प्रोग्रेसिव फैमिलियल इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस (Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis - PFIC) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर आनुवांशिक (genetic) यकृत रोग (liver disease) है जो आमतौर पर बचपन (childhood) में शुरू होता है। इसमें यकृत की कोशिकाएं पित्त (bile) को ठीक से बाहर नहीं निकाल पातीं, जिससे पित्त यकृत में इकट्ठा होने लगता है और लिवर डैमेज (liver damage) होने लगता है। PFIC कई प्रकार का होता है – PFIC Type 1, PFIC Type 2 और PFIC Type 3, जो अलग-अलग जीन म्यूटेशन के कारण होते हैं।
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis क्या होता है (What is Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
PFIC एक ऑटोसोमल रिसेसिव जेनेटिक विकार (autosomal recessive genetic disorder) है। इसमें पित्त का प्रवाह (bile flow) बाधित हो जाता है, जिससे पित्त यकृत में रुक जाता है और कोलेस्टेसिस (cholestasis) नामक स्थिति उत्पन्न होती है। यह स्थिति लिवर फाइब्रोसिस (fibrosis), सिरोसिस (cirrhosis) और लिवर फेलियर (liver failure) तक ले जा सकती है।
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis के प्रकार (Types of Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
- PFIC Type 1 (Byler Disease): ATP8B1 जीन में दोष
- PFIC Type 2: ABCB11 जीन में दोष
- PFIC Type 3: ABCB4 जीन में दोष
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis के कारण (Causes of Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
- आनुवंशिक म्यूटेशन (Genetic Mutations):
- Type 1 – ATP8B1 gene
- Type 2 – ABCB11 gene
- Type 3 – ABCB4 gene
- ये जीन पित्त के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। जब इनका कार्य बाधित होता है, तो पित्त यकृत में एकत्र होकर सूजन और क्षति का कारण बनता है।
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis के लक्षण (Symptoms of Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
- लगातार खुजली (Severe itching – pruritus)
- पीलिया (Jaundice – skin/eyes turning yellow)
- गहरे रंग का पेशाब (Dark-colored urine)
- हल्के रंग का मल (Pale-colored stool)
- थकावट (Fatigue)
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- पेट में सूजन (Abdominal swelling)
- बढ़ा हुआ यकृत और प्लीहा (Hepatosplenomegaly)
- विकास में रुकावट (Growth failure)
- विटामिन की कमी (Fat-soluble vitamin deficiencies – A, D, E, K)
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis की पहचान कैसे करें (Diagnosis of Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
- क्लीनिकल हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री (Clinical and Family History)
- लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Tests)
- सीरम बाइल एसिड लेवल (Serum Bile Acid Test)
- लिवर बायोप्सी (Liver Biopsy) – यकृत ऊतक की जांच
- जनरेटिक टेस्टिंग (Genetic Testing) – PFIC टाइप की पुष्टि
- इमेजिंग टेस्ट्स (Ultrasound, MRI) – लिवर की बनावट जानने हेतु
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis का इलाज (Treatment of Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
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चिकित्सकीय इलाज (Medical Treatment):
- ursodeoxycholic acid (UDCA) – पित्त के प्रवाह को सुधारने हेतु
- rifampin, cholestyramine – खुजली को नियंत्रित करने के लिए
- फैट सॉल्युबल विटामिन सप्लीमेंट्स (A, D, E, K)
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सर्जिकल इलाज (Surgical Treatment):
- Partial External Biliary Diversion (PEBD)
- Ileal Bypass Surgery – Type 1 और Type 2 PFIC में सहायक
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लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant):
- जब PFIC गंभीर हो जाए और लिवर सिरोसिस या फेलियर हो जाए
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis से बचाव (Prevention of Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
- यह एक जेनेटिक रोग है, इसलिए इसका प्रत्यक्ष बचाव संभव नहीं है
- लेकिन जेनेटिक काउंसलिंग (Genetic Counseling) से अगली संतान के लिए जोखिम आंका जा सकता है
- परिवार में PFIC के केस हो तो Prenatal Genetic Testing कराई जा सकती है
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis के घरेलू उपाय (Home Remedies for Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
(नोट: PFIC का इलाज केवल चिकित्सकीय है, घरेलू उपाय केवल सहायक हैं)
- खुजली के लिए ओटमील बाथ (Oatmeal Bath)
- नारियल तेल या जैतून तेल से स्किन मॉइस्चराइज़ करना
- संतुलित आहार:
- विटामिन A, D, E, K युक्त भोजन
- कम वसा और अधिक फाइबर
- हल्दी (Turmeric): सूजन कम करने में सहायक (लेकिन डॉक्टर से पूछकर ही लें)
- नीम के पत्तों का पेस्ट या स्नान: खुजली में राहत
Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis में सावधानियाँ (Precautions in Progressive Familial Intrahepatic Cholestasis):
- बच्चों की त्वचा को ज्यादा न खुजलाने दें
- बिना डॉक्टर के कोई दवा न दें
- पोषण की कमी को गंभीरता से लें और सप्लीमेंट्स नियमित दें
- नियमित रूप से लिवर फंक्शन की जांच कराते रहें
- संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई बनाए रखें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
Q1. क्या PFIC का इलाज संभव है?
PFIC का पूर्ण इलाज केवल लिवर ट्रांसप्लांट द्वारा संभव है, लेकिन कई मरीज दवाओं और सर्जरी से लंबे समय तक नियंत्रित रह सकते हैं।
Q2. PFIC कब शुरू होता है?
PFIC आमतौर पर बचपन में, विशेषकर 3 से 6 महीने की उम्र में शुरू हो सकता है।
Q3. क्या PFIC एक अनुवांशिक बीमारी है?
हां, यह ऑटोसोमल रिसेसिव अनुवांशिक रोग है।
Q4. क्या PFIC से जीवन खतरे में पड़ता है?
यदि समय पर निदान और इलाज न हो तो यह लिवर फेलियर का कारण बन सकता है, जो जानलेवा है।
Q5. क्या PFIC अन्य बच्चों में भी हो सकता है?
अगर माता-पिता दोनों में जीन दोष है, तो अगली संतान में भी PFIC का खतरा 25% होता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
प्रोग्रेसिव फैमिलियल इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस (PFIC) एक गंभीर लेकिन पहचान योग्य और प्रबंधनीय यकृत रोग है। यदि इसका समय पर निदान किया जाए और उचित इलाज दिया जाए, तो बच्चे की जीवन गुणवत्ता में सुधार संभव है। आनुवंशिक परामर्श, जागरूकता और डॉक्टर के निर्देशानुसार इलाज PFIC के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं।