नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic Syndrome) एक किडनी से जुड़ी समस्या है जिसमें किडनी की फिल्टरिंग इकाइयां (glomeruli) खराब हो जाती हैं। इसके कारण प्रोटीन (Protein) मूत्र (urine) के साथ अधिक मात्रा में निकलने लगता है, जिससे शरीर में सूजन (edema) और अन्य जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। यह सिंड्रोम बच्चों और वयस्क दोनों में हो सकता है।
नेफ्रोटिक सिंड्रोम क्या होता है? (What is Nephrotic Syndrome?)
नेफ्रोटिक सिंड्रोम तब होता है जब किडनी के ग्लोमेरुली (glomeruli) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और रक्त से प्रोटीन मूत्र के माध्यम से बाहर निकलने लगता है। इससे रक्त में प्रोटीन की कमी हो जाती है, जिससे शरीर में पानी जमा हो जाता है और सूजन हो जाती है।
नेफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण (Causes of Nephrotic Syndrome)
- प्राथमिक कारण (Primary causes):
- मिनिमल चेंज डिज़ीज़ (Minimal Change Disease)
- मेसेंगियल ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Mesangial Glomerulonephritis)
- फोकल सेगमेंटल ग्लोमेरुलोस्क्लेरोसिस (Focal Segmental Glomerulosclerosis)
- माध्यमिक कारण (Secondary causes):
- मधुमेह (Diabetes Mellitus)
- ल्यूपस (Systemic Lupus Erythematosus)
- हेपेटाइटिस B या C (Hepatitis B or C)
- किडनी संक्रमण (Kidney infections)
- दवाइयों का साइड इफेक्ट (Side effects of drugs)
- कैंसर (Cancer)
नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Nephrotic Syndrome)
- शरीर में सूजन, खासकर पैर, टखने, और चेहरे पर (Swelling especially in legs, ankles, face)
- मूत्र में फोम आना (Foamy urine due to proteinuria)
- वजन बढ़ना (Weight gain due to fluid retention)
- थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
- भूख कम लगना (Loss of appetite)
- उच्च रक्तचाप (High blood pressure)
- त्वचा का खुजली होना (Itchy skin)
नेफ्रोटिक सिंड्रोम कैसे पहचाने (How to Diagnose Nephrotic Syndrome)
- मूत्र परीक्षण (Urine test): प्रोटीन की मात्रा मापने के लिए
- रक्त परीक्षण (Blood test): प्रोटीन, एल्बुमिन और कोलेस्ट्रॉल स्तर जांचने के लिए
- किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney function tests): किडनी की कार्यक्षमता जानने के लिए
- किडनी बायोप्सी (Kidney biopsy): कारण की पुष्टि के लिए कभी-कभी की जाती है
नेफ्रोटिक सिंड्रोम का इलाज (Treatment of Nephrotic Syndrome)
- दवाइयाँ (Medications):
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) सूजन कम करने के लिए
- इम्यूनोसप्रेसेंट (Immunosuppressants) अगर आवश्यक हो
- डाययूरेटिक्स (Diuretics) सूजन घटाने के लिए
- ब्लड प्रेशर नियंत्रण के लिए ACE inhibitors या ARBs
- कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाइयाँ (Statins)
- डायट (Diet):
- कम नमक वाला आहार (Low salt diet)
- प्रोटीन नियंत्रित आहार (Controlled protein intake)
- पर्याप्त तरल पदार्थ लेना
नेफ्रोटिक सिंड्रोम को कैसे रोके (Prevention of Nephrotic Syndrome)
- मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखें
- संक्रमण से बचाव करें
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयाँ न लें
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
घरेलू उपाय (Home Remedies for Nephrotic Syndrome)
- नमक कम करें और ताजे फल-सब्जियाँ खाएं
- नियमित व्यायाम करें लेकिन भारी काम से बचें
- पर्याप्त पानी पिएं
- तनाव कम करने के उपाय अपनाएं जैसे योग और ध्यान
- डॉक्टर से नियमित जांच करवाते रहें
नेफ्रोटिक सिंड्रोम के दौरान सावधानियाँ (Precautions)
- दवाइयाँ समय पर लें
- सूजन बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- भोजन में अधिक नमक, तला-भुना और ज्यादा प्रोटीन न लें
- संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें
- नियमित ब्लड प्रेशर और किडनी फंक्शन की जांच कराएं
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs about Nephrotic Syndrome)
प्रश्न 1: नेफ्रोटिक सिंड्रोम कितनी गंभीर बीमारी है?
उत्तर: यह गंभीर हो सकती है यदि समय पर इलाज न किया जाए, लेकिन सही उपचार से नियंत्रण संभव है।
प्रश्न 2: क्या नेफ्रोटिक सिंड्रोम पूरी तरह ठीक हो सकता है?
उत्तर: कई मामलों में इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन कुछ मामलों में यह दीर्घकालीन हो सकता है।
प्रश्न 3: क्या नेफ्रोटिक सिंड्रोम संक्रामक है?
उत्तर: नहीं, यह संक्रामक नहीं है।
प्रश्न 4: क्या नेफ्रोटिक सिंड्रोम वाले रोगी सामान्य जीवन जी सकते हैं?
उत्तर: हाँ, उचित देखभाल और उपचार के साथ वे सामान्य जीवन जी सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic Syndrome) किडनी की एक जटिल स्थिति है जिसमें समय पर पहचान और उचित इलाज बहुत आवश्यक है। सही डायट, दवाइयाँ और जीवनशैली परिवर्तन से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बनी रहती है। यदि सूजन या अन्य लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।