Khushveer Choudhary

Post-Thrombotic Syndrome कारण, लक्षण और इलाज

Post-Thrombotic Syndrome (PTS) – पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम एक दीर्घकालिक स्थिति है जो आमतौर पर डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis – DVT) के बाद विकसित होती है।

इसमें प्रभावित व्यक्ति की टांगों में दर्द, सूजन, और त्वचा संबंधी समस्याएँ आती हैं।

PTS अक्सर DVT के इलाज के बावजूद दिखाई देता है और जीवन की गुणवत्ता पर असर डाल सकता है।

पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम क्या है? (What is Post-Thrombotic Syndrome)

Post-Thrombotic Syndrome वह स्थिति है जिसमें वीन्स (Veins) में थ्रॉम्बस (blood clot) के कारण रक्त प्रवाह बाधित होता है, जिससे टांगों में स्थायी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

  • टांग में दर्द और सूजन
  • त्वचा का रंग बदलना
  • पैरों में भारीपन और थकान

पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम के कारण (Causes of Post-Thrombotic Syndrome)

1. डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis – DVT)

  • सबसे आम कारण
  • थ्रॉम्बस की वजह से वीन वाल्व (Vein valves) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं

2. वीन वाल्व की खराबी (Valve dysfunction)

  • थ्रॉम्बस के बाद वीन वाल्व सही तरीके से रक्त को ऊपर की ओर नहीं पंप कर पाते

3. गंभीर या अपर्याप्त DVT उपचार (Severe or Inadequate DVT Treatment)

  • सही एंटीकोएगुलेंट या कम्प्रेशन थेरेपी न लेना

4. जीवनशैली और स्वास्थ्य कारक (Lifestyle & Health Factors)

  • मोटापा
  • लंबा समय बैठना या खड़ा रहना
  • धूम्रपान

पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Post-Thrombotic Syndrome)

  • टांग में सूजन (Swelling of leg)
  • दर्द और भारीपन (Pain & heaviness)
  • त्वचा का लाल, नीला या भूरे रंग का होना (Skin discoloration)
  • पैरों में जलन या झुनझुनी (Burning or tingling sensation)
  • वेरिकोज़ वेन्स (Varicose veins)
  • अल्सर या घाव (Venous ulcers) – गंभीर मामलों में

लक्षण आमतौर पर DVT के कुछ महीनों से वर्षों के भीतर विकसित हो सकते हैं।

पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Post-Thrombotic Syndrome)

1. शारीरिक परीक्षा (Physical Examination)

  • टांग की सूजन, रंग और त्वचा की बनावट की जांच

2. मेडिकल हिस्ट्री (Medical History)

  • पहले DVT का इतिहास
  • एंटीकोएगुलेंट या उपचार का रिकॉर्ड

3. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)

  • Doppler Ultrasound: रक्त प्रवाह और वीन वाल्व की जाँच
  • Venography: गंभीर मामलों में

4. स्कोरिंग सिस्टम (Clinical Scoring)

  • Villalta score या अन्य क्लिनिकल स्कोर PTS की गंभीरता मापने के लिए

पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम का इलाज (Treatment of Post-Thrombotic Syndrome)

1. कम्प्रेशन थेरेपी (Compression Therapy)

  • Compression stockings (20–30 mmHg)
  • पैरों में रक्त प्रवाह सुधारने और सूजन कम करने के लिए

2. दवा उपचार (Medications)

  • एंटीकोएगुलेंट (Anticoagulants) – रक्त थक्का रोकने के लिए
  • दर्द और सूजन के लिए NSAIDs

3. जीवनशैली सुधार (Lifestyle Changes)

  • वजन कम करना
  • नियमित व्यायाम और पैरों को ऊँचा रखना
  • लंबा समय खड़ा या बैठा न रहना

4. सर्जिकल विकल्प (Surgical Options)

  • गंभीर मामलों में venous reconstruction, angioplasty या stenting

5. अल्सर का उपचार (Venous Ulcer Care)

  • ड्रेसिंग और infection control
  • Dermatologist/Phlebologist से देखभाल

पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम कैसे रोके? (Prevention of Post-Thrombotic Syndrome)

  • DVT का समय पर और पूर्ण उपचार
  • Compression stockings का उपयोग DVT के बाद
  • नियमित व्यायाम और टांगों को ऊँचा रखना
  • मोटापा कम करना
  • धूम्रपान और शराब से बचना

सावधानियाँ (Precautions)

  • DVT लक्षण (टांग में अचानक सूजन, दर्द) को नजरअंदाज न करें
  • Compression stockings सही तरीके से पहनें
  • डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटीकोएगुलेंट दवाएँ नियमित लें
  • अल्सर या घाव होने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या PTS पूरी तरह ठीक हो सकता है?

  • पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

2. क्या PTS केवल DVT के बाद होता है?

  • हाँ, यह मुख्य रूप से DVT के बाद विकसित होता है।

3. क्या PTS गंभीर है?

  • आम तौर पर गंभीर जीवन खतरे वाली नहीं होती, लेकिन जीवन गुणवत्ता पर असर डाल सकती है।

4. क्या इसके लिए सर्जरी जरूरी है?

  • केवल गंभीर या अल्सर वाले मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है।

5. क्या जीवनशैली सुधार मदद करता है?

  • हाँ, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण और पैरों की देखभाल PTS के लक्षण कम कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Post-Thrombotic Syndrome (पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम) DVT के बाद विकसित होने वाली दीर्घकालिक स्थिति है।

  • समय पर DVT का इलाज
  • Compression therapy
  • जीवनशैली सुधार

इन सभी उपायों से सूजन, दर्द और अल्सर जैसी जटिलताओं से बचा जा सकता है और जीवन गुणवत्ता बेहतर बनी रहती है।


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