Uterine Fibroids (गर्भाशय में रसौली) एक प्रकार की गैर-कैंसरयुक्त (non-cancerous) वृद्धि होती है जो महिला के गर्भाशय (Uterus) में विकसित होती है। इन्हें Myomas या Leiomyomas भी कहा जाता है। ये आमतौर पर गर्भाशय की दीवारों पर या अंदर उभरती हैं और विभिन्न आकार की हो सकती हैं - बहुत छोटे से लेकर एक बड़े ट्यूमर तक।
Uterine Fibroids क्या होता है ? (What is Uterine Fibroids?)
गर्भाशय की मांसपेशियों और संयोजी ऊतकों से बनी रसौलियाँ, जो हार्मोनल परिवर्तन, आनुवंशिक कारणों या अन्य कारकों से बढ़ती हैं, उन्हें Uterine Fibroids कहते हैं। यह अक्सर 30 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं में पाई जाती हैं और कई बार इसके कोई लक्षण नहीं होते।
Uterine Fibroids के कारण (Causes of Uterine Fibroids):
- हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) – एस्ट्रोजेन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) के उच्च स्तर
- आनुवंशिकता (Genetics) – परिवार में यदि किसी को है तो खतरा बढ़ जाता है
- गर्भावस्था (Pregnancy) – हार्मोन का स्तर बढ़ने से
- मोटापा (Obesity)
- Menarche (पहली माहवारी) की उम्र कम होना
- अनियमित जीवनशैली और तनाव
Uterine Fibroids के लक्षण (Symptoms of Uterine Fibroids):
- भारी मासिक धर्म (Heavy menstrual bleeding)
- पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द (Severe cramps during periods)
- बार-बार पेशाब आना (Frequent urination)
- निचले पेट या पेल्विक एरिया में दबाव (Pelvic pressure or pain)
- पीठ और टांगों में दर्द (Back and leg pain)
- संभोग के दौरान दर्द (Pain during intercourse)
- बांझपन (Infertility) या गर्भधारण में कठिनाई
- कब्ज (Constipation)
Uterine Fibroids को कैसे पहचाने (Diagnosis of Uterine Fibroids):
- पेल्विक परीक्षण (Pelvic Exam)
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
- MRI स्कैन (MRI Scan)
- सोनोहिस्ट्रोग्राफी (Sonohysterography)
- हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy)
- ब्लड टेस्ट – एनीमिया जांचने के लिए
Uterine Fibroids का इलाज (Treatment of Uterine Fibroids):
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दवाएं (Medications):
- हार्मोन संतुलन वाली दवाएं (Hormonal Therapy)
- दर्द निवारक (Painkillers)
- एनिमिया के लिए आयरन सप्लीमेंट
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नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट (Non-surgical Treatment):
- Uterine Artery Embolization (UAE)
- MRI-guided Focused Ultrasound Surgery (FUS)
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सर्जरी (Surgery):
- मायोमेक्टॉमी (Myomectomy) – रसौली निकालना
- हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) – पूरा गर्भाशय निकालना (जब बहुत गंभीर हो)
Uterine Fibroids को कैसे रोके (Prevention of Uterine Fibroids):
- संतुलित हार्मोन के लिए संतुलित आहार लें
- मोटापा नियंत्रित रखें
- नियमित व्यायाम करें
- तनाव कम करें
- समय-समय पर पेल्विक जांच कराते रहें
- रिफाइंड चीनी और प्रोसेस्ड फूड से बचें
Uterine Fibroids के घरेलू उपाय (Home Remedies for Uterine Fibroids):
- हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk) – सूजन और हार्मोन को संतुलित करने में सहायक
- ग्रीन टी (Green Tea) – एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
- अदरक और तुलसी का काढ़ा (Ginger-Tulsi decoction)
- एलोवेरा जूस (Aloe Vera Juice)
- फाइबर युक्त आहार (High-Fiber Diet) – जैसे फल, सब्जियां, ओट्स
सावधानियाँ (Precautions):
- दर्द या अनियमित माहवारी को न करें नजरअंदाज
- गर्भधारण से पहले जांच करवाएं
- अधिक दर्द या रक्तस्राव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- घरेलू उपाय अपनाने से पहले चिकित्सकीय सलाह लें
- हार्मोनल सप्लीमेंट खुद से न लें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्रश्न 1: क्या Uterine Fibroids कैंसर में बदल सकते हैं?
उत्तर: नहीं, यह ज्यादातर मामलों में गैर-कैंसरयुक्त (Benign) होते हैं।
प्रश्न 2: क्या Fibroids से गर्भधारण में दिक्कत आती है?
उत्तर: हाँ, कुछ मामलों में बांझपन या गर्भधारण में समस्या हो सकती है।
प्रश्न 3: क्या Fibroids का इलाज बिना सर्जरी संभव है?
उत्तर: हाँ, छोटे Fibroids को दवाओं और लाइफस्टाइल सुधार से नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 4: क्या Fibroids दोबारा हो सकते हैं?
उत्तर: हाँ, मायोमेक्टॉमी के बाद भी रसौलियाँ दोबारा विकसित हो सकती हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
Uterine Fibroids (गर्भाशय में रसौली) एक आम लेकिन उपेक्षित स्त्री रोग समस्या है। इसके लक्षणों को समझकर समय पर निदान और इलाज करवाना आवश्यक है। उचित आहार, नियमित जांच और जीवनशैली में सुधार से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हों तो चिकित्सक की सलाह अनुसार उचित उपचार लेना जरूरी है।