Khushveer Choudhary

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura (aTTP): कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ – पूरी जानकारी

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura (aTTP) एक गंभीर और जानलेवा रक्त विकार (serious blood disorder) है, जिसमें रक्त में प्लेटलेट्स (platelets) की संख्या बहुत कम हो जाती है और शरीर में छोटे-छोटे रक्त के थक्के (blood clots) बनने लगते हैं। ये थक्के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे मस्तिष्क (brain), हृदय (heart), और गुर्दों (kidneys) को नुकसान पहुँचा सकते हैं।

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura क्या होता है ? (What is Acquired TTP?)

यह बीमारी तब होती है जब शरीर में एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया (autoimmune response) के कारण ADAMTS13 नामक एंजाइम को बाधित कर दिया जाता है। इस एंजाइम की कमी से vWF (von Willebrand factor) नामक प्रोटीन टूट नहीं पाता और वह रक्त में थक्के बनाने लगता है।

इसे "Acquired" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह जन्मजात नहीं होता, बल्कि जीवन में किसी समय विकसित होता है।

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura के कारण (Causes of Acquired TTP):

  1. Autoimmune Disorders – जैसे Systemic Lupus Erythematosus (SLE)
  2. गर्भावस्था (Pregnancy)
  3. HIV संक्रमण
  4. कुछ दवाएँ – जैसे Chemotherapy या Antiplatelet drugs
  5. Organ transplant के बाद
  6. Infections
  7. Idiopathic – कई मामलों में कारण स्पष्ट नहीं होता

 Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura के लक्षण (Symptoms of Acquired TTP):

  • अत्यधिक कमजोरी और थकान
  • पर्पुरा (Purpura) – त्वचा पर नीले-लाल चकत्ते
  • प्लेटलेट्स की कमी (Thrombocytopenia)
  • बुखार (Fever)
  • सिरदर्द या भ्रम (Confusion)
  • न्यूरोलॉजिकल लक्षण – जैसे दौरे (Seizures) या स्ट्रोक जैसे संकेत
  • गुर्दों की कार्यक्षमता में कमी
  • सांस की तकलीफ
  • हृदय गति में बदलाव
  • पेशाब में खून आना

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura को कैसे पहचाने? (Diagnosis of aTTP):

  1. Complete Blood Count (CBC) – प्लेटलेट्स की कमी दिखती है
  2. Peripheral Blood Smear – Schistocytes (टूटी हुई RBCs)
  3. Serum Creatinine और LDH बढ़ा हुआ
  4. ADAMTS13 Activity Test – मुख्य परीक्षण
  5. Coombs Test – निगेटिव
  6. Urinalysis और Neurological Testing

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura का इलाज (Treatment of Acquired TTP):

Acquired TTP एक आपातकालीन स्थिति है। समय रहते इलाज बहुत जरूरी है:

  1. Plasma Exchange Therapy (PEX or Plasmapheresis)
    – सबसे मुख्य और जीवनरक्षक उपचार
    – शरीर से दोषपूर्ण प्लाज्मा हटाकर नया प्लाज्मा चढ़ाया जाता है

  2. Corticosteroids
    – जैसे Prednisone, शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को दबाने के लिए

  3. Immunosuppressive drugs
    – जैसे Rituximab – अगर PEX और स्टेरॉयड से फायदा न हो

  4. Caplacizumab (anti-vWF therapy)
    – नए मामलों में approved monoclonal antibody

  5. Supportive care – जैसे RBC transfusion, Dialysis, ICU observation आदि

घरेलू उपाय नहीं अपनाएं (No Home Remedies):

Acquired TTP एक मेडिकल इमरजेंसी है। इसमें घरेलू उपाय या देरी से इलाज जानलेवा हो सकता है। केवल अस्पताल में विशेषज्ञों द्वारा इलाज ही सुरक्षित विकल्प है।

सावधानियाँ (Precautions):

  • किसी भी चोट या संक्रमण के बाद सतर्क रहें
  • यदि पहले aTTP हो चुका है तो नियमित follow-up
  • Platelet count कम होने पर Aspirin या NSAIDs से बचें
  • गर्भवती महिलाओं में aTTP का इतिहास हो तो डॉक्टर को सूचित करें
  • संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखें

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura को कैसे रोके? (Prevention):

इस बीमारी को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह अक्सर अचानक शुरू होती है, लेकिन:

  • Autoimmune रोगों का सही इलाज करें
  • संक्रमण या दवाओं से होने वाली प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दें
  • TTP का इतिहास होने पर High-risk परिस्थितियों से बचें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

Q1. क्या Acquired TTP जानलेवा है?
हाँ, यदि समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है।

Q2. क्या यह बीमारी बार-बार हो सकती है?
हाँ, कुछ मामलों में यह relapsing होती है – दोबारा हो सकती है।

Q3. क्या यह आनुवंशिक बीमारी है?
नहीं, Acquired TTP जन्मजात नहीं होती, यह जीवन में किसी समय विकसित होती है।

Q4. इलाज के बाद जीवन सामान्य हो सकता है?
हाँ, लेकिन नियमित जांच और सावधानी जरूरी है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Acquired Thrombotic Thrombocytopenic Purpura (aTTP) एक गंभीर रक्त संबंधी विकार है जो प्लेटलेट्स की कमी और रक्त के थक्कों से शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। सही समय पर इलाज और प्लाज्मा थेरेपी से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। यह जानलेवा हो सकती है, इसलिए इसके लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है।


Post a Comment (0)
Previous Post Next Post