Khushveer Choudhary

Cholestasis कारण, लक्षण, इलाज, घरेलू उपचार, बचाव और पूरी जानकारी

कोलेस्टेसिस (Cholestasis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पित्त (bile) का प्रवाह यकृत (liver) से छोटी आंत तक बाधित हो जाता है। पित्त पाचन में सहायक होता है और इसमें मौजूद पदार्थ जैसे बिलीरुबिन (bilirubin) और पित्त लवण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। जब इसका प्रवाह रुकता है, तो यह यकृत में इकट्ठा होकर त्वचा पर खुजली (itching), पीलिया (jaundice) और पाचन विकार का कारण बनता है।

कोलेस्टेसिस क्या होता है  (What is Cholestasis):

कोलेस्टेसिस का अर्थ है "पित्त का ठहराव"। यह एक जठरांत्र (gastrointestinal) विकार है जिसमें पित्त यकृत से बाहर निकल नहीं पाता या धीमा हो जाता है। यह स्थिति अस्थायी (acute) या दीर्घकालिक (chronic) हो सकती है। यह एक लिवर से संबंधित रोग है और यदि इलाज न किया जाए, तो यह लिवर डैमेज (liver damage) और पित्त सिरोसिस (biliary cirrhosis) में बदल सकता है।

कोलेस्टेसिस के कारण (Causes of Cholestasis):

1. Intrahepatic Cholestasis (यकृत के अंदर का कारण):

  • हेपेटाइटिस (Hepatitis)
  • लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis)
  • प्रेगनेंसी से जुड़ा कोलेस्टेसिस (Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy – ICP)
  • कुछ दवाएं (जैसे steroids, antibiotics, contraceptives)
  • शराब सेवन
  • जेनेटिक या मेटाबोलिक विकार

2. Extrahepatic Cholestasis (यकृत के बाहर का कारण):

  • पित्त नली में पथरी (Gallstones)
  • ट्यूमर या कैंसर
  • पित्त नली में संक्रमण (Cholangitis)
  • पित्त नली में रुकावट (Bile duct obstruction)

कोलेस्टेसिस के लक्षण (Symptoms of Cholestasis):

  1. त्वचा पर तीव्र खुजली (Severe itching on skin) – खासकर रात में
  2. पीलिया (Jaundice) – त्वचा और आंखों का पीला होना
  3. गाढ़े रंग का मूत्र (Dark urine)
  4. पीले और बदबूदार मल (Pale or clay-colored stool)
  5. थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
  6. उल्टी या मतली (Nausea)
  7. भूख में कमी (Loss of appetite)
  8. पेट दर्द – विशेष रूप से ऊपरी दाएं हिस्से में
  9. विटामिन की कमी (Vitamin deficiency) – विशेष रूप से A, D, E, K

कोलेस्टेसिस की पहचान कैसे करें (Diagnosis of Cholestasis):

  1. रक्त परीक्षण (Blood tests):
    1. बिलीरुबिन, ALP (alkaline phosphatase), ALT, AST स्तर
  2. अल्ट्रासाउंड (Abdominal ultrasound):
    1. पित्त नली में रुकावट का पता लगाने के लिए
  3. MRI या MRCP (Magnetic Resonance Cholangiopancreatography):
    1. पित्त नली का विस्तृत दृश्य
  4. लिवर बायोप्सी:
    1. यकृत के ऊतक का नमूना परीक्षण
  5. ERCP (Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography):
    1. नली की रुकावट हटाने व निदान के लिए

कोलेस्टेसिस का इलाज (Treatment of Cholestasis):

  1. कारण आधारित इलाज (Treat the underlying cause):
    1. पित्त पथरी हो तो ERCP या सर्जरी
    1. संक्रमण में एंटीबायोटिक्स
    1. दवा जनित कोलेस्टेसिस हो तो दवा बंद करना
  2. लक्षण नियंत्रण (Symptomatic treatment):
    1. खुजली के लिए: Ursodeoxycholic acid (UDCA), cholestyramine
    1. विटामिन सप्लीमेंट्स (A, D, E, K)
  3. गर्भावस्था से संबंधित कोलेस्टेसिस:
    1. UDCA दी जाती है
    1. माँ और शिशु की निगरानी
  4. लीवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant):
    1. गंभीर और अंतिम चरण की लिवर बीमारियों में

कोलेस्टेसिस से कैसे रोके (Prevention of Cholestasis):

  1. शराब का सेवन कम करें या बंद करें
  2. जिगर को हानि पहुंचाने वाली दवाओं से बचें
  3. स्वस्थ वजन बनाए रखें
  4. कम वसा वाला संतुलित आहार लें
  5. हेपेटाइटिस के टीके लें और संक्रमण से बचाव करें
  6. गर्भावस्था में नियमित चेकअप करवाएं
  7. अनुवांशिक जोखिम हो तो समय रहते जांच कराएं

घरेलू उपाय (Home Remedies for Cholestasis):

ध्यान दें: घरेलू उपाय केवल सहायक होते हैं, इलाज का विकल्प नहीं:

  1. एलोवेरा जूस – पाचन में सहायक
  2. नीम और तुलसी की पत्तियाँ – सूजन और विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद
  3. हल्दी वाला दूध या गर्म पानी – सूजन रोधी प्रभाव
  4. गाजर और चुकंदर का रस – लिवर डिटॉक्स में सहायक
  5. फाइबर युक्त भोजन – मल को सामान्य करने में सहायक
  6. भरपूर पानी पीना – विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने के लिए

सावधानियाँ (Precautions):

  1. लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क करें
  2. खुजली को नजरअंदाज न करें – यह लिवर की खराबी का संकेत हो सकता है
  3. दवा स्वयं बंद या शुरू न करें
  4. गर्भावस्था में ICP होने पर नियमित निगरानी जरूरी है
  5. दवाओं के सेवन से पहले डॉक्टर से पूछें
  6. डाइट में वसा और तला हुआ भोजन सीमित करें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

प्रश्न 1: क्या कोलेस्टेसिस खतरनाक होता है?
उत्तर: अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह लिवर फेलियर या सिरोसिस जैसी गंभीर जटिलताओं में बदल सकता है।

प्रश्न 2: क्या कोलेस्टेसिस का इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर निदान और इलाज हो जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। कई मामलों में स्थिति पूरी तरह ठीक हो जाती है।

प्रश्न 3: क्या यह गर्भावस्था में भी हो सकता है?
उत्तर: हाँ, इसे Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy (ICP) कहते हैं। इसमें शिशु को खतरा हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की निगरानी में रहना जरूरी है।

प्रश्न 4: कोलेस्टेसिस और पीलिया में क्या अंतर है?
उत्तर: कोलेस्टेसिस एक कारण है और पीलिया उसका लक्षण हो सकता है। पीलिया त्वचा और आंखों के पीले पड़ने को कहते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

कोलेस्टेसिस (Cholestasis) एक गंभीर यकृत विकार है जिसमें पित्त प्रवाह रुक जाता है या धीमा हो जाता है। इसके कारण त्वचा में खुजली, पीलिया, अपाचन और लिवर से जुड़ी अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। समय पर निदान, लक्षणों की पहचान और उचित इलाज से इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। संतुलित आहार, साफ जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य जांच इस बीमारी से बचाव की कुंजी हैं।


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