में सूजन या दस्त
- त्वचा पर लाल या बैंगनी धब्बे (Skin Lesions / Rash)
3. अन्य लक्षण (Other Symptoms)
- बार-बार संक्रमण (Frequent Infections)
- बुखार (Fever)
- वजन न बढ़ना या धीमा बढ़ना
Neonatal Leukemia कैसे पहचाने (Diagnosis of Neonatal Leukemia)
- Blood Tests (रक्त जांच) – CBC, Peripheral smear
- Bone Marrow Aspiration / Biopsy – असामान्य Blast Cells की पुष्टि
- Flow Cytometry & Immunophenotyping – Blast cells के प्रकार की पहचान
- Genetic & Molecular Testing – Chromosomal और जीन परिवर्तन की जाँच
- Ultrasound / MRI – अंगों में सूजन या संक्रमण का पता
Neonatal Leukemia इलाज (Treatment of Neonatal Leukemia)
1. Chemotherapy (कीमोथेरेपी)
- मुख्य उपचार, जो असामान्य कोशिकाओं को नष्ट करता है।
- विशेष ध्यान नवजात शिशु के कमजोर शरीर पर होता है।
2. Supportive Care (सहायक देखभाल)
- Blood transfusion – RBC और Platelets की कमी दूर करने के लिए
- Antibiotics – संक्रमण रोकने के लिए
- Nutritional support – उचित पोषण
3. Stem Cell / Bone Marrow Transplant (आवश्यक होने पर)
- गंभीर या रेसिस्टेंट मामलों में
- स्वस्थ Stem Cells से हड्डी के मज्जे का पुनर्निर्माण
4. Symptomatic Treatment
- Fever और दर्द नियंत्रित करना
- Organ support (जैसे लिवर और किडनी)
Neonatal Leukemia कैसे रोके (Prevention)
- अधिकांश मामलों में जन्म से जुड़ा होता है, इसलिए रोकथाम मुश्किल है।
- गर्भावस्था के दौरान रसायनों, विकिरण और हानिकारक दवाओं से बचाव।
- यदि परिवार में इतिहास है, तो Genetic Counseling की सलाह।
सावधानियाँ (Precautions)
- संक्रमण से बचाव – नवजात शिशु को साफ और सुरक्षित रखें
- नियमित मेडिकल चेकअप – ल्यूकेमिया के लक्षणों पर नजर रखें
- दवाओं की सावधानी – कीमोथेरेपी या अन्य दवाओं का केवल डॉक्टर की निगरानी में उपयोग
- पोषण और देखभाल – शिशु को उचित आहार और आराम देना
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या Neonatal Leukemia ठीक हो सकता है?
हाँ, प्रारंभिक पहचान और उपचार से बहुत से मामलों में शिशु ठीक हो सकता है।
Q2. यह कितनी बार जन्म के पहले हफ्तों में होता है?
यह बहुत दुर्लभ है, लगभग 1 मिलियन में 1 नवजात में।
Q3. क्या यह केवल लड़कों या लड़कियों में होता है?
यह दोनों लिंगों में हो सकता है।
Q4. इलाज में कितने समय लगता है?
कीमोथेरेपी और supportive care का पूरा कोर्स अक्सर 6–12 महीने तक चलता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Neonatal Leukemia (नवजात शिशु ल्यूकेमिया) एक गंभीर लेकिन दुर्लभ रक्त रोग है।
समय पर रक्त जांच, हड्डी के मज्जे की जांच और कीमोथेरेपी से नवजात शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है।
सावधानी, संक्रमण से बचाव और विशेषज्ञ चिकित्सकीय देखभाल इस रोग में जीवन रक्षक हैं।