Non-Ischemic Heart Failure: जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज

Non-Ischemic Heart Failure एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय की पंप करने की क्षमता कम हो जाती है, लेकिन यह स्थिति कोरोनरी धमनियों (coronary arteries) में रुकावट के कारण नहीं होती। अर्थात यह हार्ट फेलियर इस्कीमिक कारणों के बिना होता है।

इसका मुख्य कारण हृदय की मांसपेशियों की कमजोरी, जन्मजात दोष, संक्रमण, या उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियाँ हो सकती हैं।


क्या होता है Non-Ischemic Heart Failure?

जब हृदय की कार्यक्षमता घट जाती है लेकिन इसका कारण दिल की धमनियों में ब्लॉकेज नहीं होता, तो उसे गैर-इस्कीमिक हार्ट फेलियर कहा जाता है। यह स्थिति दिल की मांसपेशियों को सीधे प्रभावित करती है और दिल शरीर की ज़रूरत के अनुसार रक्त नहीं पंप कर पाता।


Non-Ischemic Heart Failure के मुख्य कारण (Causes)

Non-Ischemic Heart Failure के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. Dilated Cardiomyopathy (DCM) – दिल की मांसपेशियों का फैलना और कमजोर होना
  2. Hypertensive Heart Disease – लंबे समय तक उच्च रक्तचाप
  3. वायरल मयोकार्डाइटिस – हृदय मांसपेशियों में संक्रमण
  4. Alcoholic Cardiomyopathy – अत्यधिक शराब सेवन
  5. Genetic या पारिवारिक कारण
  6. Valvular Heart Disease – हृदय वाल्व की खराबी
  7. Pregnancy-related Cardiomyopathy (Peripartum)
  8. Metabolic disorders – जैसे थायरॉइड विकार
  9. Autoimmune रोग – जैसे lupus या sarcoidosis

Non-Ischemic Heart Failure के लक्षण (Symptoms)

  • सांस लेने में तकलीफ (विशेष रूप से गतिविधि या लेटते समय)
  • थकान और ऊर्जा की कमी
  • पैरों, टखनों और पेट में सूजन
  • अचानक वजन बढ़ना (fluid retention के कारण)
  • छाती में जकड़न
  • अनियमित या तेज दिल की धड़कन
  • भूख में कमी
  • नींद में बार-बार जागना

Non-Ischemic Heart Failure को कैसे पहचानें (Diagnosis)

Non-Ischemic Heart Failure की पहचान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण करते हैं:

  • Echocardiogram (ईको) – दिल की संरचना और कार्य की जांच
  • ECG – दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधि
  • Chest X-ray – दिल का आकार और फेफड़ों की स्थिति
  • Cardiac MRI – दिल की विस्तृत इमेजिंग
  • Blood Tests – BNP या NT-proBNP
  • Coronary Angiography – ब्लॉकेज की संभावना को बाहर करने के लिए

Non-Ischemic Heart Failure का इलाज (Treatment)

1. दवाइयाँ (Medications)

  • ACE Inhibitors / ARBs – ब्लड प्रेशर और हार्ट स्ट्रेस को कम करने के लिए
  • Beta-Blockers – दिल की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए
  • Diuretics – शरीर में अतिरिक्त पानी निकालने के लिए
  • Aldosterone antagonists
  • Digoxin – दिल की पंपिंग को बेहतर बनाने के लिए

2. उपचार प्रक्रियाएँ (Advanced Treatments)

  • ICD (Implantable Cardioverter Defibrillator) – अचानक कार्डियक अरेस्ट की रोकथाम
  • CRT (Cardiac Resynchronization Therapy)
  • LVAD (Left Ventricular Assist Device)
  • हार्ट ट्रांसप्लांट – गंभीर मामलों में

3. जीवनशैली में बदलाव

  • लो-सोडियम डाइट
  • संतुलित आहार और हाइड्रेशन
  • रोज़ाना हल्का व्यायाम
  • धूम्रपान और शराब से परहेज
  • तनाव प्रबंधन

Non-Ischemic Heart Failure के घरेलू उपाय (Home Remedies)

  • लहसुन और हल्दी – सूजन और हृदय स्वास्थ्य में सहायक
  • अर्जुन की छाल का काढ़ा – आयुर्वेद में प्रसिद्ध
  • गिलोय और तुलसी – इम्युनिटी बढ़ाने के लिए
  • गहरी सांस लेना और प्राणायाम
  • ध्यान (Meditation) और योग

(किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।)


सावधानियाँ (Precautions)

  • नियमित दवाएं न छोड़ें
  • वज़न और ब्लड प्रेशर पर नज़र रखें
  • नमक और पानी की मात्रा नियंत्रित करें
  • लक्षण बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • साल में एक बार दिल की नियमित जांच कराएं

रोकथाम (Prevention)

  • नियमित व्यायाम करें
  • संतुलित आहार लें
  • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें
  • उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखें
  • तनाव को नियंत्रित रखें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्र.1: क्या Non-Ischemic Heart Failure ठीक हो सकता है?
उत्तर: यह एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है। सही इलाज और जीवनशैली बदलाव से रोगी सामान्य जीवन जी सकता है।

प्र.2: क्या यह इस्कीमिक हार्ट फेलियर से कम खतरनाक है?
उत्तर: दोनों प्रकार गंभीर हो सकते हैं। सही समय पर पहचान और इलाज से जोखिम कम किया जा सकता है।

प्र.3: क्या यह अनुवांशिक बीमारी है?
उत्तर: कुछ मामलों में यह अनुवांशिक हो सकती है, विशेषकर dilated cardiomyopathy।

प्र.4: क्या व्यायाम सुरक्षित है?
उत्तर: हां, लेकिन हल्का और डॉक्टर की सलाह के अनुसार। अधिक मेहनत वाला व्यायाम हानिकारक हो सकता है।

प्र.5: क्या इससे मौत का खतरा होता है?
उत्तर: अगर इलाज न किया जाए तो हां, लेकिन समय पर इलाज और निगरानी से जीवन प्रत्याशा बढ़ाई जा सकती है।


निष्कर्ष (Conclusion)

Non-Ischemic Heart Failure एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। यदि इसके लक्षणों को पहचाना जाए और समय रहते इलाज शुरू किया जाए, तो रोगी अच्छा और सक्रिय जीवन जी सकता है। इसके लिए सही जानकारी, नियमित जांच और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।



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