टॉन्सिलाइटिस क्या है?
टॉन्सिलाइटिस गले के पिछले हिस्से में मौजूद दो अंडाकार टॉन्सिल ग्रंथियों की सूजन को कहा जाता है। यह सूजन संक्रमण के कारण होती है और आमतौर पर बच्चों और किशोरों को अधिक प्रभावित करती है। इसके कारण गले में खराश, निगलने में कठिनाई, बुखार और गर्दन में लिम्फ नोड्स की सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
टॉन्सिलाइटिस के मुख्य कारण
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सबसे सामान्य कारण वायरल संक्रमण होते हैं।
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कभी-कभी बैक्टीरियल संक्रमण, खासकर Streptococcus pyogenes (ग्रुप A स्टेप्टोकोकस) के कारण होता है जो स्ट्रेप थ्रोट भी पैदा करता है।
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बच्चों में यह इसलिए आम होता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम विकसित हो रहा होता है।
सबसे सामान्य कारण वायरल संक्रमण होते हैं।
कभी-कभी बैक्टीरियल संक्रमण, खासकर Streptococcus pyogenes (ग्रुप A स्टेप्टोकोकस) के कारण होता है जो स्ट्रेप थ्रोट भी पैदा करता है।
बच्चों में यह इसलिए आम होता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम विकसित हो रहा होता है।
टॉन्सिलाइटिस के लक्षण (Tonsillitis Symptoms in Hindi)
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गले में खराश और जलन
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टॉन्सिल्स में सूजन और लालिमा
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टॉन्सिल्स पर सफेद या पीले धब्बे
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निगलने में दर्द या कठिनाई
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बुखार
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गर्दन में लिम्फ नोड्स की सूजन और कोमलता
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मुंह से बदबू
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गले की आवाज़ में भारीपन
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सिरदर्द और पेट दर्द
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बच्चों में लार टपकना, खाना न खाना या चिड़चिड़ापन
गले में खराश और जलन
टॉन्सिल्स में सूजन और लालिमा
टॉन्सिल्स पर सफेद या पीले धब्बे
निगलने में दर्द या कठिनाई
बुखार
गर्दन में लिम्फ नोड्स की सूजन और कोमलता
मुंह से बदबू
गले की आवाज़ में भारीपन
सिरदर्द और पेट दर्द
बच्चों में लार टपकना, खाना न खाना या चिड़चिड़ापन
टॉन्सिलाइटिस के रिस्क फैक्टर्स
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कम उम्र के बच्चे (5–15 वर्ष) अधिक प्रभावित होते हैं।
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स्कूल जाने वाले बच्चों को अक्सर बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
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कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति अधिक संवेदनशील होते हैं।
कम उम्र के बच्चे (5–15 वर्ष) अधिक प्रभावित होते हैं।
स्कूल जाने वाले बच्चों को अक्सर बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति अधिक संवेदनशील होते हैं।
टॉन्सिलाइटिस से होने वाली जटिलताएं (Complications)
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बार-बार या पुराना टॉन्सिलाइटिस
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नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट (Sleep Apnea)
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टॉन्सिल के पीछे मवाद जमा होना (Peritonsillar Abscess)
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अनट्रीटेड स्टेप इंफेक्शन से हो सकते हैं:
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Rheumatic fever (दिल, जोड़, त्वचा पर असर)
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Scarlet fever
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गुर्दों की सूजन (Glomerulonephritis)
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Reactive arthritis (जोड़ों की सूजन)
बार-बार या पुराना टॉन्सिलाइटिस
नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट (Sleep Apnea)
टॉन्सिल के पीछे मवाद जमा होना (Peritonsillar Abscess)
अनट्रीटेड स्टेप इंफेक्शन से हो सकते हैं:
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Rheumatic fever (दिल, जोड़, त्वचा पर असर)
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Scarlet fever
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गुर्दों की सूजन (Glomerulonephritis)
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Reactive arthritis (जोड़ों की सूजन)
टॉन्सिलाइटिस का इलाज (Tonsillitis Treatment in Hindi)
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वायरल टॉन्सिलाइटिस: आराम, गर्म पानी से गरारे, तरल पदार्थ, पेनकिलर्स (जैसे पैरासिटामोल)
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बैक्टीरियल टॉन्सिलाइटिस: डॉक्टर द्वारा दिए गए एंटीबायोटिक कोर्स को पूरा करना ज़रूरी है।
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बार-बार टॉन्सिलाइटिस होने पर: टॉन्सिल हटाने की सर्जरी (Tonsillectomy) की सलाह दी जा सकती है।
वायरल टॉन्सिलाइटिस: आराम, गर्म पानी से गरारे, तरल पदार्थ, पेनकिलर्स (जैसे पैरासिटामोल)
बैक्टीरियल टॉन्सिलाइटिस: डॉक्टर द्वारा दिए गए एंटीबायोटिक कोर्स को पूरा करना ज़रूरी है।
बार-बार टॉन्सिलाइटिस होने पर: टॉन्सिल हटाने की सर्जरी (Tonsillectomy) की सलाह दी जा सकती है।
टॉन्सिलाइटिस से बचाव के उपाय (Prevention Tips)
बार-बार हाथ धोने की आदत डालें
पानी की बोतल, खाने के बर्तन शेयर न करें
बीमार होने पर स्कूल या ऑफिस न जाएं
खांसते या छींकते समय रूमाल का प्रयोग करें
बच्चों को भी यह आदतें सिखाएं
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. टॉन्सिलाइटिस कितने दिन तक रहता है?
वायरल टॉन्सिलाइटिस 7–10 दिन में ठीक हो सकता है, जबकि बैक्टीरियल को एंटीबायोटिक के साथ 5–7 दिन लगते हैं।
Q. क्या टॉन्सिल्स हटवाना सुरक्षित है?
हाँ, यदि बार-बार संक्रमण हो रहा है या अन्य इलाज से आराम नहीं मिल रहा तो डॉक्टर टॉन्सिल हटाने की सलाह दे सकते हैं।
Q. क्या टॉन्सिलाइटिस संक्रामक है?
हाँ, यह वायरल या बैक्टीरियल होने पर फैल सकता है।
Q. घरेलू उपाय कौन से हैं?
गुनगुने पानी से गरारे करें, तुलसी अदरक की चाय, शहद और नींबू का सेवन आराम देता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
टॉन्सिलाइटिस एक आम लेकिन तकलीफदेह समस्या है, खासकर बच्चों में। सही समय पर इलाज और अच्छी साफ-सफाई की आदतें अपनाकर इससे बचाव किया जा सकता है। अगर लक्षण गंभीर हों या बार-बार हों, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।