रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस (Renal Papillary Necrosis) एक गंभीर किडनी रोग है, जिसमें किडनी के अंदर स्थित रेनल पैपिला (Renal Papillae) नामक छोटे ऊतक मरने (Necrosis) लगते हैं।
ये पैपिला मूत्र (Urine) को कलेक्टिंग डक्ट्स तक पहुंचाने का काम करते हैं। जब ये ऊतक नष्ट हो जाते हैं, तो किडनी का मूत्र छानने और निकालने का कार्य प्रभावित होता है।
यह रोग अक्सर डायबिटीज (Diabetes), संक्रमण (Infection), एनाल्जेसिक दवाओं के अत्यधिक प्रयोग (Excess Analgesic Use) या रक्त प्रवाह में रुकावट (Ischemia) के कारण होता है।
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस क्या होता है? (What is Renal Papillary Necrosis?)
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस वह स्थिति है जिसमें किडनी की आंतरिक संरचना — विशेष रूप से रेनल पैपिला — रक्त की कमी या विषैले प्रभावों के कारण नष्ट हो जाती है।
इस स्थिति में किडनी का मूत्र बनाने और शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने की क्षमता घट जाती है, जिससे किडनी फेल्योर (Kidney Failure) का खतरा बढ़ जाता है।
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस के कारण (Causes of Renal Papillary Necrosis)
यह रोग कई कारणों से हो सकता है, जिनमें प्रमुख हैं:
- डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus) – उच्च शुगर लेवल से किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है।
- एनाल्जेसिक ड्रग्स का अत्यधिक प्रयोग (Excess Use of Painkillers like NSAIDs) – जैसे इबुप्रोफेन (Ibuprofen), एस्पिरिन (Aspirin) आदि का लंबे समय तक उपयोग।
- किडनी इंफेक्शन (Pyelonephritis) – गंभीर संक्रमण से किडनी ऊतक मर सकते हैं।
- मूत्र मार्ग में रुकावट (Urinary Tract Obstruction) – मूत्र के बहाव में रुकावट से रक्त प्रवाह कम हो जाता है।
- सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Disease) – इस रोग में रक्त प्रवाह में बाधा से पैपिला को ऑक्सीजन नहीं मिलती।
- लिवर रोग या डीहाइड्रेशन (Liver Disease or Dehydration) – शरीर में तरल पदार्थ की कमी से किडनी ऊतक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस के लक्षण (Symptoms of Renal Papillary Necrosis)
- पेशाब में खून आना (Hematuria)
- पीठ या कमर के एक ओर दर्द (Flank Pain)
- बार-बार पेशाब लगना (Frequent Urination)
- बुखार और ठंड लगना (Fever and Chills)
- पेशाब का कम आना या रुक जाना (Decreased Urine Output)
- मितली और उल्टी (Nausea and Vomiting)
- शरीर में सूजन (Swelling in Legs or Face)
- थकान और कमजोरी (Fatigue)
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस कैसे पहचानें (How to Identify Renal Papillary Necrosis)
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित जांचें करते हैं:
- मूत्र जांच (Urinalysis) – पेशाब में खून, प्रोटीन या संक्रमण की उपस्थिति पता लगती है।
- रक्त जांच (Blood Tests) – किडनी के कार्य (Creatinine, BUN) की जांच की जाती है।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – किडनी की संरचना और सूजन का पता चलता है।
- CT स्कैन / MRI – नेक्रोसिस या ब्लॉकेज की सटीक स्थिति दिखती है।
- इंट्रावेनस पायलोग्राम (IVP) – किडनी के अंदर मूत्र के प्रवाह को देखने के लिए डाई इंजेक्ट की जाती है।
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस का इलाज (Treatment of Renal Papillary Necrosis)
इलाज रोग के कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है:
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संक्रमण का इलाज (Treating Infection):
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) दी जाती हैं ताकि संक्रमण नियंत्रित हो सके।
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दवाओं का नियंत्रण (Stopping Harmful Medications):
- एनाल्जेसिक या नेफ्रोटॉक्सिक दवाओं को तुरंत बंद किया जाता है।
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डायबिटीज कंट्रोल (Controlling Diabetes):
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन या अन्य दवाएं दी जाती हैं।
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तरल संतुलन (Fluid Balance):
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त तरल दिया जाता है।
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ब्लॉकेज हटाना (Removing Obstruction):
- अगर मूत्र मार्ग में कोई रुकावट है तो सर्जरी या स्टेंट के जरिए हटाई जाती है।
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उन्नत स्थिति में (In Advanced Cases):
- यदि किडनी फेल्योर विकसित हो गया है, तो डायलिसिस (Dialysis) या किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) की आवश्यकता हो सकती है।
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस के घरेलू उपाय (Home Remedies for Renal Papillary Necrosis)
यह रोग गंभीर है, इसलिए घरेलू उपाय केवल डॉक्टर की सलाह के साथ ही करें।
- पर्याप्त पानी पिएं: किडनी से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है।
- नमक का सेवन सीमित करें: इससे किडनी पर बोझ कम होता है।
- कैफीन और शराब से बचें: ये किडनी के लिए हानिकारक हैं।
- स्वस्थ आहार लें: हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम प्रोटीन वाला भोजन लें।
- ब्लड शुगर नियंत्रित रखें: डायबिटीज़ वाले रोगियों के लिए यह बहुत आवश्यक है।
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस से बचाव (Prevention of Renal Papillary Necrosis)
- दर्दनाशक दवाओं का अत्यधिक उपयोग न करें।
- पर्याप्त पानी पिएं।
- डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें।
- संक्रमण का समय पर इलाज कराएं।
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा लंबे समय तक न लें।
- साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) जरूर करवाएं।
सावधानियाँ (Precautions for Renal Papillary Necrosis)
- लक्षण दिखने पर स्वयं इलाज न करें।
- पुरानी किडनी की बीमारी या डायबिटीज़ के मरीज नियमित जांच करवाएं।
- दवाओं की डोज हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
- अगर पेशाब में खून या दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Renal Papillary Necrosis)
Q1. क्या रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस पूरी तरह ठीक हो सकता है?
अगर समय पर पहचान और इलाज किया जाए तो शुरुआती स्टेज में रिकवरी संभव है, लेकिन गंभीर मामलों में किडनी को स्थायी नुकसान हो सकता है।
Q2. क्या यह रोग दर्द देता है?
हाँ, इसमें कमर या पीठ के हिस्से में हल्का या तेज दर्द हो सकता है।
Q3. क्या दर्दनाशक दवाएं इस रोग का कारण बन सकती हैं?
हाँ, लंबे समय तक NSAIDs या अन्य पेनकिलर का सेवन किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
Q4. क्या डायबिटीज मरीजों में इसका खतरा ज्यादा होता है?
हाँ, डायबिटीज इस रोग का सबसे आम कारण है।
Q5. क्या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है?
अगर किडनी पूरी तरह से फेल हो जाए, तो ट्रांसप्लांट ही अंतिम विकल्प होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
रिनल पैपिलरी नेक्रोसिस (Renal Papillary Necrosis) एक गंभीर लेकिन रोकी जा सकने वाली किडनी बीमारी है।
इसका मुख्य कारण डायबिटीज और दर्दनाशक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग है।
स्वस्थ जीवनशैली, पर्याप्त पानी, संतुलित आहार और नियमित जांच के माध्यम से इस रोग से बचाव संभव है।