Sore throat (गले में खराश) क्या होता है, परिचय, इलाज, लक्षण, कैसे रोके, घरेलू उपाय, सावधानियाँ,

Sore throat (गले में खराश) एक सामान्य लेकिन असहज लक्षण है जो कई कारणों से हो सकता है, जैसे संक्रमण, एलर्जी या अत्यधिक बोलने से। यह स्थिति विशेष रूप से बदलते मौसम में या सर्दी-खांसी के साथ आमतौर पर देखी जाती है।

गले में खराश क्या होती है? (What is Sore Throat?)

Sore throat (गले में खराश) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गले में दर्द, जलन, सूजन या चुभन महसूस होती है, खासकर निगलते समय। यह संक्रमण (viral या bacterial), एलर्जी, धूल, धुआं या ज़्यादा बात करने से हो सकता है।

गले में खराश के कारण (Causes of Sore Throat)

  1. वायरल संक्रमण (Viral infections) – जैसे सामान्य सर्दी (common cold), फ्लू, मोनोन्यूक्लिओसिस
  2. बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial infections) – जैसे स्टे्रप थ्रोट (Streptococcal pharyngitis)
  3. एलर्जी (Allergies) – धूल, परागकण, पालतू जानवर
  4. सूखी हवा (Dry air) – गले को सूखा और चुभता हुआ बनाती है
  5. धूम्रपान या प्रदूषण (Smoking or pollution)
  6. अत्यधिक बोलना या चिल्लाना (Overuse of voice)
  7. एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux/GERD) – पेट का अम्ल गले तक आना

गले में खराश के लक्षण (Symptoms of Sore Throat)

  1. निगलते समय गले में दर्द
  2. गले की सूजन और लालिमा
  3. बोलने में तकलीफ या गला बैठ जाना
  4. खांसी और छींक
  5. टॉन्सिल का सूज जाना या मवाद बनना
  6. हल्का बुखार (fever)
  7. मुंह सूखना या खराश रहना

गले में खराश की पहचान (Diagnosis of Sore Throat)

  1. शारीरिक जांच (Physical examination)
  2. गले का निरीक्षण (Throat examination) – टॉन्सिल की सूजन या लालिमा देखी जाती है
  3. Rapid strep test – यदि बैक्टीरियल संक्रमण का संदेह हो
  4. Throat culture – लैब में बैक्टीरिया की जांच
  5. रक्त जांच (Blood tests) – अगर मोनोन्यूक्लिओसिस का संदेह हो

गले में खराश का इलाज (Treatment of Sore Throat)

1. वायरल संक्रमण

  • आमतौर पर 5-7 दिन में खुद ठीक हो जाता है
  • दर्द और बुखार के लिए Paracetamol या Ibuprofen

2. बैक्टीरियल संक्रमण

  • एंटीबायोटिक दवाएं जैसे Amoxicillin या Azithromycin
  • पूरा कोर्स करना जरूरी है

3. गले को राहत देने वाले उपाय

  • गर्म पानी से गरारे (Salt water gargles)
  • गले में चूसने वाली गोलियाँ (Lozenges)
  • गुनगुने पेय (Herbal tea, हल्दी वाला दूध)

गले में खराश से बचाव (Prevention of Sore Throat)

  1. साफ-सफाई का ध्यान रखें
  2. भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क पहनें
  3. ठंडा पानी या आइसक्रीम से परहेज़ करें
  4. हाथों को बार-बार धोएं
  5. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
  6. नियमित रूप से पानी पिएं

गले में खराश के घरेलू उपाय (Home Remedies for Sore Throat)

  1. नमक वाले गर्म पानी से गरारे (Salt Water Gargle) – सूजन और बैक्टीरिया को कम करता है
  2. शहद और अदरक (Honey and Ginger) – गले को शांत करता है और सूजन में राहत देता है
  3. हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk) – एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
  4. तुलसी की चाय (Tulsi tea) – बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक
  5. स्टीम लेना (Steam inhalation) – गले की सूजन और बलगम में राहत
  6. मुलेठी (Licorice root) – गले की खराश कम करने के लिए

सावधानियाँ (Precautions)

  • ज़्यादा चिल्लाना या बोलना न करें
  • अत्यधिक ठंडी चीज़ों से बचें
  • तले-भुने या मसालेदार भोजन से परहेज़ करें
  • एंटीबायोटिक डॉक्टर की सलाह से ही लें
  • धूम्रपान और धूल-धुएं से बचें
  • गले की सफाई और आराम पर ध्यान दें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्र.1: क्या गले में खराश गंभीर बीमारी हो सकती है?
उत्तर: आमतौर पर यह हल्की समस्या होती है, लेकिन अगर लंबे समय तक बनी रहे या तेज बुखार के साथ हो, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

प्र.2: क्या गले में खराश के लिए एंटीबायोटिक जरूरी है?
उत्तर: नहीं, केवल बैक्टीरियल संक्रमण में ही एंटीबायोटिक दी जाती है। वायरल में नहीं।

प्र.3: क्या घरेलू उपाय से गले में खराश ठीक हो सकती है?
उत्तर: हां, शुरुआती या हल्की खराश में घरेलू उपाय काफी कारगर होते हैं।

प्र.4: गले में खराश कितने दिन में ठीक होती है?
उत्तर: वायरल कारणों में 5–7 दिन में, बैक्टीरियल में 2–3 दिन में सुधार दिखने लगता है।

प्र.5: बच्चों में गले की खराश का इलाज कैसे करें?
उत्तर: घरेलू उपाय जैसे हल्दी वाला दूध और डॉक्टर द्वारा दी गई दवा से इलाज करें, कभी भी स्वयं से एंटीबायोटिक न दें।

निष्कर्ष (Conclusion)

Sore throat (गले में खराश) एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाला लक्षण है जो संक्रमण या अन्य कारणों से होता है। यदि सही समय पर पहचान और इलाज किया जाए तो इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। जीवनशैली में स्वच्छता और सावधानी अपनाकर इससे बचाव भी किया जा सकता है।


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