तेज़ हृदयगति (Fast Heart Rate), जिसे चिकित्सकीय रूप से Tachycardia (टैकीकार्डिया) कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल की धड़कन सामान्य से अधिक तेज़ हो जाती है। आमतौर पर एक वयस्क व्यक्ति में हृदय गति 60 से 100 बीट प्रति मिनट होती है, लेकिन जब यह 100 बीट प्रति मिनट से अधिक हो जाती है, तो इसे तेज़ हृदयगति माना जाता है।
तेज़ हृदयगति क्या होता है ? (What is Fast Heart Rate?)
तेज़ हृदयगति तब होती है जब दिल की विद्युत प्रणाली में असंतुलन हो जाता है। यह असंतुलन दिल को बहुत तेज़ी से धड़कने के लिए प्रेरित करता है, जिससे शरीर को रक्त की आपूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती। यह स्थिति अस्थायी भी हो सकती है और कभी-कभी यह गंभीर चिकित्सा हस्तक्षेप की मांग कर सकती है।
तेज़ हृदयगति के कारण (Causes of Fast Heart Rate):
- तनाव और चिंता (Stress and Anxiety)
- तेज़ व्यायाम (Intense Physical Activity)
- कैफीन या निकोटिन का अधिक सेवन (Excessive intake of Caffeine or Nicotine)
- बुखार (Fever)
- निर्जलीकरण (Dehydration)
- थायरॉयड ग्रंथि की अधिक सक्रियता (Hyperthyroidism)
- एनीमिया (Anemia)
- दिल की बीमारियाँ (Heart Diseases)
- फेफड़ों की समस्या (Lung Diseases)
- दवाइयों का साइड इफेक्ट (Side Effects of Medications)
तेज़ हृदयगति के लक्षण (Symptoms of Fast Heart Rate):
- तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन (Rapid or Irregular Heartbeat)
- धड़कनों का एहसास होना (Palpitations)
- सीने में दर्द या बेचैनी (Chest Pain or Discomfort)
- चक्कर आना (Dizziness)
- बेहोशी या मूर्छा (Fainting)
- थकावट (Fatigue)
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of Breath)
- पसीना आना (Sweating)
तेज़ हृदयगति को कैसे पहचाने ? (How to Identify Fast Heart Rate?)
- कलाई या गर्दन पर पल्स की जांच करें। यदि बीट प्रति मिनट 100 से अधिक हो तो यह तेज़ हृदयगति हो सकती है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) द्वारा हृदय की गति और रिदम को मापा जाता है।
- होल्टर मॉनिटरिंग और इकोकार्डियोग्राफी भी निदान में मदद करते हैं।
तेज़ हृदयगति का इलाज (Treatment of Fast Heart Rate):
- दवाइयाँ (Medications): बीटा ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और एंटी-अरिदमिक ड्रग्स।
- वागल मैन्युवर (Vagal Maneuvers): जैसे गहरी सांस लेना या ठंडा पानी पीना।
- कार्डियोवर्जन (Cardioversion): इलेक्ट्रिक शॉक द्वारा दिल की रिदम को सामान्य करना।
- कैथेटर एब्लेशन (Catheter Ablation): विद्युत संकेतों के गलत स्रोत को नष्ट करना।
- पेसमेकर या आईसीडी (Pacemaker or ICD): यदि समस्या गंभीर हो तो।
तेज़ हृदयगति से कैसे बचें (Prevention of Fast Heart Rate):
- तनाव को कम करें
- नियमित व्यायाम करें
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें
- कैफीन का सीमित सेवन करें
- नींद पूरी लें
- थायरॉयड और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की नियमित जांच कराएं
तेज़ हृदयगति के घरेलू उपाय (Home Remedies for Fast Heart Rate):
- गहरी सांस लेना (Deep Breathing)
- ठंडे पानी से चेहरा धोना या पीना (Splashing Cold Water on Face or Drinking Cold Water)
- ध्यान और योग (Meditation and Yoga)
- बेल और अश्वगंधा जैसे आयुर्वेदिक उपाय (Herbs like Bael and Ashwagandha)
तेज़ हृदयगति में सावधानियाँ (Precautions in Fast Heart Rate):
- दिल की कोई पुरानी बीमारी हो तो नियमित ECG कराते रहें
- दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें
- लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- कैफीन और एनर्जी ड्रिंक से बचें
- भारी व्यायाम के बाद तुरंत न रुकें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
प्रश्न 1: क्या तेज़ हृदयगति खतरनाक होती है?
उत्तर: यदि यह अस्थायी हो तो आमतौर पर चिंता की बात नहीं है, लेकिन लगातार तेज़ हृदयगति दिल की बीमारी का संकेत हो सकती है।
प्रश्न 2: क्या तेज़ हृदयगति स्थायी हो सकती है?
उत्तर: कुछ मामलों में यह लगातार बनी रह सकती है, जिसे टैकीकार्डिया कहा जाता है और इसके लिए इलाज की जरूरत होती है।
प्रश्न 3: क्या तेज़ हृदयगति का इलाज संभव है?
उत्तर: हां, सही निदान और चिकित्सा से इसे ठीक या नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 4: ECG कब कराना चाहिए?
उत्तर: अगर धड़कन तेज़ हो, चक्कर आए या सीने में दर्द हो तो तुरंत ECG कराएं।
निष्कर्ष (Conclusion):
तेज़ हृदयगति (Fast Heart Rate) एक सामान्य लेकिन कभी-कभी गंभीर स्थिति हो सकती है। समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना और उचित इलाज लेना आवश्यक होता है। जीवनशैली में सुधार, तनाव प्रबंधन और नियमित जांच से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि कोई भी लक्षण गंभीर हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें।