Post-Viral Cough (पोस्ट-वायरल खाँसी) वह खाँसी है जो किसी वायरल संक्रमण (Viral Infection) के ठीक होने के बाद भी बनी रहती है।
यह खाँसी आमतौर पर सर्दी, फ्लू या COVID-19 जैसे वायरल संक्रमण के ठीक होने के कुछ हफ्तों तक रह सकती है।
पोस्ट-वायरल खाँसी आमतौर पर गंभीर नहीं होती, लेकिन लंबे समय तक बनी रहने पर जीवन की गुणवत्ता प्रभावित कर सकती है।
पोस्ट-वायरल खाँसी क्या है? (What is Post-Viral Cough)
Post-viral cough एक सूखी या बलगम वाली खाँसी हो सकती है जो:
- वायरल संक्रमण के बाद 3 से 8 हफ्तों तक रह सकती है
- अक्सर रात में या ठंडी हवा में बढ़ जाती है
- सांस लेने में हल्की तकलीफ या खुरखुराहट पैदा कर सकती है
यह खाँसी वायरल संक्रमण के कारण श्वसन मार्ग में सूजन (inflammation of airways) और संवेदनशीलता (airway hyperreactivity) के कारण होती है।
पोस्ट-वायरल खाँसी के कारण (Causes of Post-Viral Cough)
1. श्वसन मार्ग की सूजन (Airway Inflammatio
- वायरल संक्रमण के बाद श्वसन मार्ग की परतें संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे खाँसी बनी रहती है।
2. बलगम या म्यूकस का जमाव (Excess Mucus Production)
- वायरल संक्रमण से बलगम (mucus) अधिक बनता है और खाँसी का कारण बनता है।
3. एयरवे हाइपरसेंसिटिविटी (Airway Hyperreactivity)
- वायरस के कारण ब्रोंकियल टिश्यू संवेदनशील हो जाता है।
4. अस्थमा या एलर्जी का प्रभाव (Asthma or Allergic Factors)
- पूर्व में अस्थमा या एलर्जी वाले मरीजों में पोस्ट-वायरल खाँसी अधिक लंबे समय तक रह सकती है।
पोस्ट-वायरल खाँसी के लक्षण (Symptoms of Post-Viral Cough)
- लगातार खाँसी (Persistent cough)
- रात में या ठंडी हवा में खाँसी बढ़ना
- हल्का गले में खराश (Throat irritation)
- बलगम या कफ (Phlegm or sputum) कभी-कभी
- सांस लेने में हल्की तकलीफ
- थकान या नींद में बाधा
ध्यान दें: यदि खाँसी 8 हफ्तों से अधिक बनी रहे या खून आने लगे, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें।
पोस्ट-वायरल खाँसी कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Post-Viral Cough)
1. मेडिकल हिस्ट्री (Medical History)
- हाल ही में वायरल संक्रमण हुआ था या नहीं
- अस्थमा या एलर्जी की जानकारी
2. शारीरिक जांच (Physical Examination)
- फेफड़ों की सुनवाई (lung auscultation)
- गले और नाक की जांच
3. अतिरिक्त परीक्षण (Additional Tests, if needed)
- Chest X-ray (छाती का एक्स-रे)
- Pulmonary function test (फेफड़ों की कार्यक्षमता)
- Allergy testing (एलर्जी जांच)
पोस्ट-वायरल खाँसी का इलाज (Treatment of Post-Viral Cough)
1. सामान्य देखभाल (Supportive Care)
- पर्याप्त पानी पीना (Hydration)
- गले को नम रखना (Humidifier / Steam inhalation)
- धूल और धुएँ से बचना
2. दवा उपचार (Medication)
- Cough suppressants (खाँसी दबाने वाली दवा): केवल रात में या गंभीर खाँसी में
- Inhaled bronchodilators (इनहेलर): यदि अस्थमा या airway sensitivity हो
- Anti-inflammatory drugs (स्टेरॉयड स्प्रे): श्वसन मार्ग की सूजन कम करने के लिए
3. एलर्जी प्रबंधन (Allergy Management)
- एलर्जी से बचाव
- डॉक्टर की सलाह से एंटीहिस्टामिन
पोस्ट-वायरल खाँसी कैसे रोके? (Prevention of Post-Viral Cough)
- वायरल संक्रमण से बचाव: मास्क और हाथ धोना
- संक्रमण के बाद पर्याप्त आराम और हाइड्रेशन
- धूम्रपान और प्रदूषण से बचें
- अस्थमा या एलर्जी का समय पर इलाज
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- शहद और गर्म पानी (Honey with warm water) – गले की खराश कम करता है
- गर्म भाप लेना (Steam inhalation) – बलगम ढीला करता है
- हल्का नमक पानी से गरारे (Salt water gargle)
- हल्का और पौष्टिक आहार
ध्यान दें: घरेलू उपाय लक्षण राहत के लिए हैं, गंभीर खाँसी में डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
सावधानियाँ (Precautions)
- खाँसी लंबे समय तक बनी रहे तो डॉक्टर से जाँच
- खून आने या तेज बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क
- दवा स्वयं न बदलें
- धूल, धुआँ और ठंडी हवा से बचें
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. पोस्ट-वायरल खाँसी कितने समय तक रहती है?
- आमतौर पर 3–8 हफ्तों तक बनी रहती है।
2. क्या यह गंभीर है?
- सामान्यत: गंभीर नहीं होती, लेकिन लंबे समय तक बनी खाँसी असुविधा पैदा कर सकती है।
3. क्या बच्चों में भी होती है?
- हाँ, वायरल संक्रमण के बाद बच्चों में भी पोस्ट-वायरल खाँसी हो सकती है।
4. क्या एंटीबायोटिक्स से ठीक होती है?
- नहीं, क्योंकि यह वायरल संक्रमण के बाद होती है और आमतौर पर एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं होती।
5. क्या यह फिर से हो सकती है?
- हाँ, नए वायरल संक्रमण के बाद फिर से पोस्ट-वायरल खाँसी हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Post-Viral Cough (पोस्ट-वायरल खाँसी) आमतौर पर वायरल संक्रमण के बाद शरीर की श्वसन प्रणाली की संवेदनशीलता के कारण होती है।
- पर्याप्त हाइड्रेशन और आराम
- एलर्जी और अस्थमा का प्रबंधन
- डॉक्टर की सलाह पर दवा
इन उपायों से खाँसी को नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बनाए रखी जा सकती है।