Lactose Intolerance कारण, लक्षण, इलाज, घरेलू उपाय और बचाव की पूरी जानकारी

लैक्टोज इनटोलरेंस (Lactose Intolerance) एक सामान्य पाचन संबंधी समस्या है जिसमें शरीर दूध और दूध से बने उत्पादों में मौजूद लैक्टोज (Lactose) नामक शुगर को पचा नहीं पाता। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर में लैक्टेज (Lactase) एंजाइम की मात्रा कम या अनुपस्थित होती है। लैक्टेज की मदद से ही लैक्टोज को ग्लूकोज और गैलेक्टोज में विभाजित कर पचाया जा सकता है।

लैक्टोज इनटोलरेंस क्या होता है  (What is Lactose Intolerance)

जब किसी व्यक्ति के शरीर में लैक्टेज एंजाइम (Lactase Enzyme) की कमी होती है, तो वह दूध या डेयरी उत्पादों को पचाने में असमर्थ हो जाता है। इससे गैस, दस्त, सूजन और पेट दर्द जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यह कोई एलर्जी नहीं होती, बल्कि यह एक पाचन विकार (Digestive Disorder) है।

लैक्टोज इनटोलरेंस को कारण (Causes of Lactose Intolerance)

  1. प्राथमिक लैक्टेज की कमी (Primary Lactase Deficiency) – उम्र बढ़ने के साथ लैक्टेज एंजाइम का उत्पादन घट जाता है।
  2. माध्यमिक लैक्टेज की कमी (Secondary Lactase Deficiency) – आंतों की चोट या बीमारी जैसे कि सेलिएक रोग (Celiac Disease), क्रोहन रोग (Crohn's Disease) के कारण।
  3. जन्मजात लैक्टोज इनटोलरेंस (Congenital Lactose Intolerance) – यह बहुत दुर्लभ है और जन्म से ही होता है।
  4. विकासात्मक लैक्टेज की कमी (Developmental Lactase Deficiency) – यह समय से पहले जन्मे शिशुओं में देखी जाती है।

लैक्टोज इनटोलरेंस के लक्षण (Symptoms of Lactose Intolerance)

  1. पेट में गैस (Gas or Bloating)
  2. दस्त (Diarrhea)
  3. पेट दर्द और ऐंठन (Abdominal pain and cramping)
  4. पेट फूलना (Bloating)
  5. मतली (Nausea)
  6. गड़बड़ पाचन (Indigestion)

लक्षण आमतौर पर दूध या डेयरी उत्पादों के सेवन के 30 मिनट से 2 घंटे के अंदर दिखाई देते हैं।

लैक्टोज इनटोलरेंस को कैसे पहचाने (Diagnosis of Lactose Intolerance)

  1. लैक्टोज टॉलरेंस टेस्ट (Lactose Tolerance Test) – लैक्टोज के सेवन के बाद रक्त में ग्लूकोज की जांच।
  2. हाइड्रोजन ब्रीथ टेस्ट (Hydrogen Breath Test) – साँस में हाइड्रोजन की मात्रा की जांच की जाती है।
  3. स्टूल एसिडिटी टेस्ट (Stool Acidity Test) – छोटे बच्चों में प्रयोग किया जाता है।

लैक्टोज इनटोलरेंस का इलाज (Treatment of Lactose Intolerance)

लैक्टोज इनटोलरेंस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है:

  1. लैक्टोज रहित आहार (Lactose-free diet) अपनाना
  2. लैक्टेज एंजाइम सप्लीमेंट्स (Lactase enzyme supplements) का सेवन
  3. प्रोबायोटिक्स (Probiotics) का उपयोग जो पाचन में मदद कर सकते हैं
  4. कैल्शियम और विटामिन D सप्लीमेंट्स लेना यदि डेयरी का सेवन नहीं कर रहे हैं

लैक्टोज इनटोलरेंस को कैसे रोके (Prevention Tips for Lactose Intolerance)

  1. डेयरी उत्पादों की पहचान करना और सीमित मात्रा में सेवन करना
  2. लैक्टोज रहित या कम लैक्टोज वाले विकल्पों का चयन
  3. दूध के बजाय सोया मिल्क, बादाम दूध, ओट मिल्क जैसे विकल्प अपनाना
  4. भोजन में कैल्शियम से भरपूर विकल्प जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली आदि को शामिल करना

लैक्टोज इनटोलरेंस के घरेलू उपाय (Home Remedies for Lactose Intolerance)

  1. अदरक (Ginger) – गैस और सूजन को कम करता है
  2. हींग का पानी (Asafoetida Water) – पेट की ऐंठन को शांत करता है
  3. पुदीना (Mint) – पाचन तंत्र को शांत करता है
  4. सौंफ (Fennel Seeds) – अपच को दूर करता है
  5. छाछ (Buttermilk - Lactose-free) – पाचन में सहायक

सावधानियाँ (Precautions for Lactose Intolerance)

  1. लेबल चेक करें – प्रोसेस्ड फूड्स में छिपा लैक्टोज हो सकता है
  2. ज्यादा मात्रा में डेयरी न लें
  3. रेस्तरां में ऑर्डर करते समय जानकारी दें
  4. सप्लीमेंट्स का सही मात्रा में प्रयोग करें
  5. लक्षण बढ़ने पर डॉक्टर से सलाह लें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

प्र. क्या लैक्टोज इनटोलरेंस खतरनाक है?
उत्तर: नहीं, यह जानलेवा नहीं है लेकिन सही डाइट और देखभाल से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

प्र. क्या बच्चे भी इससे प्रभावित हो सकते हैं?
उत्तर: हाँ, खासकर जन्मजात और विकासात्मक लैक्टेज की कमी के मामलों में।

प्र. क्या लैक्टोज इनटोलरेंस को ठीक किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

प्र. क्या दही खाने से समस्या होती है?
उत्तर: दही में लैक्टोज की मात्रा कम होती है और यह कुछ लोगों को नुकसान नहीं करता।

निष्कर्ष (Conclusion)

लैक्टोज इनटोलरेंस (Lactose Intolerance) एक आम लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। सही जानकारी, आहार में बदलाव और कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसके लक्षणों से राहत पाई जा सकती है। यदि बार-बार लक्षण महसूस हों तो उचित जांच और डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है।



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