Plummer's Disease (प्लमर रोग) को चिकित्सकीय रूप से Toxic Multinodular Goiter (टॉक्सिक मल्टीनोड्यूलर गॉइटर) कहा जाता है।
यह एक थायरॉयड ग्रंथि (Thyroid Gland) से संबंधित बीमारी है, जिसमें थायरॉयड में कई गांठें (nodules) बन जाती हैं और वे अत्यधिक मात्रा में थायरॉयड हार्मोन बनाने लगती हैं।
इससे शरीर में हाइपरथायरॉयडिज़्म (Hyperthyroidism) की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
प्लमर रोग क्या होता है? (What is Plummer's Disease)
Plummer's Disease वह स्थिति है जिसमें:
- थायरॉयड ग्रंथि में कई नोड्यूल बनते हैं
- ये नोड्यूल बिना नियंत्रण के हार्मोन बनाने लगते हैं
- T3 और T4 हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है
- TSH हार्मोन दब जाता है
यह रोग आमतौर पर मध्यम आयु और वृद्ध व्यक्तियों में अधिक देखा जाता है।
प्लमर रोग के कारण (Causes of Plummer's Disease)
1. लंबे समय से चला आ रहा गॉइटर (Long-standing goiter)
- वर्षों तक untreated गॉइटर रहने से नोड्यूल सक्रिय हो जाते हैं
2. आयोडीन की असंतुलित मात्रा (Iodine imbalance)
- अचानक आयोडीन की अधिकता
- आयोडीन युक्त दवाएँ या contrast dye
3. उम्र से संबंधित परिवर्तन (Age-related changes)
- उम्र बढ़ने पर थायरॉयड ऊतक में बदलाव
4. आनुवंशिक प्रवृत्ति (Genetic predisposition)
- परिवार में थायरॉयड रोग का इतिहास
प्लमर रोग के लक्षण (Symptoms of Plummer's Disease)
सामान्य लक्षण (General symptoms):
- वजन तेजी से कम होना
- भूख अधिक लगना
- अत्यधिक पसीना आना
- गर्मी सहन न होना (Heat intolerance)
- दिल की धड़कन तेज होना (Palpitations)
- बेचैनी और घबराहट
अन्य लक्षण:
- हाथों में कंपन (Tremors)
- थकान और कमजोरी
- नींद न आना
- गर्दन में सूजन या गांठ
- सांस लेने या निगलने में कठिनाई (बड़े गॉइटर में)
प्लमर रोग क्या कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Plummer's Disease)
1. रक्त जांच (Blood Tests)
- TSH कम
- T3 और T4 हार्मोन अधिक
2. थायरॉयड स्कैन (Thyroid Scan / Radioactive Iodine Uptake Test)
- कई “हॉट नोड्यूल” दिखाई देते हैं
3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound of Thyroid)
- नोड्यूल का आकार और संख्या
4. फाइन नीडल एस्पिरेशन (FNAC)
- कैंसर की संभावना को बाहर करने के लिए
प्लमर रोग का इलाज (Treatment of Plummer's Disease)
1. एंटी-थायरॉयड दवाएँ (Anti-thyroid medications)
- Methimazole
- Propylthiouracil (PTU)
2. रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी (Radioactive Iodine Therapy – RAI)
- नोड्यूल को नष्ट करने का सबसे सामान्य उपचार
3. सर्जरी (Thyroidectomy)
- बहुत बड़ा गॉइटर
- सांस या निगलने में समस्या
- कैंसर का संदेह
4. लक्षणों का नियंत्रण (Symptom control)
- Beta-blockers (दिल की धड़कन नियंत्रित करने के लिए)
प्लमर रोग कैसे रोके? (Prevention)
- थायरॉयड की नियमित जांच
- लंबे समय से गॉइटर हो तो इलाज कराएँ
- आयोडीन का संतुलित सेवन
- डॉक्टर की सलाह के बिना आयोडीन युक्त दवाएँ न लें
घरेलू उपाय (Home Remedies)
घरेलू उपाय प्लमर रोग का इलाज नहीं हैं, लेकिन लक्षणों में मदद कर सकते हैं।
- संतुलित आहार
- कैफीन और मसालेदार भोजन कम करें
- तनाव कम करें (योग, ध्यान)
- पर्याप्त नींद लें
सावधानियाँ (Precautions)
- खुद से थायरॉयड दवाएँ बंद न करें
- दिल की धड़कन तेज या सीने में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- गर्भावस्था में विशेष निगरानी आवश्यक
- नियमित TSH, T3, T4 जांच कराते रहें
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. क्या Plummer's Disease और Graves' Disease एक ही हैं?
नहीं, Graves' Disease एक autoimmune रोग है, जबकि Plummer's Disease नोड्यूल के कारण होता है।
2. क्या यह रोग ठीक हो सकता है?
हाँ, Radioactive iodine या surgery से यह नियंत्रित या ठीक किया जा सकता है।
3. क्या यह कैंसर में बदल सकता है?
अधिकतर मामलों में नोड्यूल benign होते हैं, लेकिन जांच जरूरी है।
4. क्या यह महिलाओं में अधिक होता है?
हाँ, महिलाओं में इसकी संभावना अधिक होती है।
5. क्या दवाएँ हमेशा लेनी पड़ती हैं?
नहीं, कई मामलों में definitive treatment (RAI या surgery) के बाद दवाएँ बंद हो जाती हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
Plummer's Disease (प्लमर रोग) थायरॉयड से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बीमारी है, जो untreated रहने पर हृदय, हड्डियों और मेटाबॉलिज़्म को प्रभावित कर सकती है।
समय पर पहचान, सही जांच और उचित इलाज से इस रोग को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सकता है।
यदि थायरॉयड के लक्षण लंबे समय से बने हुए हैं, तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट (Endocrinologist) से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है