Khushveer Choudhary

Polymyalgia Rheumatica कारण, लक्षण, पहचान और इलाज की पूरी जानकारी

Polymyalgia Rheumatica (पॉलीमायल्जिया रूमैटिका) एक सूजन संबंधी (inflammatory) बीमारी है, जिसमें मुख्य रूप से कंधों, गर्दन, कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों में दर्द और अकड़न होती है।

यह रोग अधिकतर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है और सुबह के समय इसके लक्षण अधिक गंभीर होते हैं।

यह एक ऑटोइम्यून (autoimmune-like) विकार माना जाता है और अक्सर Giant Cell Arteritis (जायंट सेल आर्टेराइटिस) से जुड़ा हो सकता है।

पॉलीमायल्जिया रूमैटिका क्या होता है? (What is Polymyalgia Rheumatica)

Polymyalgia Rheumatica वह स्थिति है जिसमें:

  • शरीर की बड़ी मांसपेशियों में सूजन
  • सुबह उठते समय अत्यधिक अकड़न
  • कंधे और कूल्हे हिलाने में कठिनाई
  • सामान्य गतिविधियाँ करना मुश्किल

यह बीमारी मांसपेशियों की कमजोरी नहीं, बल्कि दर्द और stiffness पैदा करती है।

पॉलीमायल्जिया रूमैटिका के कारण (Causes of Polymyalgia Rheumatica)

इस बीमारी का सटीक कारण पूरी तरह ज्ञात नहीं है, लेकिन संभावित कारणों में शामिल हैं:

1. इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी (Immune system dysfunction)

  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों पर हमला करने लगती है

2. उम्र से संबंधित बदलाव (Age-related factors)

  • यह रोग अधिकतर 50 वर्ष के बाद होता है

3. अनुवांशिक कारण (Genetic factors)

  • परिवार में ऑटोइम्यून बीमारियों का इतिहास

4. पर्यावरणीय कारक (Environmental triggers)

  • वायरल संक्रमण या मौसम में बदलाव

पॉलीमायल्जिया रूमैटिका के लक्षण (Symptoms of Polymyalgia Rheumatica)

  • कंधों और गर्दन में दर्द व अकड़न
  • कूल्हों और जांघों में जकड़न
  • सुबह उठते समय stiffness (30–60 मिनट या अधिक)
  • चलने-फिरने में परेशानी
  • थकान और कमजोरी
  • हल्का बुखार
  • वजन कम होना
  • भूख कम लगना
  • अवसाद या चिड़चिड़ापन

पॉलीमायल्जिया रूमैटिका कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Polymyalgia Rheumatica)

1. शारीरिक जांच (Physical Examination)

  • मांसपेशियों की गति और दर्द का मूल्यांकन

2. रक्त परीक्षण (Blood Tests)

  • ESR (Erythrocyte Sedimentation Rate)
  • CRP (C-Reactive Protein)
  • ये दोनों सूजन बढ़ने पर अधिक होते हैं

3. अन्य जांच (Additional Tests)

  • Rheumatoid Arthritis को exclude करने के लिए
  • Ultrasound या MRI (कुछ मामलों में)

4. इलाज से प्रतिक्रिया (Response to treatment)

  • Low-dose steroid से जल्दी सुधार होना भी निदान में सहायक होता है

पॉलीमायल्जिया रूमैटिका का इलाज (Treatment of Polymyalgia Rheumatica)

1. स्टेरॉयड थेरेपी (Corticosteroid Therapy)

  • Low-dose Prednisolone मुख्य उपचार
  • कुछ ही दिनों में दर्द और अकड़न में राहत

2. दवा की निगरानी (Medication monitoring)

  • धीरे-धीरे steroid dose कम की जाती है
  • इलाज कई महीनों से 1–2 साल तक चल सकता है

3. कैल्शियम और विटामिन D (Calcium & Vitamin D)

  • हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए

4. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)

  • मांसपेशियों की गतिशीलता बनाए रखने के लिए

पॉलीमायल्जिया रूमैटिका कैसे रोके? (Prevention)

इस बीमारी की पूर्ण रोकथाम संभव नहीं है, लेकिन जोखिम कम किया जा सकता है:

  • नियमित स्वास्थ्य जांच
  • सूजन के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
  • संतुलित आहार
  • हल्का व्यायाम
  • समय पर डॉक्टर से परामर्श

घरेलू उपाय (Home Remedies)

घरेलू उपाय इलाज का विकल्प नहीं हैं, लेकिन लक्षणों में राहत दे सकते हैं।

  • हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
  • गर्म पानी से स्नान
  • संतुलित, anti-inflammatory diet
  • पर्याप्त आराम और नींद
  • तनाव कम करने के उपाय

सावधानियाँ (Precautions)

  • बिना डॉक्टर की सलाह steroid बंद न करें
  • अचानक दर्द बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें
  • Giant Cell Arteritis के लक्षणों पर ध्यान दें
    1. सिरदर्द
    1. जबड़े में दर्द
    1. दृष्टि धुंधली होना
  • नियमित blood tests कराते रहें

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या Polymyalgia Rheumatica गठिया है?

नहीं, यह गठिया नहीं बल्कि सूजन संबंधी मांसपेशीय रोग है।

2. क्या यह पूरी तरह ठीक हो सकती है?

हाँ, सही इलाज से यह नियंत्रित हो जाती है और कई मामलों में पूरी तरह ठीक भी हो सकती है।

3. क्या यह बुजुर्गों में ही होती है?

अधिकतर 50 वर्ष से ऊपर के लोगों में होती है।

4. क्या स्टेरॉयड लंबे समय तक लेना सुरक्षित है?

डॉक्टर की निगरानी में लेने पर सुरक्षित होता है।

5. क्या यह दोबारा हो सकती है?

हाँ, कुछ मामलों में relapse हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Polymyalgia Rheumatica (पॉलीमायल्जिया रूमैटिका) एक उम्र से जुड़ी सूजन वाली बीमारी है, जो सही समय पर पहचान और इलाज से अच्छी तरह नियंत्रित की जा सकती है।
Low-dose steroid उपचार, नियमित निगरानी और स्वस्थ जीवनशैली से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है।

यदि 50 वर्ष की उम्र के बाद कंधों, गर्दन या कूल्हों में लगातार दर्द और सुबह अकड़न हो, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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